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कोविड 19: डीयू एसओएल ने कैंसिल किए एग्जाम, छात्रों ने कहा- एग्जाम नहीं तो एग्जाम फीस क्यों?
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) सिर्फ अंतिम वर्ष के छात्रों और पूर्व छात्रों को एग्जाम देना है। इसको लेकर एक अधिकारिक आदेश भी जारी हो चुका है। लेकिन एग्जाम नहीं होने के बाद भी छात्रों से एग्जाम फीस जमा करने के लिए कहा जा रहा है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
20 Jun 2020
DU

दिल्ली विश्वविद्यालय(डीयू) के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) ने अपने सभी प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षा नहीं लेने का निर्णय किया है। एसओएल में सिर्फ अंतिम वर्ष के छात्रों और पूर्व छात्रों को एग्जाम देना है। इसको लेकर एक अधिकारिक आदेश भी जारी हो चुका है। लेकिन एग्जाम नहीं होने के बाद भी छात्रों से एग्जाम फीस जमा करने के लिए कहा जा रहा है। जिसको लेकर छात्रों में नाराज़गी है। उनका कहना है जब एग्जाम नहीं तो एग्जाम फीस क्यों?

एसओएल में लाखों छात्र पढ़ाई करते हैं। इनमें से अधिकांश छात्र आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों से आते हैं या वो छात्र जिन्हें डीयू के रेगुलर कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल पाता और फिर SOL में एडमिशन लेते हैं।

DU प्रशासन द्वारा इस साल अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा कराने की बात की गई है। फर्स्ट, सेकेंड ईयर ग्रेजुएशन के छात्र और फर्स्ट ईयर पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्रों को प्रोन्नत कर दिया जाएगा यानी उन्हें इस वर्ष परीक्षा नहीं देनी होंगी। DU द्वारा ये परीक्षाएं 1 जुलाई से शुरू करवाई जाने की बात कहीं जा रही है।

परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास) ने कहा कि "SOL में पढ़ने वाले अधिकांश छात्र गरीब पृष्टभूमि से आते हैं और लॉकडाउन की सबसे अधिक मार इन छात्रों के परिवारों पर ही पड़ी है। इन लाखों छात्रों में से कइयों के परिवारों में 3 माह से आय का कोई स्रोत नहीं है। जैसे-तैसे ये अपनी जिंदगी को चला रहे हैं। ऐसे कठिन समय में उनसे फालतू फीस वसूलकर DU प्रशासन उन्हें लूटने का काम कर रहा है।"

आगे उन्होंने मांग करते हुए कहा कि वो SOL प्रशासन की इस लूट के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे और इसमें अन्य छात्र और शिक्षक संगठनों से भी समर्थन लेंगे। साथ ही उन्होंने मांग कि जिन छात्रों से एग्जाम फीस के नाम पर फीस ली गई है उस फीस को छात्रों को तत्काल वापस की जाए।

आपको बता दें डीयू ने गुरुवार 4 जून को कहा कि वह अंडर ग्रेजुएट प्रोग्रामों के प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए सेमेस्टर परीक्षाओं का आयोजन नहीं करेगी। यूनिवर्सिटी द्वारा यह फैसला कोरोना (COVID-19) महामारी के कारण लिया गया है। इस निर्णय के संबंध में यूनिवर्सिटी ने एक नोटिस भी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया गया है। अधिसूचना के अनुसार यूनिवर्सिटी ने कहा कि वर्तमान में कोरोना वायरस की स्थिति के कारण पेन-पेपर के जरिए सेमेस्टर परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं है।

यूनिवर्सिटी द्वारा जारी नोटिस में कहा गया था कि कोरोना के कारण परीक्षा आयोजित करने को लेकर विश्वविद्यालय ने एक टास्क फोर्स का गठन किया था, जिन्होंने विचार-विमर्श करने के बाद यह फैसला लिया है। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने यह निर्णय लिया कि है कि शैक्षणिक सत्र 2019-2020 छात्रों को ग्रेडिंग के वैकल्पिक तरीके के आधार पर प्रमोट किया जाएगा। इससे छात्रों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

हालांकि, फाइनल ईयर और पूर्व छात्रों को अभी भी जुलाई में होने वाली ऑनलाइन ओपेन बुक परीक्षा के लिए उपस्थित होने को कहा गया था।

पूरी अधिसूचना।

डीयू प्रशासन के इस फैसले का भी छात्रों और छात्र संगठनों की तरफ से आलोचना की गई थी। इनका कहना था कि छात्र अभी ओपन बुक एग्जाम के लिए तैयार नहीं है। इस प्रक्रिया को भेदभाव पूर्ण भी बताया था। शिक्षकों ने भी इसकी आलोचना किया था और डूटा ने इसको लेकर एक सर्वे किया था जिसमे SOL, NCW के साथ ही रेगुलर छात्रों ने भी भाग लिया था और इस सर्वे में अधिकतर छात्रों ने अभी किसी भी तरह के एग्जाम न लेने की बात कही थी।

इसे भी पढ़े:दिल्ली विश्वविद्यालय: डूटा ने कहा 45,000 से अधिक छात्रों ने ऑनलाइन परीक्षा को नकारा

हमने इस पुरे मसले पर डीयू के डीन एक्समनेशन प्रो विनय गुप्ता से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। जब भी उनकी तरफ से जबाब आएगा खबर को अपडेट कर दिया जाएगा। 

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