महात्मा गाँधी पर देशद्रोह का मुकदमा चलने के एक सदी बाद, आज अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने वालों पर यह क़ानून लगाने के मामलों में लगातार इज़ाफा हो रहा हैI तमाम शोध के ज़रिए यह ज़ाहिर किया गया कि कैसे 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद देशद्रोह के क़ानून का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया हैI इतिहास के पन्ने के इस अंक में पत्रकार और लेखक नीलांजन मुखोपाध्याय चर्चा कर रहे हैं कि कैसे इस क़ानून का दुरुपयोग असहमति की आवाज़ को दबाने के लिए किया जा रहा हैI