NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बीजेपी में चरम पर है वंशवाद!, विधायक, मंत्री, सांसद छोड़िए राज्यपाल तक को चाहिए परिवार के लिए टिकट
यूपी विधानसभा चुनावों से पहले इन दिनों बीजेपी के भीतर जमकर बवाल चल रहा है। हर नेता अपने परिवार के सदस्यों के लिए टिकट मांग रहा है, ऐसे में बीजेपी ने कुछ की ख्वाहिशें तो पूरी कर दी हैं, लेकिन कुछ चुनौतियां अब भी सामने हैं।
रवि शंकर दुबे
18 Jan 2022
BJP

एक कहावत है, ‘’लटक जाएं पंखे से या ज़हर फांकने लग जाएं, अगर अपने ग़िरेबान में सब झांकने लग जाएं’’

इस कहावत में ‘’सब’’ शब्द इन दिनों भारतीय जनता पार्टी पर बिल्कुल सटीक बैठता है। क्योंकि इस पार्टी के नेता विपक्षियों के परिवार वालों पर बोलते वक्त कब मर्यादा की सारी हदें लांघ जाते हैं पता ही नहीं चलता, दूसरों पर परिवारवाद, वंशवाद, पुत्रवाद का आरोप मढ़ने वाली भारतीय जनता पार्टी खुद इस भंवर में कितना उलझी हैं, इसका किसी को अंदाज़ा भी नहीं है।

भारतीय जनता पार्टी भले ही हर बार जनता को गुमराह कर ले जाए, लेकिन अब, जब बात यूपी चुनावों के लिए टिकट बांटने की है, तब पार्टी के अंदरखाने बड़े-बड़े नेता और मंत्री बागी हुए बैठे हैं, कहने का अर्थ ये हैं कि कोई अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहा है, कोई अपने बेटे के लिए, कोई अपने भाई के लिए, तो किसी को अपनी राजनीतिक विरासत खो जाने का डर सता रहा है।

बेटे के लिए इस्तीफ़ा देने को तैयार रीता बहुगुणा जोशी!

सबसे पहले बात करते हैं कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुईं यूपी सरकार में मंत्री और प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी की। रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे मयंक जोशी के लिए लखनऊ कैंट से टिकट मांग रही हैं, इतना ही नहीं उनका कहना है कि अगर मौजूदा सांसद के बेटे को टिकट देने में परेशानी है, तो वो अपने पद से इस्तीफा देने के लिए भी तैयार हैं।

रीता बहुगुणा जोशी का ये बगावती तेवर पार्टी के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि लखनऊ कैंट एक ऐसी सीट हैं जहां कई बड़े दावेदार हैं, जिसमें खुद डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी शामिल हैं, इसके बावजूद रीता बहुगुणा जोशी का कहना है कि उनका बेटा मयंक जोशी पिछले लंबे वक्त से लोगों के लिए काम कर रहा है, और लखनऊ कैंट में लोग उसे काफी पसंद भी करते हैं, इसके अलावा रीता बहुगुणा जोशी खुद दो बार इस सीट से विधायक रह चुकी हैं, यही कारण है कि अब वो इस सीट किसी भी हाल में गंवाना नहीं चाहतीं।

रक्षा मंत्री भी उठा रहे वर्चस्व का पूरा फायदा

देश के रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह वैसे तो अक्सर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर वंशवाद का आरोप मढ़ते नज़र आ जाते हैं, लेकिन दूसरी ओर ये भी अपने वर्चस्व का खूब फायदा उठा रहे हैं, राजनाथ सिंह के एक बेटे पंकज सिंह को तो नोएडा से दोबारा टिकट दिया जा चुका है, जबकि छोटे बेटे नीरज सिंह को लखनऊ कैंट या लखनऊ की उत्तरी विधानसभा सीट से टिकट दिए जाने की मांग हो रही है।

यहां तो पूरे परिवार को सत्ता चाहिए

परिवारवाद और जातिवाद के खिलाफ राजनीति की दुहाई देने वाली भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश चुनावों के लिए एक दांव पहले ही चल दिया था, जिसमें अनुसूचित जाति से आने वाले मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर को केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन अब कौशल किशोर ने एक और डिमांड कर दी है, जिसमें वो अपने बेटे प्रभात किशोर को सीतापुर की सिधौली सीट से टिकट दिए जाने की मांग कर रहे हैं। जबकि दूसरे बेटे विकास किशोर को अपनी पत्नी की जगह चुनाव लड़ाना चाहते हैं। कौशल किशोर की पत्नी श्रीमती जय देवी लखनऊ की मलिहाबाद विधानसभा सीट से विधायक हैं।

एसपी सिंह बघेल को पत्नी के लिए टिकट चाहिए

अपने परिजनों के लिए टिकट मांगने की लिस्ट में आगरा से सांसद और केंद्रीय राज्य कानून मंत्री एसपी सिंह बघेल ने टूंडला विधानसभा के लिए टिकट की मांग की है, बघेल टूंडला से अपनी पत्नी मधु बघेल को उम्मीदवार बनाए जाने के लिए दबाव बना रहे हैं।

बेटे के लिए दावेदारी ठोक रहे सूर्य प्रताप शाही

योगी सरकार में कृषि मंत्री और देवरिया की पथरेवा सीट से विधायक सूर्य प्रताप शाही भी अपने बेटे सुब्रत शाही के लिए टिकट की मांग रहे हैं। सूर्य प्रताप शाही की माने तो, वो अपने बेटे के लिए पथरेवा सीट छोड़ने के लिए तैयार हैं।

