NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
अमेरिकी सेना द्वारा विदेशी अभियानों में मारे गए नागरिकों की संख्या कम बताने पर आलोचना
नागरिक समाज समूहों और संयुक्त राष्ट्र ने संकेत दिया है कि दुनिया भर में अमेरिकी सेना की वजह से नागरिक हताहतों की वास्तविक संख्या पिछले साल सिर्फ़ 23 लोगों की मौत के इसके दावे से कम से कम पांच गुना अधिक है।
पीपल्स डिस्पैच
08 Jul 2021
अमेरिकी सेना द्वारा विदेशी अभियानों में मारे गए नागरिकों की संख्या कम बताने पर आलोचना

कई अमेरिकी सांसदों और नागरिक समाज समूहों ने पिछले महीने प्रकाशित अमेरिकी सेना की उस रिपोर्ट पर सवाल उठाया है जिसमें दावा किया गया है कि पिछले साल उसके विदेशी अभियानों में केवल 23 नागरिक मारे गए थे जो कि साल 2019 की तुलना में काफी कम है जब इसने कम से कम 132 नागरिकों की हत्या करने को स्वीकार किया था। इन समूहों ने नागरिकों के हताहत होने की जानबूझकर गलत सूचना देने का आरोप पेंटागन पर लगाया है।

पिछले महीने अमेरिकी रक्षा विभाग (डीओडी) ने बताया था कि पिछले साल पांच देशों, इराक, अफगानिस्तान, सोमालिया, यमन और नाइजीरिया में अपने विदेशी अभियानों में "गैर इरादतन तरीके से" 23 लोगों को मारने और 10 नागरिकों को घायल करने के लिए यह जिम्मेदार था। ये स्वीकारोक्ति अमेरिकी कांग्रेस को दिए डीओडी की वार्षिक रिपोर्ट का हिस्सा था।

इस रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद दो अमेरिकी सांसदों, सीनेटर एलिजाबेथ वारेन और कांग्रेसी रो खन्ना ने 30 जून को एक पत्र लिखकर इसकी आलोचना की। उन्होंने पेंटागन से "समीक्षा करने के लिए कहा कि नागरिक हताहतों की संख्या में बड़ी विसंगतियां क्यों हैं"। यह पत्र मंगलवार 6 जुलाई को सार्वजनिक किया गया था।

कई नागरिक समाज समूहों और संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया भर में अमेरिकी सैन्य अभियानों के कारण नागरिक हताहतों की संख्या बहुत अधिक बताई है। वॉरेन और रो खन्ना ने अमेरिकी सेना द्वारा रिपोर्ट की गई मौतों की संख्या पर सवाल उठाने के लिए इन समूहों द्वारा प्रकाशित संख्या का हवाला दिया। हवाई हमलों में हुई मौतों को रिकॉर्ड करने वाले एक समूह एयरवार्स (Airwars) के अनुसार, पिछले साल दुनिया भर में अमेरिकी सेना द्वारा किए गए अभियानों में कम से कम 102 नागरिक मारे गए थे। मिडिल ईस्ट आई ने ये रिपोर्ट प्रकाशित की।

यूनाइटेड नेशन्स असिस्टेंस मिशन इन अफगानिस्तान ने बताया है कि अकेले इस देश में अमेरिका और गठबंधन सेना द्वारा किए गए अभियानों के दौरान कम से कम 89 नागरिक मारे गए थे। वहीं पेंटागन की रिपोर्ट में सिर्फ 20 लोगों की हत्या का दावा किया गया।

पेंटागन के दस्तावेज़ से यह भी पता चलता है कि यद्यपि अमेरिकी कांग्रेस ने अमेरिकी सेना द्वारा मारे गए नागरिकों के परिवारों को मुआवजे के लिए 3 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मंजूरी दी है पर इसने अभी तक एक भी परिवार को मुआवजा नहीं दिया है। इसको लेकर वॉरेन और खन्ना ने इसकी और आलोचना की है।

डीओडी की रिपोर्ट ने 2017 और 2019 के बीच अमेरिकी सैन्य अभियानों के कारण 63 नागरिक मौतों और 22 लोगों के घायल होने को भी समायोजित किया, जो पिछले वर्षों की रिपोर्ट में शामिल नहीं थे।

America
US military
US Department of Defense
UN

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रूस को शीर्ष मानवाधिकार संस्था से निलंबित किया

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

गिउलिअनो ब्रुनेटी: “नाटो के ख़िलाफ़ हमारा संघर्ष साम्राज्यवादी ताकतों के ख़िलाफ़ संघर्ष है”

बाइडेन ने फैलाए यूक्रेन की सीमा की ओर अपने पंख

यमन के लिए यूएन का सहायता सम्मेलन अकाल और मौतों की चेतावनियों के बीच अपर्याप्त साबित हुआ


बाकी खबरें

  • कैथरीन स्काएर, तारक गुईज़ानी, सौम्या मारजाउक
    अब ट्यूनीशिया के लोकतंत्र को कौन बचाएगा?
    30 Apr 2022
    ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति धीरे-धीरे एक तख़्तापलट को अंजाम दे रहे हैं। कड़े संघर्ष के बाद हासिल किए गए लोकतांत्रिक अधिकारों को वे धीरे-धीरे ध्वस्त कर रहे हैं। अब जब ट्यूनीशिया की अर्थव्यवस्था खस्ता…
  • international news
    न्यूज़क्लिक टीम
    रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार
    29 Apr 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार ने पड़ोसी देश श्रीलंका को डुबोने वाली ताकतों-नीतियों के साथ-साथ दोषी सत्ता के खिलाफ छिड़े आंदोलन पर न्यूज़ क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ से चर्चा की।…
  • NEP
    न्यूज़क्लिक टीम
    नई शिक्षा नीति बनाने वालों को शिक्षा की समझ नहीं - अनिता रामपाल
    29 Apr 2022
    नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उच्च शिक्षा में कार्यक्रमों का स्वरूप अब स्पष्ट हो चला है. ये साफ़ पता चल रहा है कि शिक्षा में ये बदलाव गरीब छात्रों के लिए हानिकारक है चाहे वो एक समान प्रवेश परीक्षा हो या…
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    अगर सरकार की नीयत हो तो दंगे रोके जा सकते हैं !
    29 Apr 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस अंक में अभिसार बात कर रहे हैं कि अगर सरकार चाहे तो सांप्रदायिक तनाव को दूर कर एक बेहतर देश का निर्माण किया जा सकता है।
  • दीपक प्रकाश
    कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से जितने लाभ नहीं, उतनी उसमें ख़ामियाँ हैं  
    29 Apr 2022
    यूजीसी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट पर लगातार जोर दे रहा है, हालाँकि किसी भी हितधारक ने इसकी मांग नहीं की है। इस परीक्षा का मुख्य ज़ोर एनईपी 2020 की महत्ता को कमजोर करता है, रटंत-विद्या को बढ़ावा देता है और…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License