NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
राजनीतिक परंपरा को तोड़ते हुए डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति उम्मीदवार AIPAC में नहीं हुए शामिल
मुख्य उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स के बाद अब अन्य उम्मेदवारों ने भी AIPAC सम्मेलन में शामिल ना होने का फ़ैसला लिया है।
पीपल्स डिस्पैच
28 Feb 2020
Democratic party

American Israel Public Affairs Committee (AIPAC) में अब डेमोक्रेटिक पार्टी के अन्य राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों ने शामिल ना होने का फ़ैसला लिया है। डेमोक्रेटिक के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, एमी क्लोबोचर और पीट बटिगिएग ने इज़रायल समर्थित लॉबी का वार्षिक नीति सम्मेलन को छोड़ने का फ़ैसला किया है। इससे पहले उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स और एलिज़ाबेथ वॉरेन ने भी ऐसा फ़ैसला लिया था। शिखर सम्मेलन की पुष्टि करने वाले एकमात्र उम्मीदवार माइकल ब्लूमबर्ग हैं।

AIPAC नीति सम्मेलन को छोड़ने के कई उम्मीदवारों के निर्णय से परंपरा को एक बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों, विशेष रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी के, ने वर्षों से उस मंच को प्रतिष्ठित किया है जिसे वार्षिक असाधारण सम्मेलन ने पेश किया है। लेकिन हाल के महीनों में, कई डेमोक्रेटिक विधायकों को निशाना बनाने के AIPAC के प्रयासों ने पार्टी नेतृत्व को लॉबी समूह के साथ विवादों में डाल दिया है।

डेमोक्रेटिक कांग्रेस की महिला सदस्य इल्हान उमर, अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कॉर्टेज़ और रशीदा तलीब को फ़िलिस्तीनी अधिकारों और बहिष्कार, विभाजन और प्रतिबंध (बीडीएस) आंदोलन के अपने समर्थन के लिए एआईपीएसी ने निशाना बनाया है। एआईपीएसी ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में इल्हान उमर के ख़िलाफ़ एक प्रस्ताव के लिए अभियान चलाने की पैरवी की, जिसमें लगभग पूरी डेमोक्रेटिक पार्टी को इसके ख़िलाफ़ मतदान करते देखा गया था।

हाल ही में, AIPAC ने अपने फेसबुक पेज पर एक प्रचार वीडियो लगाया था जिसमें फिलिस्तीनीयों के हकों की बात करने के लिए डेमोक्रेटिक नेताओं को आईएसआईएस से भी बदतर बताया गया था। इसकी वजह से AIPAC की काफ़ी निंदा हुई। हालांकि उसने यह वीडियो हटा लिया और माफ़ी भी मांग ली लेकिन इसकी वजह से पार्टी और लॉबी में विवाद खड़े हो गए हैं।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Democratic Party
AIPAC
American Israel Public Affairs Committee
Pete Buttigieg
Amy Klobuchar
Democratic Congress
Israel

Related Stories

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

गर्भपात प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट के लीक हुए ड्राफ़्ट से अमेरिका में आया भूचाल

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार


बाकी खबरें

  • निखिल करिअप्पा
    कर्नाटक : कच्चे माल की बढ़ती क़ीमतों से प्लास्टिक उत्पादक इकाईयों को करना पड़ रहा है दिक़्क़तों का सामना
    02 May 2022
    गलाकाट प्रतियोगिता और कच्चे माल की क़ीमतों में बढ़ोत्तरी ने लघु औद्योगिक इकाईयों को बहुत ज़्यादा दबाव में डाल दिया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिजली संकट को लेकर आंदोलनों का दौर शुरू
    02 May 2022
    पूरा देश इन दिनों बिजली संकट से जूझ रहा है। कोयले की प्रचुर मात्रा होने के बावजूद भी पावर प्लांट में कोयले की कमी बनी हुई है। इसे लेकर देश के कई इलाके में विरोध शुरू हो गए हैं।  
  • सतीश भारतीय
    मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में सैलून वाले आज भी नहीं काटते दलितों के बाल!
    02 May 2022
    भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 भारत के हर नागरिक को समानता का दर्जा देता है। मगर हक़ीक़त यह है कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी दलित आवाम असमानताओं में जीने को विवश है। आज भी ऊंची जाति ने दलित समाज को सिर के…
  • पीपल्स डिस्पैच
    "एएलबीए मूल रूप से साम्राज्यवाद विरोधी है": सच्चा लोरेंटी
    02 May 2022
    एएलबीए मूवमेंट्स की तीसरी कंटिनेंटल असेंबली के दौरान संबद्ध मंचों ने एकता स्थापित करने और साम्राज्यवाद व पूंजीवाद के ख़िलाफ़ एक साथ लड़ने की अहमियत के बारे में चर्चा की।
  • राजु कुमार
    6 से 9 जून तक भोपाल में होगी 17वीं अखिल भारतीय जन विज्ञान कांग्रेस
    02 May 2022
    “भारत का विचार : वैज्ञानिक स्वभाव, आत्मनिर्भरता और विकास“ के साथ-साथ देश की वर्तमान चुनौतियों पर मंथन एवं संवाद के लिए 600 से अधिक जन विज्ञान कार्यकर्ता एवं वैज्ञानिक शिरकत करेंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License