पिछले हफ्ते स्विगी ने ग्राहक को भारी छूट देकर अपने पांच साल का पूरे होने का जश्न मनाया। हालांकि, अपने जन्मदिन को मनाने में लगता है कि स्विगी उन कर्मचारियों को भूल गए जिन्होंने कंपनी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस कोरोना काल में कंपनी नए भुगतान नियम लाई है जिसका कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही वो पुराने भुगतान नियम को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
इसको लेकर देश के कई राज्यों के कर्मचरी विरोध प्रदर्शन कर रहे है। चेन्नई में ये कर्मचारी काम बंद कर हड़ताल पर है।
यह हाल सिर्फ स्विगी का नहीं बल्कि अन्य ऐप बेस डिलवरी कंपनियों के कर्मचारियों का भी है। पिछले 4 दिनों से इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (आईएफएटी) ने भारत के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के कारण भारत के ड्राइवर और डिलीवरी पार्टनर की समस्याओं को उजागर करने के लिए शांतिपूर्ण और मौन विरोध का आह्वान किया है। आज मंगलवार उनके प्रदर्शन का पांचवा दिन है ये 12 से अधिक राज्यों के डिलिवरी वर्कर अपनी मांगों के लिए हड़ताल/विरोध /प्रदर्शन कर रहे है।
कर्मचारी प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?
कर्मचारियों ने बताया कि डिलीवरी करने वाले कर्मचारियों को कोरोना माहमारी से लड़ने के लिए मुलभूत सुविधाएं नहीं दी जा रही है। उदाहरण के लिए कर्मचारियों ने बताया की स्विगी ने केवल एक बार मार्च में सैनिटाइजर के लिए अपने कर्मचारियों को 200 रुपये दिए। उसके बाद इस मद में कोई पैसा नहीं दिया गया। जिस वजह से कर्मचारी इसकी चपेट में आ रहे हैं। यह सिर्फ न कर्मचारियों, उनके परिवारों बल्कि ग्राहकों की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ है। सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदार कंपनी की है। केवल कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए संपर्क कम और नकदी कम उपयोग सुनिश्चित करना पर्याप्त नहीं है।
कर्मचारी मांग करते हैं कि कंपनियों को एक बार फिर से उच्च गुणवत्ता वाले फेस मास्क, दस्ताने और हैंड सैनिटाइज़र से युक्त सुरक्षा किट प्रदान करनी चाहिए या उसकी कीमत कर्मचारियों को देना चाहिए।
रेस्तरां खुल गए पर अब भी कमाई आधी ही है: कर्मचारी
भले ही रेस्तरां खुलने लगे हैं और टेक-ऑफ और डिलीवरी का काम शुरू हो गया है, लेकिन उपभोक्ता की मांग में कमी के कारण ऑनलाईन ऑर्डर घट गए हैं। नतीजतन, मौजूदा डिलीवरी कर्मचारी, जिन्हें प्रति-डिलीवरी के आधार पर भुगतान किया जाता है, उन्हें पर्याप्त ऑर्डर नहीं मिल रहा है इसके साथ ही दो ऑर्डर के बीच के समय को भी लंबा कर रहा है। उन्हें एक ऑर्डर के लिए अधिक यात्रा भी करनी पड़ रही है जिससे उनकी कमाई में गिरावट हुई है। पिछले छह महीनों में Swiggy और Zomato दोनों ने इंसेंटिव स्ट्रक्चर और डिलीवरी कर्मचारी के भुगतान में कटौती की है।