मुकुट बिहारी वर्मा मांग रहे बेटे के लिए टिकट

योगी सरकार में मंत्री और बहराइच की कैसरगंज सीट से विधायक मुकुट बिहारी वर्मा भी अपनी राजनीतिक विरासत पुत्र गौरव वर्मा को सौंपना चाहते हैं, यही कारण है कि उन्होंने इस बार गौरव वर्मा को कैसरगंज क्षेत्र का विधानसभा संयोजक बनाया है जो उनके क्षेत्र की राजनीतिक गतिविधियों में बतौर विधायक प्रतिनिधि कार्य कर रहे हैं। और अब मुकुट बिहारी वर्मा ने खुद की जगह बेटे को कैसरगंज से सीट देने की मांग कर दी है।

पूर्व मंत्री राजेश अग्रवाल का कटा टिकट, बेटा भी रहा खाली हाथ

सिर्फ वंशवाद और जातिवाद के अलावा भारतीय जनता पार्टी में किस कदर दबाव की भी राजनीति होती है, इसका उदाहरण बरेली में देखने को मिला। यूपी सरकार में वित्त मंत्री रहे राजेश अग्रवाल को उनकी उम्र के कारण पद से हटाकर पार्टी का कोषाध्यक्ष बना दिया गया था, इसके बाद पार्टी की पहली चुनावी लिस्ट से भी राजेश अग्रवाल का नाम नदारद रहा, यानी बरेली कैंट सीट से मौजूदा विधायक राजेश अग्रवाल का टिकट पार्टी ने काट दिया। और उनकी जगह पर संजीव अग्रवाल को टिकट दे दिया गया, जबकि यहां से विधायक राजेश अपने बेटे मनीष अग्रवाल को चुनाव लड़ाने के लिए पूरी तैयारी कर चुके थे। टिकट कटते ही मनीष ने बगावती तेवर अपना लिए और एक पोस्ट किया ‘’निष्ठा हार गई पैसा जीत गया”। इस पोस्ट को शेयर करते हुए एक बीजेपी नेता ने मनीष की बर्खास्तगी की मांग कर दी, जिसके बाद दबाव में आकर मनीष को अपना पोस्ट डिलीट करना पड़ा।     

सांसद पचौरी अपने बेटे को लड़ाना चाहते हैं चुनाव

भारतीय जनता पार्टी के कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी ने भी पार्टी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है, सांसद सत्यदेव पचौरी अपने बेटे अनूप पचौरी को कानपुर की गोविंद नगर सीट से विधायकी लड़ाना चाहते हैं।

विधानसभा स्पीकर को भी चाहिए बेटे के लिए टिकट

विधानसभा अध्यक्ष और उन्नाव के भगवंत नगर सीट से विधायक हृदय नारायण दीक्षित अपनी बढ़ती उम्र को देखते हुए अपनी राजनीतिक विरासत बेटे को सौंपना चाहते हैं, हालांकि वो अपनी सीट छोड़ने के लिए भी तैयार नहीं है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार हृदय नारायण दीक्षित का टिकट कट सकता है। यही कारण है कि वो अपने बेटे दिलीप दीक्षित के लिए उन्नाव की पुरवा सीट से टिकट की मांग कर रहे हैं। ग़ौरतलब है कि पुरवा सीट से बीएसपी के बागी अनिल सिंह विधायक हैं और अब वो बीजेपी के साथ आ चुके हैं। ऐसे में पार्टी के सामने टिकट बंटवारे को लेकर खासी दिक्कत हैं।

दो राज्यपालों के बेटे भी टिकट के दावेदार

बीजेपी के मंत्री, सांसद ही नहीं बल्कि दो राज्यों के राज्यपाल के बेटे भी चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में हैं। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के बेटे रामविलास चौहान ने अपने पिता की सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनावी मैदान में उतरने का मन बनाया है। वे बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल होने वाले दारा सिंह चौहान की मधुबन विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे हैं, हालांकि, इसी सीट पर बीजेपी नेता रामजी सिंह के पुत्र अरिजीत सिंह ने भी टिकट की दावेदारी कर रखी है।

तो दूसरी ओर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा के बेटे अमित मिश्रा देवरिया सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। देवरिया सीट ब्राह्मण बाहुल्य मानी जाती है। कलराज मिश्रा देवरिया से सांसद रहे हैं और अब उनके बेटे अपने पिता की सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनावी पिच पर उतरना चाहते हैं। हालांकि, देवरिया सीट पर बीजेपी के कई नेताओं ने टिकट के लिए दावेदारी कर रखी है, जिसके चलते पार्टी के सामने चुनौती बढ़ गई है।

विपक्षियों के परिवार को वंशवाद के मुद्दे पर हर वक्त निशाने पर लेने वाली भारतीय जनता पार्टी में किस कदर राजनीतिक विरासत हावी है, ये सबके सामने हैं। विधायक, सांसद, मंत्री, पूर्व मंत्री, यहां तक विधानसभा अध्यक्ष और कभी बीजेपी में नेता रहे राज्यपाल भी अपने-अपने परिजनों के लिए टिकट का दावा ठोंक रहे हैं, और नहीं मिलने पर इस्तीफे तक की धमकी दे रहे हैं।

BJP
UP Assembly Elections 2022
Dynasty
Rita Bahuguna Joshi
rajnath singh
S. P. Singh Baghel
Surya Pratap Shahi
Mukut Bihari
Phagu Chauhan
Kalraj Mishra

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License