NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
विज्ञान
अध्ययन: सस्ते स्टेरॉइड covid-19 के गंभीर मरीजों के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकते हैं!
जून में यूके में एक अनिर्दिष्ट और नियंत्रित क्लिनिकल सर्वेक्षण के दौरान यह बात निकलकर सामने आई है कि कोविड-19 से गंभीर तौर पर पीड़ित मरीजों के लिए डेक्सामेथासोन नामक स्टेरॉयड दवा राम-बाण साबित हो सकती है।  
संदीपन तालुकदार
04 Sep 2020
कोरोना वायरस
छवि मात्र प्रतिनिधित्व हेतु।

एक अन्य मेटा-विश्लेषण के अध्ययन में कोविड-19 से गंभीर तौर पर बीमार मरीजों के इलाज के सिलसिले में संचालित मेटा-विश्लेषण में पता चला है कि बेहद सस्ती और आम तौर पर उपलब्ध हो जाने वाली कोर्टिकोस्टेरॉयड का उपयोग फायदेमंद रहा है। वास्तव में देखें तो यह दवा जीवन-रक्षक साबित हो सकती है। जेएएमए (जर्नल ऑफ़ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन) में प्रकाशित एक अध्ययन में सात अनिर्दिष्ट सर्वेक्षण में प्राप्त आँकड़ों के जरिये इस बात का पता चला है कि गंभीर तौर पर बीमार मरीजों में इस स्टेरॉयड के सेवन से मृत्यु का जोखिम एक तिहाई तक कम हो सकता है।  

जून के महीने में ब्रिटेन में आयोजित किये गए एक अनिर्दिष्ट और नियंत्रित क्लिनिकल अध्ययन में पाया गया कि आसानी से उपलब्ध स्टेरॉयड दवा डेक्सामेथासोन, गंभीर तौर पर कोविड-19 से पीड़ित रोगियों के इलाज में गेम-चेंजर साबित हो सकती है। डेक्सामेथासोन की उपयोगिता के बारे में यह जानकारी रिकवरी (रैंडम इवैल्यूएशन ऑफ़ कोविड-19 थेरेपी) प्रोजेक्ट के दौरान निकलकर आई है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन या डब्ल्यूएचओ ने बुधवार के दिन इसके बारे में कोर्टिकोस्टेरॉयड के लिए अपने उपचार सम्बंधी दिशानिर्देशों को अपडेट करते हुए कहा है कि जो रोगी गंभीर तौर पर बीमार हैं, वे सात से 10 दिनों तक इस दवा को एक नए मानक के तौर पर ले सकते हैं। 

जामा अध्ययन ने सात रैंडम परीक्षणों के दौरान 1,703 मरीजों पर मेटा-विश्लेषण संचालित किये थे। इन परीक्षणों में देखने को मिला कि कोर्टिकोस्टेरॉयड को इस्तेमाल में लाने पर कुल 678 मरीजों में से 222 लोगों की ही मृत्यु हुई (तकरीबन 32%)। जबकि 1025 मरीजों के बीच जिन्हें आम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई थी या प्लेसिबो दिया गया था, उनमें मौतों की संख्या 425 (लगभग 41% तक) देखने में आई।

 अध्ययन में निष्कर्ष निकाला गया है कि गंभीर रोगियों के बीच में यदि व्यवस्थित तौर पर कोर्टिकोस्टेरॉयड को इस्तेमाल में लाया जाए तो इससे 28 दिनों में सभी वजहों से मौत की दर में कमी लाई जा सकती है।  

कोर्टिकोस्टेरॉयड क्या होते हैं?

कोर्टिकोस्टेरॉयड को समझने के लिए किसी को भी इस बात को समझने की आवश्यकता है कि स्टेरॉयड क्या होते हैं। यह एक मानव निर्मित रसायन है जो अपने ढाँचे और इस्तेमाल में किसी हार्मोन से मिलता जुलता नजर आता है। जबकि कोर्टिकोस्टेरॉयड इसकी तुलना में कहीं अधिक विशिष्ट होते हैं। यह एक रसायन है जो कोर्टिसोल जैसा नजर आता है, जिसमें अधिवृक्क ग्रंथि से हॉर्मोन पैदा होते हैं।

कोर्टिकोस्टेरॉयड भी कोर्टिसोल की तरह ही काम कर सकते हैं। वे जैसे लेखन की नकल वाले पहलू के तौर पर व्यवहार करते हैं, जोकि एक प्रोटीन है जो डीएनए में किसी ख़ास लोकेशन में बंधा होता है और ऐसा करने से यह जीन के व्यवहार को या तो दबाने में या उजागर करने के तौर पर प्रभावित करने में कामयाब रहता है।

डेक्सामेथासोन का इस्तेमाल कई प्रकार की दाहक बीमारियों जैसे कि गठिया, एलर्जिक रिएक्शन, त्वचा और आँखों की स्थितियों में इस्तेमाल में किया जाता है। 

