NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को लेकर छात्रों में असमंजस, शासन-प्रशासन से लगा रहे हैं गुहार
इस नई प्रक्रिया के एक ओर जहां अलग-अलग बोर्ड से पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिलने वाले एक समान अवसर के रूप में देखा जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर परीक्षा के महज़ तीन महीने पहले मिले इस सूचना और दिल्ली विश्वविद्यालय के फैसले से छात्रों में असमंजस और डर की स्थिति है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 Apr 2022
UGC

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने बीते 26 मार्च को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट फॉर अंडरग्रेजुएट (सीयूईटी-यूजी) के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके अनुसार देश की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में स्नातक में दाख़िले के लिए अब बारहवीं के अंकों को वरीयता की जगह एक कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) में मिले अंकों के आधार पर योग्यता सुनिश्चित होगी। इस नई प्रक्रिया को एक ओर जहां अलग-अलग बोर्ड से पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिलने वाले एक समान अवसर के रूप में देखा जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर परीक्षा के महज़ तीन महीने पहले मिले इस सूचना से छात्रों में असमंजस और डर की स्थिति है।

बता दें कि नोटिफिकेशन के मुताबिक विश्वविद्यालयों के पास ये अधिकार होगा कि वो बोर्ड परीक्षा न्यूनतम अंकों की सीमा तय कर सकें। सामान ज्ञान, करेंट अफेयर्स, जनरल मेंटल एबिलिटी, न्यूमेरिका एबिलिटी, रीजनिंग आधारित सवाल पूछे जाएंगे।

परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी, जिसमें वैकल्पिक सवाल होंगे। यह टेस्ट 13 भाषाओं में होगी, जिसमें अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती, असमी, बंगाली, कन्नड़, मलयालम, माराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू शामिल हैं। इसके फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 20 अप्रैल है और जुलाई महीने के पहले हफ्ते से इसके एग्जाम की शुरुआत हो सकती है। अब देशभर के शिक्षाविदों की राय कुछ मसलो पर बटी हुई है, छात्र भी विश्वविद्यालयों के अपने नोटिफिकेशन के बाद परेशान हैं।

क्या है पूरा मामला?

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की वेबसाइट कहती है कि जो छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए करना चाहते हैं वो किसी भी डोमेन में परीक्षा दे सकते हैं, जो बी1और बी2 के लिए निर्धारित हैं। वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर यह लिखा है कि छात्र केवल उन्हीं विषय में परीक्षा देंगे, जो उन्होंने 12वीं में ली है। अब छात्रों का कहना है कि जब वे अपनी पसंद के विषय में परीक्षा देने के लिए तैयार हैं तो डीयू उन्हें सीमित करने का प्रयास क्यों कर रहा है।

आसान भाषा में समझें तो यदि साइंस का छात्र स्ट्रीम बदलकर अपनी ग्रेजुएशन आर्ट्स में करना चाहे तो उसे एंट्रेंस टेस्ट साइंस के विषयों में ही देना होगा। डीयू का ये फैसला यह उन उम्मीदवारों के लिए एक समस्या है जो कॉलेज में स्ट्रीम बदलना चाहते हैं या किसी वजह से बारवीं के बाद गैप लेकर दोबारा पढ़ाई शुरू करना चाहते हैंय़

इस संबंध में सीयूईटी की तैयारी कराने वाले मालवीय अकेडमी के संस्थापक सूरज कुमार ने न्यूज़तक्लिक को बताया कि अगर दिल्ली विश्वविद्यालय के नियम देखें तो, जो छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय के हिसाब से तैयारी करेंगे वो अन्य सभी विश्वविद्यालय की तैयारी नहीं कर पाएंगे, क्योंकि वहां मानविकी विषय के आधार पर परीक्षा होनी है, जबकि यहां 12 वीं के विषयों के आधार पर।

मालूम हो कि कई छात्र इस पूरे मामले को लेकर ट्विटर पर आंदोलन भी चला रहे हैं। हैशटेश सीयूईटीडीयूपॉलिसीचेंज के नाम से छात्र हजारों की संख्या मेंअब तक ट्वीट कर चुके हैं, जिसमें देश के अलग-अलग इलाकों के छात्र शामिल हैं। इस कैंपेन में छात्र कार्ड और वीडियो के जरिए भी अपनी बात लगातार प्रधानमंत्री कार्यालय और शिक्षा मंत्री तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

कैसी है सीयूईटी की परीक्षा?

