NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
राजनीति
देशभर में एसएफआई का प्रदर्शन, शिक्षण संस्थानों को दोबारा से चालू करने की मांग 
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि लगभग 17 महीनों के लंबे समय से सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं। जिसका सीधा प्रभाव प्राइमरी से लेकर विश्विद्यालय, कोचिंग सस्थानो में पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर पड़ रहा है. इसके दूरगामी परिणाम बहुत गम्भीर होंगे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
12 Aug 2021
देशभर में एसएफआई का प्रदर्शन, शिक्षण संस्थानों को दोबारा से चालू करने की मांग 

आज गुरूवार को देशभर में वामपंथी छात्रसंगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया ( एसएफआई) ने शिक्षण संस्थानों को सुचारू रूप से चालू करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके तहत राष्ट्रव्यापी माॅक क्लासरूम आयोजित किए गए और कई राज्यों में मुख्यालयों पर भी विरोध प्रदर्शन हुए।

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि लगभग 17 महीनों के लंबे समय से सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं। जिसका सीधा प्रभाव प्राइमरी से लेकर विश्विद्यालय, कोचिंग सस्थानो में पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर पड़ रहा है. जिसके दूरगामी परिणाम बहुत गम्भीर होंगे।

एसएफआई के राष्ट्रीय महासचिव मयूख विश्वास और अध्यक्ष वीपी शानू ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि "एक साल से अधिक समय हो गया है, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूलों के लंबे समय तक बंद रहने से छात्र समुदाय बहुत प्रभावित हुआ है। शिक्षा के निरंतर ऑनलाइन मोड ने बहुत से लोगों को शिक्षा से दूर कर दिया है। इसका परिणाम यह हुआ है कि देश में ड्रॉपआउट दर भी अत्यधिक बढ़ गई है जो बेहद चिंताजनक है। इन सभी परिस्थतियों को देखते हुए हमने शिक्षा क्षेत्र की समस्याओं से निपटने के लिए सरकार से उचित कार्रवाई की मांग करते हुए देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया है।"

एसएफआई ने अपने बयान में कहा कि 12 अगस्त को पूरे भारत में 2000 से अधिक केंद्रों में वैकल्पिक मॉक क्लासरूम का आयोजन किया गया। मॉक क्लास में हजारों छात्रों ने भाग लिया, कई जगह प्रतिष्ठित शिक्षकों ने छात्रों को पढ़ाया भी है। छात्रों ने इस कार्यक्रम के माध्यम से डिजिटल डिवाइड और शिक्षा क्षेत्र में बढ़ती असमानता के खिलाफ भी आवाज बुलंद की है।

देश की राजधानी दिल्ली में भी इस तरह का आयोजन किया गया है। दिल्ली विश्विद्यालय में भी मॉक क्लास लगाई गई जिसमें डीयू के शिक्षक राजीव कुंवर ने छात्रों को पढ़ाया। इसी तरह की कक्षा दिल्ली के अंम्बेडकर विश्विद्यालय में भी लगाई गई।  

दिल्ली एएसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष सुमित कटारिया ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा भेदभाव पूर्ण ही नहीं बल्कि अव्यवहारिक भी है। आज भी जहां हमारे देश में कई जगह नेटवर्क इतना ख़राब है कि आप फ़ोन पर बात नहीं कर सकते, वहां आप ऑनलाइन एग्जाम कैसे करा सकते हैं। इसके साथ छात्रों का एक बहुत बड़ा हिस्सा ऐसा है जिनके पास ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने या एग्जाम देने के लिए जो साधन चहिए जैसे स्मार्ट मोबाईल या लैपटॉप वो नहीं है, तो वो छात्र कैसे एग्जाम देंगे?

