NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
वैश्विक विरोध के बावजूद तुर्की ने 108 विपक्षी नेताओं पर मुक़दमा शुरू किया
इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ 2014 के विरोध प्रदर्शन को लेकर तुर्की की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी वामपंथी एचडीपी के सदस्यों पर मुक़दमे की आलोचना राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में की गई है।
पीपल्स डिस्पैच
27 Apr 2021
Selahattin Demirtaş

वामपंथी डेमोक्रेटिक पीपल्स पार्टी (एचडीपी) के पूर्व सह-प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सेलहैटिन डेमिर्टस सहित 108 सदस्यों पर 26 अप्रैल को तुर्की की राजधानी अंकारा में मुकदमा शुरू हुआ। इस कार्यवाही के साथ साथ उचित प्रक्रिया के उल्लंघन को लेकर अदालत के भीतर और बाहर भारी विरोध हुआ। उचित प्रक्रिया के उल्लंघन ने लीगल डिफेंस टीम को विरोध करने के लिए मजबूर किया और 3 मई तक सुनवाई को स्थगित कर दिया गया।

इस कार्यवाही की शुरुआत में बचाव पक्ष के लगभग 100 वकीलों को COVID-19 प्रतिबंधों के कारण कथित रूप से अदालत कक्ष तक पहुंचने से रोक दिया गया। हालांकि जितनी भी शिकायतें की गईं उसमें यह पता चला कि हॉल के भीतर उन्हें आवंटित किए गए स्थानों पर दर्जनों दंगा पुलिस मौजूद रहे।

तुर्की की संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एचडीपी के सदस्यों पर अक्टूबर 2014 में देश में इस्लामिक स्टेट विरोधी (आईएसआईएस) प्रदर्शन के दौरान हिंसा में उनकी कथित भागीदारी को लेकर मुकदमा किया गया है। इन आरोपियों में तुर्की संसद के पूर्व निर्वाचित सदस्य भी शामिल हैं। इनके साथ साथ महापौर और पार्टी के पूर्व सह-प्रमुख सेलहैटिन डेमिर्टस और फिजेन युक्सडैग शामिल हैं। इन पर 37 लोगों की हत्याओं और राज्य की एकता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के मामलों में मुकदमा चलाया गया है।

पूर्वी सीरिया में कोबाने के नाम से जाने जाने वाले कुर्दिश बहुल ऐन एन अरब शहर पर इस्लामिक स्टेट के हमले के बाद साल 2014 में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया था। इन प्रदर्शनकारियों ने यह भी मुद्दा उठाया था कि तुर्की सशस्त्र बलों ने इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों से कुर्दों की रक्षा के लिए कुछ भी नहीं किया। एचडीपी के कई सदस्यों ने इस प्रदर्शन के समर्थन में कई ट्वीट कर इस विरोध के साथ अपनी एकजुटता व्यक्ति की थी।

ये प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया जब सुरक्षा बलों ने हमला कर दिया। इससे 37 लोगों की मौत हो गई। इनमें ज्यादातर लोगों की मौत सुरक्षा बलों की गोलीबारी से हुई।

साल 2014 में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सेलहैटिन डेमिर्टस को 4 नवंबर 2016 को गिरफ्तार किया गया था। उस समय वह एचडीपी के सह-प्रमुख थे। उन्होंने 2018 में फिर से जेल से राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा। उन पर कोबाने विरोध प्रदर्शनों और "लोगों को अपराध करने के लिए उकसाने" और "आतंकवादी संगठन का नेतृत्व" करने का आरोप लगाया गया है। दोषी पाए जाने पर उन्हें 142 साल तक की जेल हो सकती है।

Selahattin Demirtaş
Left Democratic People's Party
COVID-19

Related Stories

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक

महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 

जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप

कोरोना अपडेट: देश में एक हफ्ते बाद कोरोना के तीन हज़ार से कम मामले दर्ज किए गए

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

WHO और भारत सरकार की कोरोना रिपोर्ट में अंतर क्य़ों?


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    शहरों की बसावट पर सोचेंगे तो बुल्डोज़र सरकार की लोककल्याण विरोधी मंशा पर चलाने का मन करेगा!
    25 Apr 2022
    दिल्ली में 1797 अवैध कॉलोनियां हैं। इसमें सैनिक फार्म, छतरपुर, वसंत कुंज, सैदुलाजब जैसे 69 ऐसे इलाके भी हैं, जो अवैध हैं, जहां अच्छी खासी रसूखदार और अमीर लोगों की आबादी रहती है। क्या सरकार इन पर…
  • रश्मि सहगल
    RTI क़ानून, हिंदू-राष्ट्र और मनरेगा पर क्या कहती हैं अरुणा रॉय? 
    25 Apr 2022
    “मौजूदा सरकार संसद के ज़रिये ज़बरदस्त संशोधन करते हुए RTI क़ानून पर सीधा हमला करने में सफल रही है। इससे यह क़ानून कमज़ोर हुआ है।”
  • मुकुंद झा
    जहांगीरपुरी: दोनों समुदायों ने निकाली तिरंगा यात्रा, दिया शांति और सौहार्द का संदेश!
    25 Apr 2022
    “आज हम यही विश्वास पुनः दिलाने निकले हैं कि हम फिर से ईद और नवरात्रे, दीवाली, होली और मोहर्रम एक साथ मनाएंगे।"
  • रवि शंकर दुबे
    कांग्रेस और प्रशांत किशोर... क्या सोचते हैं राजनीति के जानकार?
    25 Apr 2022
    कांग्रेस को उसकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए प्रशांत किशोर को पार्टी में कोई पद दिया जा सकता है। इसको लेकर एक्सपर्ट्स क्या सोचते हैं।
  • विजय विनीत
    ब्लैक राइस की खेती से तबाह चंदौली के किसानों के ज़ख़्म पर बार-बार क्यों नमक छिड़क रहे मोदी?
    25 Apr 2022
    "चंदौली के किसान डबल इंजन की सरकार के "वोकल फॉर लोकल" के नारे में फंसकर बर्बाद हो गए। अब तो यही लगता है कि हमारे पीएम सिर्फ झूठ बोलते हैं। हम बर्बाद हो चुके हैं और वो दुनिया भर में हमारी खुशहाली का…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License