NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
कोरोना काल: ‘आपदा में अवसर’ यानी मौक़ापरस्ती का सबक़!
कोरोना काल को अवसर में बदलने की हर तरफ़ ताबड़तोड़ कोशिश हो रही है। कोई श्रम कानून बदल रहा है, तो कोई अपनी कोई भी दवा कोरोना के नाम पर ठेल दे रहा है। तो तानशाहों को भी विरोध कुचलने का बेहतरीन अवसर मिल गया है।
चंचल चौहान
17 Jul 2020
covid-19
प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सारे देशवासियों को एक दिन नसीहत दी कि ‘कोरोना काल को अवसर में बदल लो’। बस, अंधभक्तों ने यह सुनते ही देर नहीं लगायी। अवसर का पूरा फ़ायदा उठाते हुए सबसे बड़े महाभक्ती योगी जी महाराज ने उत्तर प्रदेश में मज़दूरों के काम के घंटे आठ से बढ़ाकर बारह कर दिये। सारी दुनिया में मज़दूर वर्ग ने काम के घंटे बारह से आठ कराने के लिए अनेक क़ुर्बानियां दीं, ख़ून बहाया, योगी जी महाराज ने एक झटके में वह अमानवीय काम कर डाला, जिसे करने की हिम्मत आज के सभ्य युग में किसी भी सरकार ने नहीं की। उन्होंने सारी संवैधानिक प्रतिज्ञाओं को ताक पर रख कर श्रम क़ानूनों में तब्दीलियां करके मालिकान को सारे अमानवीय काम करने की खुली छूट दे दी (हालांकि विरोध के चलते 12 घंटे काम के फ़ैसले को बाद में उन्हें वापस लेना पड़ा।)। इस तरह की कोशिशें अन्य सरकारों ने भी की।

मशहूर एटलस साइकिल के मालिक ने बिना किसी नोटिस के अचानक एक दिन साहिबाबाद की अपनी फ़ैक्टरी हमेशा के लिए बंद कर दी। मज़दूर, अफ़सर आदि अपनी ड्यूटी पर जब फ़ैक्टरी गेट पर पहुंचे तो ताला बंद और सूचना देखने को मिली कि फ़ैक्टरी हमेशा के लिए बंद कर दी गयी है।

अवसर का ऐसा फ़ायदा भला और कब उठाया जा सकता था। मंदी के दौर में साइकिलों का अक़ूत उत्पादन करा लिया होगा, कारोना काल में साइकिलें बहुत भारी तादाद में बिकीं, आगे भी बिकने की संभावना है ही। पूंजी अच्छे ख़ासे मुनाफ़े के साथ वापस आ जायेगी। मज़दूरों की तनख्व़ाह पहले से ही तीन महीने से रोकी हुई थी, वह भी मालिक की जेब में ही है। अब न कोई पहले का श्रम क़ानून है, न ट्रेड यूनियन के हल्लाबोल का डर, न लेबर कल्याण के अधिकारी, न कोर्ट कचहरी, प्रधानमंत्री के इशारे पर कोरोना काल को अवसर में बदल लिया मालिक लोगों ने। उनका अब कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। वे सब कुछ बेच कर, बैंकों से लिये अनापशनाप क़र्ज़ को भी हज़म करके चाहे जब विदेश भाग सकते हैं, अवसर का फ़ायदा उठाकर, कर लो क्या करोगे क्रांतिकारी मज़दूरों।

यह कोई अकेला केस नहीं है, अनेक देसी-विदेशी कंपनियों ने मज़दूरों को निकाल बाहर कर दिया, लाखों मज़दूर बेरोज़गार हो गये। वे लॉकडाउन के पहले दौर के आखि़री दिनों में सारे महानगरों से अपने घर पैदल ही जाने के लिए निकल पड़े थे, उनके चेहरे सारी दुनिया ने देखे। कैसा दिल दहलाने वाल दृश्य था वह।

एक और योगी हैं मोदी जी के चारण। योग के नाम पर पहले खूब दक्षिणा पाते थे, फिर आसाराम बापू, श्री श्री के रास्ते पर चल कर आयुर्वेदिक दवाएं बनाने की शुरुआत की, अब पूरा कारपोरेट हाउस खड़ा कर लिया है जो दवाओं के अलावा आटा, दाल, चावल, मसाले, साबुन, तेल, घी, मक्खन, दूध, गोमूत्र तक बेचता है, और यूनीलीवर जैसे भीमकाय अंतर्राष्ट्रीय कारपोरेट हाउस को टक्कर दे रहा है।

