उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को एक साल गुज़र चुका हैI सरसरी तौर पर लगता है कि ज़िंदगी पटरी पर आ गई हैI सड़कों पर वही भीड़ हैI लेकिन ध्यान से देखने पर अहसास होता है कि कई लोगों के ज़ख्म अब तक हरे हैंI जिन्होंने इस हिंसा में अपनों को खोया है उनके लिए पुरानी ज़िंदगी बस सपना भर है शायद...