NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
वीर दास के बहाने: हमने आईना दिखाया तो बुरा मान गए
वीर दास के बयान की मुखालिफत सरकार का बचाव कैसे नहीं है? उनकी आलोचना कीजिए मगर उनके सवालों का जवाब मिलना चाहिए, कम से कम इस देश की महिलाओं को।
वसीम अकरम त्यागी
23 Nov 2021
vir das
तस्वीर वीर दास के ट्विटर हैंडल से साभार

स्टैंड अप कॉमेडियन वीर दास की 'टू इंडियाज' इन दिनों चर्चा का केंद्र बनी हुई है। इस कॉमेडियन ने अमेरिका में अपनी कविता के माध्यम में कहा कि "मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम दिन में औरतों की पूजा करते हैं और रात में गैंगरेप करते हैं।" इसके बाद जो हुआ सबके सामने है। मीडिया में बहस हुई, सोशल मीडिया पर वीर दास के ख़िलाफ हैश टैग चलाए गए। देखते-देखते वीर दास को ‘देशद्रोही’ करार दे दिया गया। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा- मैं वीर दास को विदूषक कहूंगा, माफी मांगें। इस 'टू इंडियाज' कविता के बाद वीर दास सफाई देते हुए कहते रहे कि “देश पर मुझे भी गर्व है।”

यह भी इत्तेफाक़ ही है कि जिस रोज़ मध्यप्रदेश के गृहमंत्री वीर दास को विदूषक बता रहे थे ठीक उसी दिन भोपाल में एक 55 वर्षीय पिता ने अपनी पुत्री और नाती की इसलिये हत्या कर दी क्योंकि उसने परिवार की आन के ख़िलाफ जाकर दूसरी जाति के युवक से प्रेम विवाह किया था। इससे भी शर्मनाक यह है कि उस हत्यारोपी पिता ने अपनी ही बेटी के साथ दुष्कर्म भी किया और उसके बाद अपनी बेटी और नाती दोनों की हत्या कर दी।

वीर दास ने हास्य और व्यंग्य के माध्यम से समाज को आईना दिखाया है, उनके कविता में कहीं भी देश को कठघरे खड़ा नहीं किया गया है बल्कि भारतीय समाज की कथनी और करनी को बयां किया गया है। साल 2018 में लंदन के थॉमसन-रॉयटर्स फ़ाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारत महिला सुरक्षा के मामले में युद्धग्रस्त अफ़ग़ानिस्तान और सीरिया से भी पीछे है। महिलाओं के लिए सबसे ख़तरनाक देश भारत है और उसके बाद अफ़ग़ानिस्तान और सीरिया है। इसके बाद सोमालिया और सऊदी अरब का नंबर है। 

इसी वर्ष सितंबर में जारी एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 2020 में बलात्कार के प्रतिदिन औसतन करीब 77 मामले दर्ज किए गए। देश के गृह मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक़ 2020 में देश में महिलाओं के विरूद्ध अपराध के कुल 3,71,503 मामले दर्ज किए, इनमें से 28,046 बलात्कार की घटनाएं थी जिनमें 28,153 पीड़िताएं हैं, कुल पीड़िताओं में से 25,498 वयस्क और 2,655 नाबालिग हैं। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि 2020 में देशभर में 3 हजार 741 केस रेप की कोशिश के दर्ज किए गए। इन 3 हजार 741 पीड़िताओं में 295 मामलों में पीड़िताओं की उम्र 18 साल से कम थी।

भारतीय समाज के लिये इससे शर्मनाक और क्या होगा कि दुष्कर्म के 95% मामलों का आरोपी करीबी ही है। कुल 28,046 दुष्कर्म के मामलों 2,502 मामले ऐसे हैं जिसमें पारिवारिक सदस्य ने ही दुष्कर्म किया है। दोस्ती या शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के 10,751 मामले दर्ज हुए, पड़ोसी या पारिवारिक दोस्त द्वारा दुष्कर्म 13,555 मामले दर्ज किये गए, जबकि अनजान व्यक्ति द्वारा दुष्कर्म के 1,238 मामले दर्ज किये गए थे।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ें वह हैं जो रिपोर्ट किए गए। देश की पुलिस का रवैया समझेंगे तो अंदाजा होगा कि हजारों लाखों मुकदमें कभी दर्ज ही नहीं होते। पहले पहल परिवार ही लज्जा के नाम पर थाने तक नहीं जाते। कहीं पंचायतें रोक देती है, कहीं जाति व्यवस्था डट जाती है और कहीं पुलिस वाले भगा देते हैं।

