NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ट्यूनीशिया में जॉर्ज अब्दल्ला सहित अन्य क्रांतिकारी क़ैदियों की रिहाई की मांग
ये प्रदर्शन 15-22 जून के इंटरनेशनल वीक ऑफ एक्शन का हिस्सा है जो फिलिस्तीनी लोगों की ओर से उनके संघर्षों और फिलिस्तीन की मुक्ति को लेकर क़ैद सभी लोगों की रिहाई के लिए दुनिया भर में आयोजित किए जा रहे।
पीपल्स डिस्पैच
22 Jun 2020
 Tunisia

ट्यूनीशियाई के एक्टिविस्ट ने शनिवार 20 जून को राजधानी ट्यूनिस में जॉर्ज इब्राहिम अब्दल्ला, अहमद सआदत और अन्य सभी क्रांतिकारी क़ैदियों की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। जॉर्ज अब्दल्ला के ट्यूनीशियाई कमेटी फॉर द लिबरेशन और प्लेटफ़ॉर्म अगेंस्ट नॉर्मलाइज़ेशन द्वारा इस प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। जॉर्ज अब्दल्ला को मुक्त करने की मांग को लेकर 15-22 जून के इंटरनेशनल वीक ऑफ एक्शन के भाग के रूप में यह दुनिया भर में आयोजित कई अवसरों और कार्यों में से एक था।

ट्यूनीस के केंद्रीय भाग में प्रदर्शनकारी फ्रांसीसी दूतावास के सामने एकत्र हुए थे। प्रदर्शनकारी बैनर लिए हुए थे और अब्दल्ला के केस और उनकी दुर्दशा को व्यक्त कर रहे थे।

प्रमुख लेबनानी कम्युनिस्ट नेता अब्दल्ला पिछले 35 वर्षों से फ्रांस की जेल में बंद हैं। अब्दल्ला पर एक अमेरिकी सैन्य अधिकारी के साथ-साथ पेरिस में एक इज़रायली राजनयिक की हत्याओं का आरोप है। उन्हें 1987 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीन के साथ-साथ अन्य साम्राज्यवाद-विरोधी और उपनिवेश-विरोधी संघर्षों के लिए लड़ने वाले अन्य सभी क्रांतिकारी क़ैदियों की रिहाई का भी आह्वान किया। अब्दल्ला और अन्य क़ैदियों की रिहाई की मांग के लिए फ्रांस, तुर्की और कई अन्य देशों में इसी तरह के विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं।

विरोध मार्च निकालने से पहले पिछले हफ्ते ट्यूनिस में इंटरनेशनल वीक ऑफ एक्शन के भाग के रुप में कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। जॉर्ज अब्दल्ला के मामले के क़ानूनी पहलुओं को लेकर लोगों को बताने और समझाने के लिए ट्यूनिस बार में एक व्याख्यान आयोजित किया गया था। अब्दल्ला, सआदत और अन्य क़ैदियों को समर्पित एक कार्यक्रम का आयोजन ट्यूनिस में भी किया गया था ताकि क़ैदियों की क्रांतिकारी भावना और उत्साह को याद किया जा सके और उनकी वर्तमान स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। ये आयोजन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यूनिफाइड कैंपेन टू फ्री जॉर्ज अब्दुल्ला द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं और फिलिस्तीनी मामलों के समर्थक, दुनिया भर के सैकड़ों संगठनों के कार्यकर्ता और सदस्य विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों और गतिविधियों में भाग ले रहे हैं।

Tunisia
Tunisia Protest
George Abdalla
Revolutionary prisoners

Related Stories

अब ट्यूनीशिया के लोकतंत्र को कौन बचाएगा?

ट्यूनीशिया: पहली डिजिटल राजनीतिक सुझाव प्रक्रिया पर लोगों में मत-विभाजन

ट्यूनीशिया के संविधान में संशोधन करने की राष्ट्रपति की योजना का विरोध

ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को बर्ख़ास्त किया, देश में विरोध के बाद संसद निलंबित

कोविड मामलों में नए उछाल के बीच ट्यूनीशिया के स्वास्थ्य मंत्री हटाए गए

ट्यूनीशियाः पुलिस की बर्बरता के ख़िलाफ़ प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की हिंसक कार्रवाई

ट्यूनीशियाई राज्य समाचार एजेंसी टीएपी के विवादास्पद प्रमुख ने विरोध के बाद इस्तीफा दिया

ट्यूनीशिया के पत्रकार संघ ने सरकारी न्यूज़ एजेंसी के पत्रकारों के विरोध प्रदर्शन पर पुलिस छापे की निंदा की

ट्यूनीशियाई सुरक्षा बलों ने बेरोज़गारी को लेकर हुए विरोध पर हिंसक कार्रवाई की

ट्यूनीशियाः नई सरकार को मंज़ूरी देने से राष्ट्रपति के इनकार के बाद राजनीतिक संकट गहराया


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License