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि इस महामारी और लॉकडाउन से लोगों के दिमाग पर गहरा असर पड़ा है। इस दौरान छात्र अपनी पढ़ाई पर फोकस नहीं कर सके। इसके साथ ही कई विषयों का सिलेबस भी पूरा नहीं हुआ है। छात्र अभी एग्जाम देने के मानसिक हालत में नहीं हैं। इसलिए सभी छात्रों को प्रमोट किया जाना चाहिए।

सुमित ने बताया कि इसको लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। दिल्ली में भी इसको लेकर कई विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि हम सरकार को साफ कहना चाहते हैं कि वो अपने छात्र विरोधी रवैये को रोके, नहीं तो छात्र अपना आंदोलन और तेज़ करेंगे। इसके लिए केवल सरकार जिम्मेदार होगी।

इनकी मुख्य मांग इस प्रकार है -

1). सभी छात्रों को शिक्षण संस्थान में ही अनिवार्य रूप से वैक्सीन उपलब्ध करवायी जाए।

2). कोरोना सम्बंधी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सभी शिक्षण संस्थानों को शीघ्र खोला जाए।

3). "डिजिटल डिवाइड" के माध्यम से छात्रों को ड्राप आउट की ओर धकेलना बन्द हो।

4). "डिजिटल डिवाइड" पर रोक लगे।

देशभर में प्रदर्शन की झलकियां :-

पश्चिम बंगाल

केरल

तेलंगाना

उत्तराखण्ड

हरियाणा

दिल्ली

SFI
SFI Protest
Reopen Educational institutions
COVID-19
Higher Education Institutes
SFI nationwide Protest

Related Stories

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए

दिल्ली: कोविड वॉरियर्स कर्मचारियों को लेडी हार्डिंग अस्पताल ने निकाला, विरोध किया तो पुलिस ने किया गिरफ़्तार

दिल्ली में गूंजा छात्रों का नारा— हिजाब हो या न हो, शिक्षा हमारा अधिकार है!

SFI ने किया चक्का जाम, अब होगी "सड़क पर कक्षा": एसएफआई

किसान आंदोलन@378 : कब, क्या और कैसे… पूरे 13 महीने का ब्योरा

कोलकाता: बाबरी मस्जिद विध्वंस की 29वीं बरसी पर वाम का प्रदर्शन

नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग की मांग को लेकर रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को देश भर से मिल रहा समर्थन


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लंबे संघर्ष के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायक को मिला ग्रेच्युटी का हक़, यूनियन ने बताया ऐतिहासिक निर्णय
    26 Apr 2022
    न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की पीठ ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्र भी वैधानिक कर्तव्यों का पालन करते हैं तथा वे सरकार की विस्तारित इकाई बन गए हैं। पीठ ने कहा कि 1972 (ग्रेच्युटी का…
  • नाइश हसन
    हलाल बनाम झटका: आख़िर झटका गोश्त के इतने दीवाने कहां से आए?
    26 Apr 2022
    यह बहस किसी वैज्ञानिक प्रमाणिकता को लेकर कतई नहीं है। बहस का केन्द्र हिंदुओं की गोलबंदी करना है।
  • भाषा
    मस्क की बोली पर ट्विटर के सहमत होने के बाद अब आगे क्या होगा?
    26 Apr 2022
    अरबपति कारोबारी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की लगभग 44 अरब डॉलर की अधिग्रहण बोली को ट्विटर के बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। यह सौदा इस साल पूरा होने की उम्मीद है, लेकिन इसके लिए अभी शेयरधारकों और अमेरिकी…
  • भाषा
    कहिए कि ‘धर्म संसद’ में कोई अप्रिय बयान नहीं दिया जाएगा : न्यायालय ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव से कहा
    26 Apr 2022
    पीठ ने कहा, “हम उत्तराखंड के मुख्य सचिव को उपरोक्त आश्वासन सार्वजनिक रूप से कहने और सुधारात्मक उपायों से अवगत कराने का निर्देश देते हैं।
  • काशिफ काकवी
    मध्य प्रदेश : मुस्लिम साथी के घर और दुकानों को प्रशासन द्वारा ध्वस्त किए जाने के बाद अंतर्धार्मिक जोड़े को हाईकोर्ट ने उपलब्ध कराई सुरक्षा
    26 Apr 2022
    पिछले तीन महीनों में यह चौथा केस है, जहां कोर्ट ने अंतर्धार्मिक जोड़ों को सुरक्षा उपलब्ध कराई है, यह वह जोड़े हैं, जिन्होंने घर से भाग कर शादी की थी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License