सबसे बुरी स्थिति उन मुकदमों में होती है जिसमें बलात्कार के बाद पीड़ितों की हत्या कर दी गई। हजारों मुकदमों में मुलजिम छूट जाते हैं क्योंकि उनका अपराध सिद्ध नहीं हो पाता। उन्नाव कांड का उल्लेख यहां जरूरी हो गया है, किस तरह सत्ताधारी दल के विधायक कुलदीप सेंगर ने अपनी राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर एक पूरे परिवार को तबाह कर दिया। कुलदीप के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराने के एवज़ में पीड़िता ने जो भुगता है, वह बताता है कि सत्ता संरक्षण में पलने वाले अपराधियों को सज़ा दिलाना कितना मुश्किल है। उन्नाव की पीड़िता के पिता को मार दिया गया, बाकी बचे परिवार को ट्रक से कुचल दिया गया, तब कहीं जाकर सरकार की नींद टूटी, और कोर्ट के आदेश पर परिवार को सुरक्षा दी गई। इस तरह की तमाम घटनाओं के बावजूद भी अगर 'टू इंडियाज' के कवि को देशद्रोही बताया जा रहा है, तब इस बात को भी स्वीकार कर लेना चाहिए कि सच भारतीय समाज को कितना असहज कर देता है।

वीर दास के शब्दों पर आपत्ति की जा सकती है लेकिन यह हमारी कानून व्यवस्था की हालत समाज के महिलाओं के प्रति रवैये का परिचायक है। यह सरकार, पुलिस और समाज के सामने सवाल के तौर पर भी देखा जा सकता है। वीर दास के बयान की मुखालिफत सरकार का बचाव कैसे नहीं है? उनकी आलोचना कीजिए मगर उनके सवालों का जवाब मिलना चाहिए, कम से कम इस देश की महिलाओं को।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

Vir Das
Two Indias

Related Stories

मुनव्वर से वीर दास और कुणाल कामरा तक, गहरे होते अंधेरे, मुक़ाबिल होते उजाले

मीडिया का ग़लत गैरपक्षपातपूर्ण रवैया: रनौत और वीर दास को बताया जा रहा है एक जैसा

स्टैंड अप कॉमेडियन वीर दास पर एक बार फिर भड़के दक्षिणपंथी संगठन


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन
    20 May 2022
    मुंडका, नरेला, झिलमिल, करोल बाग से लेकर बवाना तक हो रहे मज़दूरों के नरसंहार पर रोक लगाओ
  • रवि कौशल
    छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस
    20 May 2022
    प्रचंड गर्मी के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
  • Worship Places Act 1991
    न्यूज़क्लिक टीम
    'उपासना स्थल क़ानून 1991' के प्रावधान
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा विवाद इस समय सुर्खियों में है। यह उछाला गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर क्या है? अगर मस्जिद के भीतर हिंदू धार्मिक…
  • सोनिया यादव
    भारत में असमानता की स्थिति लोगों को अधिक संवेदनशील और ग़रीब बनाती है : रिपोर्ट
    20 May 2022
    प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एक ऐसी योजना की शुरूआत का सुझाव दिया गया है जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पारिवारिक विशेषताओं…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना
    20 May 2022
    हिसार के तीन तहसील बालसमंद, आदमपुर तथा खेरी के किसान गत 11 मई से धरना दिए हुए हैं। उनका कहना है कि इन तीन तहसीलों को छोड़कर सरकार ने सभी तहसीलों को मुआवजे का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License