NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
पर्यावरण
भारत
राजनीति
दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा हुई ज़हरीली, गले और आंखों में जलन की शिकायतें
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शहर में वायु गुणवत्ता बिगड़ने के लिए पटाख़े और पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इसके लिए भाजपा को भी ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि कुछ लोगों ने ख़ास मकसद से पटाख़े जलाए।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
05 Nov 2021
air pollution
Image courtesy : Hindustan Times

नयी दिल्ली। जिसका अंदेशा था, वही हुआ। दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर की आबो-हवा बिगड़ गई  है। दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिवाली पर खूब पटाख़े जलाए जाने के बाद शुक्रवार को सुबह घने कोहरे की मोटी परत छायी रही जिसके कारण कई हिस्सों में निवासियों को गले में जलन और आंखों में पानी आने की दिक्कतों से जूझना पड़ा।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शहर में वायु गुणवत्ता बिगड़ने के लिए पटाख़े और पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराया।

प्राधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को पराली जलाए जाने से उठने वाले धुएं के कारण हालात और बिगड़ सकते हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले महीन कण यानी पीएम2.5 की 24 घंटे की औसत सांद्रता बढ़कर शुक्रवार को सुबह नौ बजे 410 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गयी जो 60 माइकोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित दर से करीब सात गुना अधिक है। बृहस्पतिवार शाम छह बजे इसकी औसत सांद्रता 243 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी।

पीएम10 का स्तर शुक्रवार को सुबह करीब पांच बजे 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के आंकड़ें को पार कर गया और सुबह नौ बजे यह 511 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।

ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) के अनुसार, अगर पीएम2.5 और पीएम10 का स्तर 48 घंटों या उससे अधिक समय तक क्रमश: 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक रहता है तो वायु गुणवत्ता ‘‘आपात’’ श्रेणी में मानी जाती है।

दिल्ली में कम तापमान और सुबह कोहरा छाए रहने से प्रदूषक तत्वों के एकत्रित होने के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह आठ बजे बढ़कर 451 (गंभीर श्रेणी) दर्ज किया गया।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर के जीनामणि ने कहा, ‘‘दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार को सुबह घना कोहरा छाने के कारण इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और सफदरजंग हवाई अड्डे पर सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता कम होकर 200 से 500 मीटर के दायरे तक रह गयी। शहर के कई हिस्सों में दृश्यता कम होकर 200 मीटर तक रह गयी।’’

दिल्ली में 33 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 33 ने एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया। दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार रात को गंभीर श्रेणी में पहुंच गयी क्योंकि लोगों ने सरकार के प्रतिबंधों का घोर उल्लंघन करते हुए दिवाली पर जमकर पटाख़े जलाए।

पड़ोसी शहरों फरीदाबाद (454), ग्रेटर नोएडा (410), गाजियाबाद (438), गुरुग्राम (473) और नोएडा (456) में वायु गुणवत्ता शुक्रवार को सुबह गंभीर श्रेणी में दर्ज की गयी।

उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच को मध्यम, 201 से 300 के बीच को खराब, 301 से 400 के बीच को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच को गंभीर श्रेणी में माना जाता है।

राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों और उसके उपनगरों में लोगों ने सुबह सिर में दर्द, गले में जलन और आंखों में पानी आने की शिकायतें की। चिंतित नागरिकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर आतिशबाजी की तस्वीरें और वीडियो साझा किए और पटाखों पर प्रतिबंध को ‘‘मजाक’’ बताया।

ट्विटर पर एक उपयोगकर्ता ने लिखा, ‘‘दिल्ली को कायदे से कल सुबह बंद रहना चाहिए और सरकार का पटाखों पर प्रतिबंध इस साल का सबसे बड़ा मजाक साबित हुआ है। किसी को परवाह नहीं है, इस बीच मेरे परिवार के ज्यादातर लोगों को गंभीर सूखी खांसी या सिर में दर्द है। दिल्ली का एक्यूआई 700 के पार है और रात अभी शुरू भी नहीं हुई है।’’

प्रतिबंध के बावजूद ख़ूब पटाख़े जलाए गए

दिल्ली में कई लोगों ने बृहस्पतिवार की रात को खूब पटाख़े जलाए जाने की शिकायत की जबकि पटाख़े जलाने पर एक जनवरी 2022 तक पूर्ण प्रतिबंध है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरों नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में देर रात तक आतिशबाजी होती रही।

हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपने 14 जिलों में सभी तरह के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल रोक लगायी हुई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मध्यम या बेहतर वायु गुणवत्ता वाले इलाकों में दो घंटों के लिए दिवाली पर हरित पटाखों के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।

विशेषज्ञों ने बताया कि हवा न चलने, कम तापमान और पटाखों से होने वाले जहरीले उत्सर्जन, पराली जलाने और स्थानीय स्रोतों के कारण वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गयी।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ ने बताया कि दिल्ली में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का हिस्सा बढ़कर बृहस्पतिवार को 25 प्रतिशत पर पहुंच गया और इसके शुक्रवार तक 35 प्रतिशत तथा शनिवार तक 40 प्रतिशत पर पहुंचने की संभावना है।

उसने बताया कि केवल सात नवंबर की शाम से राहत मिलते की उम्मीद है लेकिन वायु गुणवत्ता बहुत खराबी श्रेणी में ही रहेगी।

पटाख़े जलाने के पीछे भाजपा : गोपाल राय

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शहर में वायु गुणवत्ता बिगड़ने के लिए पटाख़े और पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराया।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आरोप लगाया कि दिल्ली में कुछ लोगों ने खास मकसद से पटाख़े जलाए, इसके पीछे भाजपा है । उन्होंने कहा कि दिल्ली के आसपास पराली जलाए जाने की करीब 3,500 घटनाओं का असर भी आज राष्ट्रीय राजधानी में दिखा।

Diwali
diwali crackers
Diwali Pollution
Air Pollution
Delhi-NCR
Gopal Rai

Related Stories

बिहार की राजधानी पटना देश में सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर

दिल्ली से देहरादून जल्दी पहुंचने के लिए सैकड़ों वर्ष पुराने साल समेत हज़ारों वृक्षों के काटने का विरोध

साल 2021 में दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी थी : रिपोर्ट

विश्व जल दिवस : ग्राउंड वाटर की अनदेखी करती दुनिया और भारत

देहरादून: सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के कारण ज़हरीली हवा में जीने को मजबूर ग्रामीण

हवा में ज़हर घोल रहे लखनऊ के दस हॉटस्पॉट, रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तैयार किया एक्शन प्लान

हर नागरिक को स्वच्छ हवा का अधिकार सुनिश्चित करे सरकार

दिल्ली ही नहीं गुरुग्राम में भी बढ़ते प्रदूषण से सांसों पर संकट

वोट बैंक की पॉलिटिक्स से हल नहीं होगी पराली की समस्या

वायु प्रदूषण की बदतर स्थिति पर 5 राज्यों की बैठक, गोपाल राय ने दिया 'वर्क फ़्रॉम होम' का सुझाव


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License