NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
राजनीति
डीयू : हॉस्टल की छात्राओं का प्रदर्शन 21 दिन से जारी
21 दिन से हॉस्टल की कर्फ़्यू टाइमिंग और मॉरल पुलिसिंग के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही लड़कियों के लिए 5 में से 1 हॉस्टल का टाइम बढ़ा कर 12 बजे तक कर दिया गया है। लेकिन छात्राओं का कहना है कि उनका आंदोलन अभी जारी रहेगा।
सोनिया यादव
18 Mar 2020
डीयू : हॉस्टल की छात्राओं का प्रदर्शन 21 दिन से जारी

“लड़कियों को हमेशा सुरक्षा के नाम पर कर्फ़्यू टाइम में क्यों बांध दिया जाता है? बेहतर सुरक्षा मुहैया कराने के बजाय प्रशासन लड़कियों की आज़ादी को छीन लेना ज़्यादा आसान समझता है। ये रिज़ाइन करने को तैयार हैं, लेकिन हमारी मांगें मानने को तैयार नहीं हैं। आख़िर लड़कियों को ही क्यों सुरक्षा के नाम पर ख़ुद से समझौता करने को मजबूर होना पड़ता है?”

ये कथन दिल्ली यूनिवर्सिटी के राजीव गांधी गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली एक छात्रा का है जो फ़िलहाल अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी हुई हैं। छात्राओं के इस प्रोटेस्ट को 20 दिन से अधिक समय हो गया है लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन अभी भी इनकी मांगों पर चुप्पी साधे बैठा हुआ है। हालांकि एक हॉस्टल में कर्फ़्यू टाइम को बढ़ाकर आधी रात कर दिया गया है लेकिन छात्राएं इससे संतुष्ट नहीं हैं, उनका कहना है उन्हें प्रशासन से पक्का आश्वासन चाहिए साथ ही ये नियम सभी छात्रावासों में लागू होना चाहिए, बाकी की मांगें भी मानी जानी चाहिए और जब तक ये सब नहीं हो जाता उनका आंदोलन जारी रहेगा।

प्रदर्शनकारी छात्राओं ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, “हमारे अधिकारों को लेकर हमारी लड़ाई जारी रहेगी। अगर हम सच में इनकी बेटियां हैं और ये हमारे गार्जियन होने का दावा करते हैं, तो हम इतने दिनों से ठंड में बाहर बैठ रहे हैं, मांगें रख रहे हैं, पर इन्हें फ़र्क़ क्यों नहीं पड़ रहा? क्यों नहीं प्रशासन हमसे आकर बात करता, क्यों नहीं यूजीसी के नियम लागू किये जा रहे, आख़िर हमारी ग़लती क्या है? हम सब अपना हक़ ही तो मांग रहे हैं।” 

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली के उत्तरी इलाक़े मुखर्जी नगर में यूनिवर्सिटी का ढाका कॉम्प्लेक्स है। यहां अंडरग्रेजुएट छात्राओं के लिए हॉस्टल्स हैं। इनमें राजीव गांधी गर्ल्स हॉस्टल, यूनिवर्सिटी हॉस्टल फॉर विमेन, अंबेडकर-गांगुली स्टूडेंट्स हॉस्टल फॉर विमेन, नॉर्थ ईस्टर्न स्टूडेंट्स हाउस फॉर विमेन, अंडरग्रेजुएट हॉस्टल फॉर गर्ल्स शामिल हैं। यहां की छात्राएं अपनी बीस सूत्रीय मांगों को लेकर बीते 20 दिनों से धरने पर बैठी हैं और प्रशासन से सवाल कर रही हैं।

धरना शुरू कैसे हुआ?

धरने के संबंध में छात्राओं ने एक प्रेस रिलीज जारी की। जिसमें छात्राओं ने बताया कि 24 फरवरी को आंबेडकर-गांगुली स्टूडेंट्स हॉस्टल फॉर विमेन में हॉस्टल नाईट थी। तभी वहां की वार्डन के. रत्नाबली ने कहा कि हॉस्टल नाईट पर होने वाली सभी परफॉरमेंसेज उन्हें दिखाई जायेंगी। जब ऐसा किया गया तब उन्होंने एक परफ़ॉर्मर को रोक कर उसके डांस पीस को अश्लील बताया और कहा कि ये दर्शकों में उत्तेजना पैदा कर सकता है। इस दौरान वार्डन ने लड़कियों को अभद्र शब्द भी कहे, कई लड़कियों को ऑब्जेक्टिफाई किया।

हॉस्टल में रहने वाली पूजा बताती हैं, “वार्डन ने हमें ऐसे कपड़े पहनने की सलाह दी जिसमें शरीर कम दिखाई दे। उनके शब्दों के अनुसार एक औरत का शरीर एक रहस्य होना चाहिए। ये बातें हमारी सेल्फ़ रिस्पेक्ट पर सीधा हमला थी। कोई भी लड़की ऐसी किसी भी टिप्पणी को कैसे सुन सकती है।”

प्रेस रिलीज के अनुसार छात्राओं ने जब वार्डन से माफ़ी मांगने को कहा तो उन्होंने अपनी ग़लती मानने के बजाए अपनी बात को सही ठहराया, और छात्राओं को हॉस्टल में बंद कर दिया। तब छात्राओं ने हॉस्टल का ताला तोड़ा, और कॉम्प्लेक्स के गेट पर धरने पर बैठ गईं। उनकी मांग थी कि वार्डन इस्तीफ़ा दें, या कम से कम अपने बयान की ज़िम्मेदारी लेते हुए माफ़ी मांगें।

लेकिन ना तो वार्डन की मांफी आई और ना प्रशासन ने लड़कियों की शिकायत पर कोई कदम उठाया। तब से ये प्रदर्शन जारी है। इस मामले पर अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।

क्या है छात्राओं की मुख्य मांगें?

