NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली दंगा मामला: पुलिस ने अदालत में उमर खालिद की ज़मानत याचिका का किया विरोध
दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध किया है, जिन्हें उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे की साजिश के कथित एक मामले में ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस द्वारा पिछले एक साल में यूएपीए जैसे आतंकरोधी कानूनों का इस्तेमाल बढ़ा है। सरकार ने मंगलवार को बताया कि दिल्ली पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में यूएपीए के तहत 9 मामले दर्ज किये गए और 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Jul 2021
दिल्ली दंगा मामला: पुलिस ने अदालत में उमर खालिद की जमानत याचिका का किया विरोध

नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध किया है, जिन्हें उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे की साजिश के कथित एक मामले में ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। हालाँकि दंगे एक साल से अधिक हो जाने  के बाद भी दिल्ली पुलिस कोई ठोस सबूत नहीं दे पाई है। खालिद सहित  छात्र नेता और सामजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने इसी तरह के मामलों में गिरफ़्तार किया था।  ऐसे ही एक अन्य मामले पिंजड़ा तोड़ की नताश नरवाल ,देवांगन कलिता और जामिया के छात्र आसिफ इक़बाल तन्हा को जमानत दे दी गई है।

दिल्ली पुलिस द्वारा पिछले एक साल में यूएपीए जैसे आतंकरोधी कानूनों का इस्तेमाल बढ़ा है। ये सरकार ने खुद माना है।  हालाँकि किसी भी सभ्य समाज में इस तरह के कानूनों का इस्तेमाल सरकार का विरोध करने वालों पर लगाना बहुत ख़तरनाक है।  ये बात दिल्ली हाईकोर्ट ने भी अपने एक आदेश में दोहराई थी।

खौर सरकार ने मंगलवार को बताया कि दिल्ली पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में  यूएपीए के तहत 9 मामले दर्ज किये गए और 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

लोकसभा में माला राय के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2020 के दौरान विधि विरूद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम (यूएपीए) के तहत 9 मामले दर्ज किये गए और 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया।’’

गृह राज्य मंत्री ने कहा कि इन मामलों में और अधिक ब्योरे का खुलासा करना व्यापक जनहित में नहीं होगा क्योंकि इससे मामले प्रभावित हो सकते हैं।

खालिद के मामले में पुलिस ने कोर्ट में कहा कि वह आरोपी के विरुद्ध ‘प्रथम दृष्टया’ मामला दिखाएगी। खालिद की जमानत याचिका के जवाब में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त आलोक कुमार ने कहा कि अभियोजन पक्ष, मामले में दायर आरोपपत्र के हवाले से अदालत में आरोपी के विरुद्ध प्रथम दृष्टया मामला दिखाएगा।

अगर यहाँ पुलिस की बात को ही माने तो अभी वो खालिद के खिलाफ मामला दिखाएगी यानि जेल में रहने के एक साल अधिक हो जाने के बाद भी पुलिस अभी तक  कोई सबूत कोर्ट के सामने पेश नहीं कर पाई है।  

कुमार ने 26 जुलाई को दाखिल किये गए जवाब में कहा, “इस आवेदन में कोई दम नहीं है क्योंकि आरोपपत्र के हवाले से अदालत में दिखाया जाएगा और इसलिए अभियोजन आवेदन के उत्तर में विस्तृत जवाब दायर नहीं करना चाहता।” पुलिस ने यह भी कहा कि मामला एक बड़ी साजिश का हिस्सा है और यह छह मार्च 2020 को दर्ज हुआ था।

पुलिस ने कहा कि मामले के संबंध में गिरफ्तार किये गए 21 लोगों में से पुलिस ने 18 के विरुद्ध आरोपपत्र दायर किया है। खालिद की जमानत याचिका पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत में सात अगस्त दोपहर 12 बजे सुनवाई होगी। उल्लेखनीय है कि खालिद को दंगे से संबंधित एक अन्य मामले में जमानत दे दी गई थी।

Umar khalid
UAPA
delhi police
Delhi riots
BJP Govt

Related Stories

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी

क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) क़ानून और न्याय की एक लंबी लड़ाई

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'

जहांगीरपुरी : दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता पर ही सवाल उठा दिए अदालत ने!

अदालत ने कहा जहांगीरपुरी हिंसा रोकने में दिल्ली पुलिस ‘पूरी तरह विफल’


बाकी खबरें

  • aaj ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    धर्म के नाम पर काशी-मथुरा का शुद्ध सियासी-प्रपंच और कानून का कोण
    19 May 2022
    ज्ञानवापी विवाद के बाद मथुरा को भी गरमाने की कोशिश शुरू हो गयी है. क्या यह धर्म भावना है? क्या यह धार्मिक मांग है या शुद्ध राजनीतिक अभियान है? सन् 1991 के धर्मस्थल विशेष प्रोविजन कानून के रहते क्या…
  • hemant soren
    अनिल अंशुमन
    झारखंड: भाजपा काल में हुए भवन निर्माण घोटालों की ‘न्यायिक जांच’ कराएगी हेमंत सोरेन सरकार
    18 May 2022
    एक ओर, राज्यपाल द्वारा हेमंत सोरेन सरकार के कई अहम फैसलों पर मुहर नहीं लगाई गई है, वहीं दूसरी ओर, हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार-घोटाला मामलों की न्यायिक जांच के आदेश…
  • सोनिया यादव
    असम में बाढ़ का कहर जारी, नियति बनती आपदा की क्या है वजह?
    18 May 2022
    असम में हर साल बाढ़ के कारण भारी तबाही होती है। प्रशासन बाढ़ की रोकथाम के लिए मौजूद सरकारी योजनाओं को समय पर लागू तक नहीं कर पाता, जिससे आम जन को ख़ासी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड : क्या मज़दूरों की जान की कोई क़ीमत नहीं?
    18 May 2022
    मुंडका, अनाज मंडी, करोल बाग़ और दिल्ली के तमाम इलाकों में बनी ग़ैरकानूनी फ़ैक्टरियों में काम कर रहे मज़दूर एक दिन अचानक लगी आग का शिकार हो जाते हैं और उनकी जान चली जाती है। न्यूज़क्लिक के इस वीडियो में…
  • inflation
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब 'ज्ञानवापी' पर हो चर्चा, तब महंगाई की किसको परवाह?
    18 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार के पास महंगाई रोकने का कोई ज़रिया नहीं है जो देश को धार्मिक बटवारे की तरफ धकेला जा रहा है?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License