कोर्टिकोस्टेरॉयड को लेकर प्रश्न  

सार्स-SARS (गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम) और मेर्स-MERS (मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) के बारे में किये गए पिछले अध्ययनों में गंभीर तौर पर पीड़ित मरीजों के बीच में कोर्टिकोस्टेरॉयड के इस्तेमाल से बेहद निर्णयात्मक परिणाम निकल कर नहीं आ सके थे। इसमें यह तथ्य शामिल है कि कोर्टिकोस्टेरॉयड के इस्तेमाल से इम्यून प्रतिक्रिया का शमन होने लगता है, जबकि किसी वायरस से लड़ने के लिए तो एक सक्रिय इम्यून सिस्टम की आवश्यकता पड़ती है। 

हालाँकि अभी तक जो भी रैंडम अध्ययन संचालित किये गए हैं, उनमें कोर्टिकोस्टेरॉयड के इस्तेमाल से कोविड-19 से गंभीर हालत में पड़े मरीजों के बीच में अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। डॉ टॉड राइस, जोकि क्रिटिकल हा केयर चिकित्सक होने के साथ-साथ मिशिगन विश्वविद्यालय में मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर पद पर हैं, का कहना है कि नए विश्लेषण के बाद से कोरोनावायरस से गंभीर तौर पर पीड़ित मरीजों में स्टेरॉयड के सेवन को लेकर किसी भी प्रकार की आशंका नहीं रहनी चाहिए। 

हैली प्रेस्कॉट के साथ मिलकर टॉड ने एक संपादकीय लिखा, जिसका प्रकाशन जेएएमए में भी हुआ था, जिसमें उन्होंने इस बात का उल्लेख किया है कि कोविड-19 के मामले में इम्यून सिस्टम में किसी प्रकार की बाधा जैसे कोई बड़ी समस्या नजर नहीं आती है। अपने संपादकीय में उन्होंने इस बात का उल्लेख किया है कि कोर्टिकोस्टेरॉयड से मिलने वाले लाभ इससे हो सकने वाले नुकसान की तुलना से कहीं अधिक हैं, लेकिन किसी मरीज को इसकी ठीक-ठीक खुराक क्या दी जाए, यह अभी भी अस्पष्ट है।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

Cheap, Widely Available Steroids can be Life-Saving for Critical COVID-19 Patients: Study

Corticosteroid
Covid-19 treatment
Dexamethasone
WHO Treatment Guideline
JAMA Study

Related Stories

कोविड-19 उपचार: 3 दवाओं के साथ सॉलिडेरिटी ट्रायल इस बार फिर से आरंभ हो रहा है 

कोविड-19 : गंभीर तौर पर बीमार लोगों के लिए कुछ उम्मीद लाया है डेक्सामेथासोन

स्टेरॉयड डेक्सामेथासोन के इस्तेमाल से कोविड के गंभीर रोगियों की मौतों में कमी लाई जा सकती है: अध्ययन


बाकी खबरें

  • aaj ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    धर्म के नाम पर काशी-मथुरा का शुद्ध सियासी-प्रपंच और कानून का कोण
    19 May 2022
    ज्ञानवापी विवाद के बाद मथुरा को भी गरमाने की कोशिश शुरू हो गयी है. क्या यह धर्म भावना है? क्या यह धार्मिक मांग है या शुद्ध राजनीतिक अभियान है? सन् 1991 के धर्मस्थल विशेष प्रोविजन कानून के रहते क्या…
  • hemant soren
    अनिल अंशुमन
    झारखंड: भाजपा काल में हुए भवन निर्माण घोटालों की ‘न्यायिक जांच’ कराएगी हेमंत सोरेन सरकार
    18 May 2022
    एक ओर, राज्यपाल द्वारा हेमंत सोरेन सरकार के कई अहम फैसलों पर मुहर नहीं लगाई गई है, वहीं दूसरी ओर, हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार-घोटाला मामलों की न्यायिक जांच के आदेश…
  • सोनिया यादव
    असम में बाढ़ का कहर जारी, नियति बनती आपदा की क्या है वजह?
    18 May 2022
    असम में हर साल बाढ़ के कारण भारी तबाही होती है। प्रशासन बाढ़ की रोकथाम के लिए मौजूद सरकारी योजनाओं को समय पर लागू तक नहीं कर पाता, जिससे आम जन को ख़ासी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड : क्या मज़दूरों की जान की कोई क़ीमत नहीं?
    18 May 2022
    मुंडका, अनाज मंडी, करोल बाग़ और दिल्ली के तमाम इलाकों में बनी ग़ैरकानूनी फ़ैक्टरियों में काम कर रहे मज़दूर एक दिन अचानक लगी आग का शिकार हो जाते हैं और उनकी जान चली जाती है। न्यूज़क्लिक के इस वीडियो में…
  • inflation
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब 'ज्ञानवापी' पर हो चर्चा, तब महंगाई की किसको परवाह?
    18 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार के पास महंगाई रोकने का कोई ज़रिया नहीं है जो देश को धार्मिक बटवारे की तरफ धकेला जा रहा है?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License