धर्मेंद्र जो खुद डिलीवरी बॉय हैं और आईएफएटी से जुड़े भी हैं, उन्होंने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा है कि किसी भी उद्योग में कर्मचारी काम करता है तो उसकी तरक्की होती है उसके वेतन में इजाफा होता है परन्तु यहां उल्टा हमारी आमदानी में कटौती हो रही है। उन्होंने बताया जब हमने आज से पांच साल पहले काम शुरू किया था तब हम एक पैकट डिलीवरी के लिए साठ रुपये मिलते थे लेकिन उसे घटाकर 35 रुपये किया गया और इस महामारी में जब हम आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तब उस रेट को और भी कम करके 15 रुपये किया जा रहा है। जबकि दूसरी तरफ पेट्रोल के दाम लगातर आसमान छू रहे हैं जो पेट्रोल पहले 70 रुपये था आज 80 रुपये तक पहुंच गया है। पहले हम दिन भर में काम करके 500 से 600 रुपये कमाते थे परन्तु अब 12 घंटे काम करने के बाद भी 300 से 400 रुपये ही कमा पाते हैं। ऐसे में हमारे लिए घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है।
धर्मेंद्र ने कहा कि ऑर्डर में कमी के कारण कर्मचारियों को इंसेंटिव की का टारगेट पूरा नहीं हो रहा है। कंपनी को अपने कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील होकर प्रोत्साहन संरचना को संशोधित करना चाहिए, जो व्यावहारिक रूप से 10 घंटे से कम समय में हासिल की जा सकता हो।
प्रदर्शनकारियों ने कंपनी द्वारा नई भर्ती को लेकर भी नाराज़गी जताई और कहा चूंकि कंपनी मौजूदा कर्मचारियों को पर्याप्त काम देने में असमर्थ है, इसलिए उन्हें अस्थायी रूप से नए डिलीवरी बॉय के भर्ती को रोकना चाहिए और मौजूदा कर्मचारियों को ऑर्डर के कम होने पर कार्यदिवसों के रोटेशन-बेसिस पर काम देना चाहिए ताकि हर कर्मचारी को पैसा कमाने का समान और उचित मौका मिल सके।
आईएफएटी के राष्ट्रीय महासचिव शेख सलाउद्दीन शेख सलाउद्दीन पूछते हैं कि अपनी स्थापना के बाद से इसके देश भर में 10 लाख से अधिक वितरण श्रमिक यानी डिलवरी बॉय है, लेकिन अब 2 लाख से भी कम डिलवरी बॉय इससे जुड़े हुए हैं क्यों?
सलाउद्दीन ने कहा अपने शुरुआती वर्षों में इसके डिलीवरी बॉय की कमाई अच्छी थी । अब पिछले कुछ सालों में इंडस्ट्री में कमाई कम हो गई है। इसके भुगतान और प्रोत्साहन (इंसेंटिव)संरचना में लगातार कमी और तेल की कीमत में वृद्धि के कारण डिलीवरी वर्कर की हालत और खराब हो गई है,जबकि कंपनी अपने पांच साल का जश्न मना रही है, डिलीवरी कर्मचारी बेहतर काम की स्थिति और कमाई की मांग के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जब श्रमिकों ने देश भर में बेहतर कमाई और काम की स्थिति की मांग की है तब कंपनी ने आईडी को निलंबित करने का सहारा लिया है।
कर्मचारियों की मुख्य मांगें
1) कंपनी द्वारा प्रदान किया गया मौजूदा सुरक्षा उपाय अपर्याप्त है। कंपनी मौजूदा उपायों को बढ़ाए और ड्राइवरों और डिलीवरी श्रमिकों को नए सुरक्षा किट प्रदान किया जाए।
2) भुगतान को बढ़ाया जाए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा समय पर प्रतिबंध लगाने के कारण उपभोक्ता की मांग और काम के घंटों में कमी को देखते हुए प्रोत्साहन (इंसेंटिव) संरचना को संशोधित किया जाए।
हालंकि कंपनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कर्मचारियों के सुरक्षा के लिए बीमा करवाया है। इसके साथ ही उसमें परिवार के लोगो को भी शामिल किया है। हमने हमेशा अपने कर्मचारियों का ध्यान रखा है।
कर्मचारी कंपनी के ऐसे सभी दावों को गलत बताते है और कहते है ये सब काग़ज़ी बात है। हमारे कई साथी है जिनकी मौत सड़क दुर्घटना में हुई है परन्तु उन्हें आजतक कोई पैसा नहीं मिला है।
कर्मचारियों ने तो यहां तक कहा कि कंपनी ने इस लॉकडाउन में हमारे नाम पर करोड़ों रुपये का चन्दा इकठ्ठा किया परंतु उन्होंने कर्मचारियों कि मदद नहीं की बल्कि अब हमारे वेतन में कटौती कर रही है।