यूजीसी क् मुताबिक ये परीक्षा चार भागों यानी I-A, I-B, II, और III में विभाजित की गई है। सेक्शन I-A और I-B में भाषा वाले विषय होंगे। वहीं सेक्शन- II में डोमेन संबंधी विषय – जैसे आपके स्ट्रीम वाले विषय और सेक्शन- III में जनरल टेस्ट होगा।

एक छात्र सेक्शन I-A और I-B में मिलाकर अधिकतम तीन भाषाओं का चुनाव कर सकता है। वहीं सेक्शन- II में छह डोमेन विषय तक चुन सकता है। यानी अब जिस विश्वविद्यालय में जो स्ट्रीम या भाषा का विकल्प है, उसे ध्यान में रखकर छात्र-छात्राएं भाषाओं और स्ट्रीम का चुनाव कर सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि एक छात्र कुल मिलाकर अधिकतम नौ विषयों के लिए परीक्षा दे सकता है।

सेक्शन I-A, I-B में क्या-क्या है?

नोटिफिकेशन के हिसाब से सेक्शन I-A में 13 अलग-अलग भाषाएं हैं, जिसमें तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, मराठी, गुजराती, ओड़िया, बांग्ला, असमिया, पंजाबी, अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू शामिल है। वहीं सेक्शन I-B में 19 भाषाएं हैं, जिसमें फ्रेंच, स्पैनिश, जर्मन, नेपाली, फारसी, इटैलियन, अरबी, सिंधी, कश्मीरी, कोंकणी, बोडो, डोगरी, मैथिली, मणिपुरी, संथाली, तिब्बती, जापानी, रूसी, चीनी शामिल हैं। इन दोनों में से मिलाकर तीन भाषाओं का चयन करना होगा। छात्रों को 50 में से 40 सवालों के उत्तर देने होंगे। हर भाषा के लिए 45 मिनट का टेस्ट होगा। छात्र की भाषाई समझ जानने के लिए इसमें शब्दकोष, शब्दपाठ की समझ, साहित्यिक जानकारी संबंधी सवाल होंगे।

सेक्शन II में क्या है?

इस सेक्शन के तहत छात्र के स्ट्रीम या डोमेन संबंधी सवाल होंगे। यानी जो विषय छात्र ने चुना है, उसकी उसे कितनी समझ है? इस श्रेणी में कुल 27 डोमेन आधारित विषय हैं, जिसमें से एक छात्र विश्वविद्यालय के अनुसार छह डोमेन तक चुन सकता है।

इसमें अकाउंटेंसी, बायोलॉजी, बिजनेस स्टडीज, केमिस्ट्री, कम्प्यूटर साइंस, इकोनॉमिक्स, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, इतिहास, भूगोल, गृह विज्ञान, लीगल स्टडीज, पर्यावरण विज्ञान, गणित, फिजिकल एजुकेशन, राजनीतिक विज्ञान, साइकोलॉजी, समाज-शास्त्र,  मास मीडिया, फाइन आर्ट्स इत्यादि शामिल हैं। इस सेक्शन में कक्षा 12वीं के आधार पर वैकल्पिक सवाल पूछे जाएंगे। इस श्रेणी में भी छात्रों के पास 45 मिनट का समय होगा और उन्हें 50 में से 40 सवालों के जवाब देने होंगे।

सेक्शन III में क्या है?