- दिल्ली यूनिवर्सिटी के सभी हॉस्टल्स और DU से मान्यता प्राप्त सभी कॉलेजों में जो महिलाओं के हॉस्टल हैं, उनमें आने-जाने के कर्फ्यू टाइम हटाए जाएं. लड़कियों को हॉस्टल में एंट्री से कभी न रोका जाए।

- छात्राओं के लिए लोकल गार्जियन होने का प्रावधान ख़त्म हो। इमरजेंसी के लिए एक नंबर रखवाया जा सकता है।

- सुरक्षा की सुविधा बिना किसी भेदभाव के सभी छात्राओं को दी जाए। उनके लिए हॉस्टल्स बनाने के लिए समय सीमा निर्धारित प्लान बनाया जाए और सभी को बताया जाए।

- छात्राओं को पूरे कोर्स के लिए हॉस्टल की सीट दी जाए। री-एडमिशन (दुबारा एडमिशन) की प्रक्रिया ख़त्म की जाए।

- सभी महिला हॉस्टल्स में SC/ST/OBC और विशेष ज़रूरत वाली छात्राओं के लिए सीटों का रिजर्वेशन ढंग से लागू किया जाए। इस श्रेणी की जो सीट्स खाली पड़ी हैं, उन्हें फ़ौरन भरा जाए।

- सुरक्षा के नाम पर छात्राओं को बंद न किया जाए। कैम्पस को सुरक्षित बनाने के लिए असरदार कदम उठाए जाएं।

- फीस पेमेंट का तरीका ऑनलाइन किया जाए।

- प्रोवोस्ट को सर्वेसर्वा ना रहने दिया जाए, सत्ता का विकेंद्रीकरण हो।

- अंडरग्रेजुएट हॉस्टल और राजीव गांधी हॉस्टल के लिए बस सर्विसेज शुरू हों।

- काम्प्लेक्स में चौबीसों घंटे मेडिकल फैसिलिटी शुरू हो।

IMG-20200318-WA0049.jpg

IMG-20200318-WA0050.jpg

छात्राओं की मांग है कि तत्काल प्रभाव से दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी हॉस्टल और प्राइवेट हॉस्टल में भी यह नियम लागू किए जाएँ। छात्राएँ शोषण, भेदभाव और नैतिक पुलिसिंग के ख़िलाफ़ प्रदर्शन जारी रखते हुए कह रही है कि वो तब तक पीछे नहीं हटेंगी जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।

क्या हैं यूजीसी के नियम?

यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन(यूजीसी) और सक्षम कमेटी द्वारा 2 मई 2016 को जारी हुए आदेश में कहा गया है कि छात्राओं पर किसी भी तरह के नियंत्रण जायज़ नहीं हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि महिला सुरक्षा के नाम पर किसी भी तरह की पाबंदी या महिलाओं के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता है। आदेश में लिखा था, "कैम्पस की नीतियों में छात्राओं या महिला कर्मचारियों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए और किसी भी तरह की पाबंदी नहीं होनी चाहिए।"

ग़ौरतलब है कि साल 2020 सीएए और एनआरसी को लेकर महिलाओं और छात्राओं के आंदोलन का गवाह बना है। दिल्ली के जवाहरलाल यूनिवर्सिटी से लेकर वाराणसी के बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी तक छात्राओं ने अपने हक़-हुकूक की आवाज़ उठाई है। हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में लड़कियों ने यौन हमले को लेकर प्रशासन के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया था। अब एक बार फिर नार्थ कैंपस की लड़कियां अपने अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं और मांगें पूरी होने तक डटे रहने की बात कर रही हैं।

इसे भी पढ़ें : डीयू : हॉस्टल कर्फ़्यू, शोषण और वॉर्डन की मॉरल पुलिसिंग के ख़िलाफ़ छात्राओं का प्रदर्शन

Delhi University
DU girls hostel
DU hostel students protest
protest against harassment
Moral policing

Related Stories

SFI ने किया चक्का जाम, अब होगी "सड़क पर कक्षा": एसएफआई

डीयू के छात्रों का केरल के अंडरग्रेजुएट के ख़िलाफ़ प्रोफ़ेसर की टिप्पणी पर विरोध

डीयू: एनईपी लागू करने के ख़िलाफ़ शिक्षक, छात्रों का विरोध

प्रत्यक्ष कक्षाओं की बहाली को लेकर छात्र संगठनों का रोष प्रदर्शन, जेएनयू, डीयू और जामिया करेंगे  बैठक में जल्द निर्णय

डूटा ने ‘पैटर्न ऑफ असिस्टेंस’ दस्तावेज़ के ख़िलाफ़ कुलपति कार्यालय पर किया प्रदर्शन

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने वेतन नहीं मिलने के विरोध में की हड़ताल

डीयू खोलने की मांग को लेकर छात्रों की 48 घंटे की भूख हड़ताल, पुलिस ने हिरासत में लिया

डीयू के दो और प्रोफ़ेसर को भीमा कोरेगांव मामले में समन, छात्र-शिक्षकों ने किया विरोध

दिल्ली विश्वविद्यालय: आर्ट्स फैकल्टी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर एफआईआर

परीक्षा का मसला: छात्रों का सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक विरोध प्रदर्शन जारी


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License