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राजनीति
दिल्ली दंगे: पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां ने यूएपीए के मामले में जमानत मांगी
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत 12 जुलाई को याचिका पर दलीलें सुनेंगे। इशरत की बहन सरवर जहां के साथ ही वकील प्रदीप तेवतिया उनका पक्ष रख रहे हैं।
भाषा
06 Jul 2021
इशरत जहां

नयी दिल्ली: गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार की गयीं कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां ने यहां एक अदालत में याचिका दाखिल कर उत्तर-पूर्व दिल्ली में पिछले साल फरवरी में हुए दंगों की साजिश के मामले में जमानत का अनुरोध किया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत 12 जुलाई को याचिका पर दलीलें सुनेंगे। इशरत की बहन सरवर जहां के साथ ही वकील प्रदीप तेवतिया उनका पक्ष रख रहे हैं।

सरवर जहां ने कहा, ‘‘उसे विरोध प्रदर्शन का प्रमुख महिला चेहरा दर्शाया गया। जमानत अर्जी में यह हमारा एक आधार है। हम न्याय के लिए तथा उसकी बेगुनाही साबित करने के लिए लड़ रहे हैं क्योंकि उसे गलत तरह से फंसाया गया है।’’

अदालत ने पिछले साल नवंबर में अपराध की गंभीरता को देखते हुए इशरत जहां को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इनमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले शामिल हैं।

इशरत जहां मंडोली जेल में कोविड-19 के प्रकोप और अन्य चिकित्सा संबंधी मुद्दों का हवाला देते हुए जमानत मांग रही है।

इससे पहले उन्हें शादी के लिए 10 दिन की अंतरिम जमानत दी गयी थी और गवाहों को प्रभावित नहीं करने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने का निर्देश दिया गया था। उनकी शादी 12 जून, 2020 को होनी तय हुई थी।

इशरत जहां के अलावा जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा नताशा नरवाल और देवांगना कालिता, पूर्व छात्र नेता उमर खालिद, जामिया समन्वय समिति की सदस्य सफूरा जरगर, पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन तथा कई अन्य पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था।

इन सभी पर फरवरी 2020 में हुए दंगों की साजिश रचने का आरोप है। दंगों में 53 लोगों की मौत हो गयी थी और 700 से अधिक लोग घायल हो गये थे।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में आसिफ, नरवाल तथा कालिता को मामले में जमानत दी थी और कहा था कि सरकार ने असंतोष को दबाने की जल्दबाजी में प्रदर्शन के अधिकार तथा आतंकवादी गतिविधि के बीच की रेखा को धूमिल कर दिया।

Delhi riots
Ishrat Jahan
UAPA

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