NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
चिंता : निमोनिया से बच्चों की मौत के मामले में भारत दूसरे स्थान पर
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने कहा कि पिछले वर्ष वैश्विक स्तर पर निमोनिया के कारण पांच वर्ष से कम उम्र के 8,00,000 से अधिक संख्या में बच्चों की मौत हुई या यूं कहें कि हर 39 सेकेंड में एक बच्चे की मौत हुई।
भाषा
15 Nov 2019
health
प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार 

संयुक्त राष्ट्र : निमोनिया के कारण वर्ष 2018 में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मौत के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। यह रोग अब सुसाध्य है और इससे बचाव भी संभव है, बावजूद इसके वैश्विक स्तर पर हर 39 सेकेंड में एक बच्चे की मौत होती है।

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने कहा कि पिछले वर्ष वैश्विक स्तर पर निमोनिया के कारण पांच वर्ष से कम उम्र के 8,00,000 से अधिक संख्या में बच्चों की मौत हुई या यूं कहें कि हर 39 सेकेंड में एक बच्चे की मौत हुई।

निमोनिया के कारण जिन बच्चों की मौत हुई उनमें से अधिकतर की उम्र दो वर्ष से कम थी और 1,53,000 बच्चों की मौत जन्म के पहले महीने में ही हो गई।

निमोनिया के कारण सर्वाधिक बच्चों की मौत नाईजीरिया में हुई। यहां यह आंकड़ा 1,62,000 रहा। इसके बाद 1,27,000 की संख्या के साथ भारत, 58,000 के आंकड़े के साथ पाकिस्तान, 40,000 के आंकड़े के साथ कांगो और 32,000 की संख्या के साथ इथोपिया है।

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा कि पांच वर्ष के कम उम्र के बच्चों में मौत के कुल मामलों में 15 फीसदी की वजह निमोनिया है। इसके बावजूद वैश्विक संक्रामक रोग शोध पर होने वाले खर्च में से महज तीन फीसदी खर्च इस रोग पर किया जाता है।

निमोनिया के कारण होने वाली मौत और गरीबी के बीच भी मजबूत संबंध है। पेयजल तक पहुंच, पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल नहीं होना और पोषण की कमी तथा भीतरी वायु प्रदूषण के कारण इस रोग का जोखिम बढ़ जाता है। निमोनिया के कारण होने वाली कुल मौत में से आधी की वजह वायु प्रदूषण है।

यह लगभग भूला जा चुका है कि निमोनिया भी एक महामारी है। इसके प्रति जागरुकता लाने के लिए यूनिसेफ और अन्य स्वास्थ्य तथा बाल संगठनों ने वैश्विक कार्रवाई की अपील की।

अगले वर्ष जनवरी में स्पेन में ‘ग्लोबल फोरम ऑन चाइल्डहुड निमोनिया’ पर गोष्ठी होगी जिसमें विश्वभर के नेता शामिल होंगे।

United Nations Children's Fund
Pneumonia
children death
India in second place
health sector in India
malnutrition in children
Water Pollution
Air Pollution
Poor Health facilities

Related Stories

वर्ष 2030 तक हार्ट अटैक से सबसे ज़्यादा मौत भारत में होगी

कोरोना महामारी अनुभव: प्राइवेट अस्पताल की मुनाफ़ाखोरी पर अंकुश कब?

बिहार की राजधानी पटना देश में सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर

विश्व जल दिवस : ग्राउंड वाटर की अनदेखी करती दुनिया और भारत

यूपी चुनाव : माताओं-बच्चों के स्वास्थ्य की हर तरह से अनदेखी

जलसंकट की ओर बढ़ते पंजाब में, पानी क्यों नहीं है चुनावी मुद्दा?

हर नागरिक को स्वच्छ हवा का अधिकार सुनिश्चित करे सरकार

दुनिया की 42 फ़ीसदी आबादी पौष्टिक आहार खरीदने में असमर्थ

वायु प्रदूषण: दिल्ली में स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय 29 नवंबर से फिर खुलेंगे

दिल्ली ही नहीं गुरुग्राम में भी बढ़ते प्रदूषण से सांसों पर संकट


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License