बाबा जी ने अवसर का फ़ायदा उठाने वाला मोदी-प्रवचन सुना तो फटाफट गिलोय आदि दो चार आम जड़ी बूटियां पिसवा कर ‘कोरोनिल’ नामक दवा बाज़ार में, कोरोना के शर्तिया उपचार के लिए, बेचना शुरू कर दिया। मार्केटिंग के लिए बड़े झूठ का सहारा लिया और कहा कि वह दवा राजस्थान की एक यूनिवर्सिटी के सहयोग से बनी है।

टीवी और सोशल मीडिया के युग में सफेद झूठ बोलने में न हमारे प्रधानमंत्री को संकोच होता है और न ऐसे तमाम बाबाओं को जो संन्यासी के कपड़े पहन भोली भाली जनता को ठगते रहते हैं। उस दवा के बारे में तमाम ज़रूरी औपचारिकताओं को दरकिनार करके जनता को उल्लू बनाने में बाबा जी महाराज को कोई संकोच नहीं हुआ। जब संबंधित सरकारी विभागों और अनेक वैज्ञानिक समुदायों ने उस पर सवाल उठाये तो बाबा जी अपने बयानों से पलट गये और झूठ बोल कर अपना बचाव किया। मगर अवसर का फ़ायदा तो उठा ही लिया। भोली भाली जनता दवा खूब ख़रीद रही है, बाबा जी कोरोना काल में अच्छा ख़ासा मुनाफ़ा कमा लेंगे, इसमें कोई संदेह नहीं।

ऐसे योगियों से ही मार्केटिंग टेकनीक सीख कर सारे उत्पादों के विज्ञापन आजकल ‘कारोना केंद्रित’ हो गये हैं। टीवी चैनलों पर साबुन, तेल, शैंपू से ले कर कफ़ सिरप और आम दवाइयों को, यहां तक कि बीमा पालिसियों तक को कोरोना का छौंक लगाकर बेचा जा रहा है। साबुन तो कोई भी ऐसा नहीं है जो कोरोना को न हटा रहा हो, फिर भी मरीज़ों की तादाद आनन फ़ानन में दुगुनी तिगुनी हो रही है। सारी आयुर्वेदिक दवाएं कोरोना से निपटने के लिए तैयार खड़ी है, मगर कोरोना की पकड़ बढ़ती ही जा रही है। झूठे विज्ञापन दे कर सरमायादार अपनी तिजोरियां भर रहे हैं।

कोरोना काल को अवसर में बदलने के लिए कई भाजपाई उद्योगपति और कई छुटभइये भी ‘फ़ेक वेंटीलेटर, फ़ेक पीपीई किट आदि सामान बना कर कमाई कर रहे हैं, उनकी मार्केटिंग में भाजपा के मुख्यमंत्री भी शामिल होते हैं, जैसे एक समय प्रधानमंत्री खुद एक दो कारपोरेट उत्पाद के लॉन्च में देखे गये थे। गुजरात में बने ऐसे ही एक नक़ली वेंटीलेटर की सप्लाई कई राज्यों में और केंद्र के अस्पतालों तक में इसी दौरान पीएम केयर फ़ंड की राशि से ख़रीद कर की गयी, अच्छी ख़ासी कमाई का अवसर उस पीएमभक्त को मिल गया, कोरोना के भारी तादाद में बेबस मरीज़ ज़रूर उस वेंटीलेटर से ऑक्सीजन न हासिल कर सके और मर गये। वे कोरोना काल को अवसर में बदल पाने में असफल रहे।

