NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘पिंजरा तोड़’ की सदस्य की ज़मानत याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा
न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने एक निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। निचली अदालत ने जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल की ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी।
भाषा
12 Aug 2020
दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘पिंजरा तोड़’ की सदस्य की ज़मानत याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा
फ़ोटो साभार : हिंदुस्तान

दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने फरवरी में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में महिला संगठन ‘पिंजरा तोड़’ की एक सदस्य की ज़मानत याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने एक निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। निचली अदालत ने जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल की ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी।

अदालत ने कहा, ‘‘नोटिस जारी किया। विशेष लोक अभियोजक अमित महाजन ने नोटिस स्वीकार किया और स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दस दिन का समय मांगा। याचिकाकर्ता (नरवाल) के वकील को इसकी एक प्रति देने के साथ उक्त अवधि के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल किया जाए।’’

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को निर्धारित की।

इस मामले में नरवाल और समूह की एक अन्य सदस्य देवांगना कलिता को इस साल मई में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत उन पर मामला दर्ज किया था, जिसमें दंगा, गैरकानूनी सभा आयोजित करने और हत्या का प्रयास संबंधी धाराएं शामिल हैं।

उन पर दंगों में "पूर्व-नियोजित साजिश" का कथित तौर पर हिस्सा होने के आरोप में, सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक अलग मामले में कड़े आतंकवाद-रोधी कानून- गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।


कलिता के खिलाफ चार मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि नताशा तीन मामलों में आरोपी है।

निचली अदालत ने 14 जून को नताशा और कलिता की ज़मानत याचिका इस आधार पर खारिज कर दी थी कि आवेदनों में कोई ठोस आधार नहीं है और आरोप-पत्र से यह स्पष्ट है कि जांच अभी लंबित है और इसे अन्य आरोपियों के खिलाफ भी दायर किया गया है।

कलिता ने भी निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है और इस मामले को 14 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

 

Delhi High court
delhi police
pinjara tod
Delhi University
Delhi riots

Related Stories

दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

दिल्ली: दलित प्रोफेसर मामले में SC आयोग का आदेश, DU रजिस्ट्रार व दौलत राम के प्राचार्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज

क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?

डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा

ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली

‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार

मैरिटल रेप : दिल्ली हाई कोर्ट के बंटे हुए फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, क्या अब ख़त्म होगा न्याय का इंतज़ार!

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!


बाकी खबरें

  • bulldozer
    न्यूज़क्लिक टीम
    दिल्ली: बुलडोज़र राजनीति के ख़िलाफ़ वामदलों का जनता मार्च
    11 May 2022
    देश के मुसलमानों, गरीबों, दलितों पर चल रहे सरकारी बुल्डोज़र और सरकार की तानाशाही के खिलाफ राजधानी दिल्ली में तमाम वाम दलों के साथ-साथ युवाओं, महिलाओं और संघर्षशील संगठनों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के…
  • qutub minar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब क़ुतुब मीनार, ताज महल से हासिल होंगे वोट? मुग़ल दिलाएंगे रोज़गार?
    11 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा सवाल पूछ रहे हैं कि देश में कभी क़ुतुब मीनार के नाम पर कभी ताज महल के नाम पर विवाद खड़ा करके, सरकार देश को किस दिशा में धकेल रही…
  • sedition
    विकास भदौरिया
    राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट: घोर अंधकार में रौशनी की किरण
    11 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश और न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का हाल का बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकों के असंतोष या उत्पीड़न को दबाने के लिए आपराधिक क़ानून का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, एक आशा…
  • RAVIKANT CASE
    असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!
    11 May 2022
    प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन हमले की FIR लिखाने के लिए पुलिस के आला-अफ़सरों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन आरोपी छात्रों के विरुद्ध अभी तक न तो पुलिस की ओर से क़ानूनी कार्रवाई हुई है और न ही विवि प्रशासन की ओर…
  • jaysurya
    विवेक शर्मा
    श्रीलंका संकट : आम जनता के साथ खड़े हुए खिलाड़ी, सरकार और उसके समर्थकों की मुखर आलोचना
    11 May 2022
    श्रीलंका में ख़राब हालात के बीच अब वहां के खिलाड़ियों ने भी सरकार और सरकार के समर्थकों की कड़ी निंदा की है और जवाब मांगा है। क्रिकेट जगत के कई दिग्गज अपनी-अपनी तरह से आम जनता के साथ एकजुटता और सरकार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License