इस श्रेणी में सामान ज्ञान, करेंट अफेयर्स, जनरल मेंटल एबिलिटी, न्यूमेरिका एबिलिटी, रीजनिंग आधारित सवाल होंगे। इसमें 75 सवाल पूछे जाएंगे, जिसमें से 60 सवालों के जवाब देने होंगे। छात्रों को इसके लिए 60 मिनट का समय मिलेगा।

गौरतलब है कि छात्रों को इस परीक्षा से दिक्कत नहीं है, उन्हें समस्या इस जल्दबाजी और कन्फ्यूजन वाले दिशानिर्देशों से है। छात्र लगातार अपनी परेशानियों को प्रशासन और सरकार तक पहुंचा रहे हैं लेकिन अब तक दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से इस संबंध में कोई जानकारी सामने नहीं रखी गई है, जिसे लेकर छात्रों को अपने भविष्य की चिंता भी सता रही है।

CUET
CUET-2022
Common University Entrance Test
Delhi University
du
National Testing Agency
NTA

Related Stories

दिल्ली: दलित प्रोफेसर मामले में SC आयोग का आदेश, DU रजिस्ट्रार व दौलत राम के प्राचार्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज

डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी

‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार

कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से जितने लाभ नहीं, उतनी उसमें ख़ामियाँ हैं  

NEP भारत में सार्वजनिक शिक्षा को नष्ट करने के लिए भाजपा का बुलडोजर: वृंदा करात

यूजीसी का फ़रमान, हमें मंज़ूर नहीं, बोले DU के छात्र, शिक्षक

नई शिक्षा नीति ‘वर्ण व्यवस्था की बहाली सुनिश्चित करती है' 

सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUCET) सतही नज़र से जितना प्रभावी गहरी नज़र से उतना ही अप्रभावी

45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होगी प्रवेश परीक्षा, 12वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश खत्म

शिक्षाविदों का कहना है कि यूजीसी का मसौदा ढांचा अनुसंधान के लिए विनाशकारी साबित होगा


बाकी खबरें

  • voting
    स्पंदन प्रत्युष
    विधानसभा चुनाव: एक ख़ास विचारधारा के ‘मानसिक कब्ज़े’ की पुष्टि करते परिणाम 
    13 Mar 2022
    पंजाब में सत्ता विरोधी लहर ने जहां कांग्रेस सरकार को तहस-नहस कर दिया, वहीं उत्तर प्रदेश में ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस पहेली का उत्तर मतदाताओं के दिमाग पर असर डालने वाली पार्टी की विचारधारा की भूमिका में…
  • सोनिया यादव
    विधानसभा चुनाव 2022: पहली बार चुनावी मैदान से विधानसभा का सफ़र तय करने वाली महिलाएं
    13 Mar 2022
    महिला सशक्तिकरण के नारों और वादों से इतर महिलाओं को वास्तव में सशक्त करने के लिए राजनीति में महिलाओं को अधिक भागीदार बनाना होगा। तभी उनके मुद्दे सदन में जगह बना पाएंगे और चर्चा का विषय बन पाएंगे।
  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    यूपी में हिन्दुत्व की जीत नहीं, ये नाकारा विपक्ष की हार है!
    12 Mar 2022
    देश के सबसे बड़े राज्य-यूपी में भाजपा की सत्ता में दोबारा वापसी को मीडिया और राजनीति के बड़े हिस्से में 'हिन्दुत्व' की जीत के तौर पर देखा जा रहा है. क्या यह सच है? क्या यह यूपी में विपक्ष का…
  • cpim
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    अनुसूचित जाति के छात्रों की छात्रवृत्ति और मकान किराए के 525 करोड़ रुपए दबाए बैठी है शिवराज सरकार: माकपा
    12 Mar 2022
    माकपा के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार की ओर से 2.80 लाख अनुसूचित जाति के छात्रों के खाते में पहुंचने वाली 425 करोड़ की छात्रवृत्ति, मात्र 206 छात्रों के…
  • अनिल सिन्हा
    उत्तर प्रदेशः हम क्यों नहीं देख पा रहे हैं जनमत के अपहरण को!
    12 Mar 2022
    हालात के समग्र विश्लेषण की जगह सरलीकरण का सहारा लेकर हम उत्तर प्रदेश में 2024 के पूर्वाभ्यास को नहीं समझ सकते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License