भारत का पूंजीपतिवर्ग अपने जन्मकाल से ही युद्ध और महामारी से अच्छी कमाई करने में माहिर रहा है। ऐसे आपदा कालों को अवसर में बदलने की उसकी कला ने ही जल्दी ही यानी स्वाधीनता आंदोलन के दौर में ही उसे इज़ारेदार पूंजीपति बना दिया था। आज़ादी के बाद भी कई युद्ध आदि के ऐसे अनेक अवसर आये जब उन अवसरों को अपने हित में इस्तेमाल करने में इज़ारेदार घरानों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। याद कीजिए, इमरजेंसी के दौर में ही धीरूभाई अंबानी एक छोटे पूंजीपति से इज़ारेदार घराने में तब्दील हो गये, आरएसएस के बालासाहब देवरस ने इमरजेंसी को ‘अनुशासन पर्व’ कह कर इसीलिए प्रशंसित किया था क्योंकि मज़दूरों का बोनस छीनकर कांग्रेस नेतृत्व ने नये इज़ारेदारों को मालामाल कर दिया था, पुराने इज़ारेदार पुरानी मशीनों से आधुनिक उत्पादन पद्धति नहीं अपना पा रहे थे, ख़ासकर टैक्ससटाइल उद्योग में, ज्यादातर कपड़ा मिल संकट में थे, एक अरसे के बाद उन मिलों का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया, नेशनल टैक्सटाइल कारपोरेशन भी उन्हें नहीं जि़ंदा कर पाया। इस अवसर का फ़ायदा अंबानी ग्रुप ने उठाया।

आज भी कोरोना काल को अवसर में बदलने का सबसे बड़ा फ़ायदा धीरूभाई अंबानी का रिलायंस ग्रुप उठा रहा है। मुकेश अंबानी ने 15 जुलाई’20 को शेयर होल्डर्स की जनरल बॉडी मीटिंग में अपनी रिपोर्ट में कोरोना काल को अवसर में बदलने की इस सच्चाई को साफ़ शब्दों में बयान भी किया, प्रधानमंत्री मोदी के उपदेश का हवाला भी दिया। जहां सारी दुनिया के भौतिक उत्पाद मंदी के दौर का संकट पहले ही झेल रहे थे, कोरोना काल में उन उत्पादों की क़ीमतें बढ़ा कर लागत पूंजी को हासिल करने और मुनाफ़ा कमाने की कोशिश में दुनिया भर के पूंजीपति लगे हुए हैं, वहां मुकेश अंबानी ने डिजिटल टेक्नॉंलाजी के उत्पादों से सर्विस सेक्टर का अपार विस्तार कर लिया, उसमें निवेश के लिए मंदी से घबराये अनेक अंतरराष्ट्रीय कारपोरेट घरानों ने अपनी पूंजी रिलायंस में लगा दी। भारत में 5जी स्पेक्ट्रम के विस्तार की अपार संभावनाएं हैं, उसे ‘जिओ’ के उत्पादों से सारी दुनिया में बेचकर अपार मुनाफ़ा कमाने का भविष्य उसके सामने है।

कोरोना काल को अवसर में बदलने की एक ताबड़तोड़ कोशिश इस रोग की दवा, और वैक्सीन बनाकर मुनाफ़ा कमाने की हो रही है। दुनिया भर की पूंजी इस कोशिश में लगी है।  इलाज के लिए दो-एक दवा भी बाज़ार में आयी हैं, भले ही उसकी उपचार क्षमता अभी संदेहास्पद ही है, मगर अवसर का फ़ायदा उठाने वाले उसकी कालाबाज़ारी करके कमाई कर रहे हैं। ग़रीब और साधारण आमदनी वाले बीमारों के लिए उसे ख़रीद पाना मुमकिन नहीं है। जब वैक्सीन बन जायेगी, तब भी सबसे पहले वह अमीरों को ही मिलेगी, ग़रीबों को वह दो चार साल बाद ही हासिल हो पायेगी।

दुनिया भर के तानाशाही प्रवृत्ति के सत्ताधारी नेताओं ने भी कोरोना काल को अवसर में बदल लिया है। अब कहीं भी लाखों लोगों के प्रदर्शन या प्रतिरोध और सामूहिक वर्गसंघर्ष की कार्रवाइयां संभव नहीं हैं, इसलिए तानाशाहों के मज़े ही मज़े हैं। वे अवाम की नागरिक आज़ादी पर बेहिचक हमला बोल रहे हैं, शोषित दमित अवाम की आवाज़ उठाने वालों को झूठे केसों में फंसाकर गिरफ़्तार कर जेलों में डाल रहे हैं। भारत में भी बीजेपी-आरएसएस का नेतृत्व इसी तरह इस महामारी काल का इस्तेमाल कर रहा है। सारी संवैधानिक व्‍यवस्थाएं धूल चाट रही हैं, बस दमन की चक्की पीस रहा है इंसान।

(चंचल चौहान वरिष्ठ लेखक हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)  

Coronavirus
COVID-19
Narendra modi
modi sarkar
Pandemic Coronavirus
unemployment
social workers
Anti CAA protesters
Media

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License