उत्तर प्रदेश के चंदौली के मनराजपुर गांव में खाकी वर्दी पर निशा यादव नामक जिस लड़की को मौत के घाट उतारने का आरोप लगा था, उस मामले को लेकर किसानों और मजदूरों ने चंदौली जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया है। इससे पहले चिलचिलाती धूप में न्याय की गुहार लगाते हुए रैली भी निकाली गई। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव हीरालाल यादव कर रहे थे। मनराजपुर कांड को लेकर किसान-मजदूर इसलिए गुस्से में हैं कि आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सैयदराजा थाने के पूर्व कोतवाल समेत सभी पुलिसकर्मी लापता हैं और उन्हें पकड़कर जेल भेजने में पुलिस के अफसर तनिक भी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं, जिससे जनता में नाराजगी बढ़ रही है। घटना की न्यायिक जांच कराने के लिए वाम दलों के लोग लगातार धरना दे रहे हैं।

चिलचिलाती धूप में किसानों-मजदूरों ने निशा यादव को न्याय दिलाने के लिए रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पहुंचकर दोषी पुलिसकर्मियों पर बुल्डोजर चलाने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि सीएम योगी के राज में मनराजपुर घटना के आरोपी खाकी वर्दी वालों पर बुल्डोजर क्यों नहीं चल रहा है? भाजपा सरकार सिर्फ दलितों, पिछड़ों, किसानों, मजदूरों के घरों को निशाना बना रही है। सिर्फ गरीबों के घर उजाड़े जा रहे हैं और बुल्डोजर भी उनके मकानो पर ही चलाया जा रहा है। मांग की गई कि निशा यादव का कत्ल करने वाले आरोपियों के खिलाफ दफा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
प्रदर्शनकारी किसानों-मजदूरों ने बर्बरता की शिकार निशा यादव के परिजनों को पचास लाख मुआवज़ा देने, मंहगाई पर रोक लगाने, नफरत और साम्प्रदायिकता की राजनीति बंद करने की मांग की गई। जिलाधिकारी दफ्तर बंद होने पर चंदौली के एसडीएम को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। 
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए माकपा के राज्य सचिव हीरालाल यादव ने कहा कि जब मनराजपुर कांड की न्यायिक जांच नहीं होगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। मोदी-योगी सरकार के राज में दलितों-पिछड़ों, किसानों मजदूरों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। सांप्रदायिकता की राजनीति देश के विकास में बाधक है। न्याय और संविधान के हिसाब से डबल इंजन की सरकार नहीं चल रही है। मंहगाई आसमान छू रही है और समाज का हर तबका परेशान हैं।
जनसभा में माकपा के जिला कार्यवाहक सचिव शम्भूनाथ यादव, किसान नेतापरमानन्द कुशवाहा, लालचंद यादव, नंदलाल यादव, महिला नेत्री लालमणि, मजदूर नेता जयनाथ, नंदलाल, भृगनाथ विश्वकर्मा, जयप्रकाश विश्वकर्मा आदि प्रमुख लोग शामिल थे। सभा की अध्यक्षता किसान नेता परमानन्द कुशवाहा और संचालन सतीश चंद्र ने किया।
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