NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
राजनीति
दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन
“हमारे एक साथी शिक्षक संजय हैं, जिन्होंने लोन लिया था, परन्तु वेतन नहीं मिलने के कारण उसकी ईएमआई नहीं चुका पाए, तो उनका 35 लाख का मकान नीलाम कर दिया गया। यही नहीं, शनिवार को पुलिस ने भी उन्हें गिरफ़्तार कर लिया, आज ही उनको अदालत से ज़मानत मिली है।"
मुकुंद झा
09 May 2022
protest

ब्रम्ह सिंह 2009 से नगर निगम के स्कूल में शिक्षक हैं। लेकिन इतने साल बाद भी उन्हें अपने वेतन के लिए हर महीने सरकारी बाबुओं के रहमो-करम पर रहना पड़ता है, क्योंकि नगर निगम उन्हें समय से वेतन नहीं देता है। ब्रम्ह सिंह अपने पांच महीने के अर्जित वेतन की मांग को लेकर अपने बाकी सैकड़ों साथी शिक्षकों के साथ पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) मुख्यालय पर पहुंचे थे। वो कहते हैं आज नौकरी करते हुए भी हमारे लिए अपने बच्चों को पढ़ाना-खिलाना मुश्किल हो गया है।

वो कहते हैं, "हम शिक्षक हैं, लेकिन हमें आज राशन वाले से लेकर लोन की ईएमआई वाले सब जलील करते हैं। गलती उनकी भी नहीं हमारा कृत्य ही ऐसा है। हमने उनसे उधार लिया है और अब लौटा नहीं पा रहे हैं। लेकिन हम क्या करें, हमें हमारा वेतन नहीं मिल रहा तो हम कैसे चुकाएं? ऐसे ही हमारे एक साथी शिक्षक संजय हैं, जिन्होंने लोन लिया था परन्तु वेतन नहीं मिलने के कारण उसकी ईएमआई नहीं चुका पाए, तो उनका 35 लाख का मकान नीलाम कर दिया गया। यही नहीं, शनिवार (7 मई 2022) को पुलिस ने भी उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था, आज उनको अदालत से ज़मानत मिली है।"

दिल्ली नगर निगम में वेतन को लेकर अनियमितताएँ आम बात हो गई हैं। हर महीने निगम के किसी न किसी विभाग के कर्मचारी अपने वेतन के लिए आंदोलन करते ही हैं। और आंदोलन करने पर ही उन्हें कुछ राहत दी जाती है। अभी यही हाल पूर्वी दिल्ली नगर निगम के शिक्षकों का है। उन्हें पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिला है, तो वही रिटायर्ड शिक्षकों को छह महीने से पेंशन नहीं मिली है। इसी के ख़िलाफ़ शिक्षक संघ के नेतृत्व में 9 मई को निगम के खिलाफ मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया। पूर्वी निगम में कुल 50 हजार कर्मचारी हैं, वहीं पांच हजार शिक्षक हैं।

इसे भी पढ़े: दिल्ली: वेतन न मिलने पर शिक्षकों की हड़ताल जारी, डॉक्टरों की सामूहिक इस्तीफ़ा देने की चेतावनी

नगर निगम शिक्षक संघ की वरिष्ठ उपाध्यक्ष विभा देवी ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि आज हम मजबूरी में तपती धुप में सड़को पर उतरे हैं। हमें पिछले पांच महीने की सैलरी, और छह महीने से पेंशन नहीं मिली है। इसके आलावा चार वर्षों से हमारा एरियर लम्बित है और इसके अलावा हमने अपनी जेब से स्कूल में खर्च किया है, उसे भी निगम लगातार भुगतान करने में असफल रहा है। लेकिन अब हमारे लिए अपना घर चलना भी मुश्किल हो गया है इसलिए अब हम तभी यहाँ से जाएंगे जब हमारा वेतन हमें मिलेगा, नहीं तो हम यही धरने पर बैठे रहेंगे।

शिक्षक अपनी वेतन की मांगों को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। मेयर और कमिश्नर से भी फरियाद कर चुके हैं, लेकिन उन्हें वेतन नहीं मिल पाया है।

प्रदर्शन में शामिल युवा शिक्षक गौरव ने बड़ी उम्मीद से 2019 में नगर निगम के स्कूल में शिक्षक के तौर पर ज्वाइन किया था। गौरव बताते हैं, “जब उन्होंने ज्वाइन किया था तब लगा था अभी तक के संघर्ष का फल मिल गया। आज दुनिया को लगता है कि हम सरकारी नौकरी करते हैं और मज़े की जिंदगी जी रहे हैं, परन्तु हम किस हाल में जी रहे हैं, वो हम ही जानते हैं। जब से नौकरी ज्वाइन की है, कभी भी वेतन समय पर नहीं आया है।

गौरव दुःख और दर्द से भरे हुए थे और उनकी आँखों में निगम प्रशासन के ख़िलाफ़ गुस्सा भी दिख रहा था। गौरव ने कहा, "बताइए ऐसी नौकरी का क्या फायदा, जब मैं अपने बच्चे का इलाज़ भी नहीं करा सकता। मेरा बच्चा अभी दो साल का है, अभी वो बीमार हो गया था, मैं उसे अस्पताल ले गया, लेकिन पैसे की कमी के कारण उसका इलाज़ नहीं हो पाया, बाद में मुझे कहीं से उधार मिला तब उसका इलाज़ करा पाना संभव हुआ।

इसे भी पढ़े : दिल्ली: निगम कर्मचारियों की हड़ताल जारी, 15 को मुख्यमंत्री कार्यालय तक मार्च की तैयारी

ऐसी कहानी वहाँ सिर्फ गौरव की ही नहीं थी, बल्कि सभी शिक्षक इसी तरह का दर्द समेटे पहुंचे हुए थे। ऐसी ही एक और शिक्षिका मीना कुमारी परेशान थी और हाथ में एक तख़्ती लेकर बैठी थीं, जिसमें लिखा था पांच माह का वेतन जारी करो। मीना ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में बताया कि परिवार में अभी वो अकेले कमाने वाली हैं और उनका वेतन भी छह महीने से नहीं मिला है। वो आगे अपना दर्द बताती हैं, “उनके पति का मोबाईल का बिज़नेस था, लेकिन कोरोना में वो भी चौपट हो गया और अब पूरे परिवार का ख़र्च उन्हीं के वेतन से ही चलता है।”

मीना ने कहा, “स्थिति इतनी ख़राब हो गई है कि उन्हें कुत्ते ने काट लिया था और रेबीज के इंजेक्शन लगवाने तक के पैसे नहीं थे। इसके अलावा मकान मालिक भी हमें हर महीनें ताने मारते हैं, लेकिन हम कुछ नहीं सकते हैं। मेरा बेटा अभी स्कूल जाता है, लेकिन मैं उसके लिए नई ड्रेस और जूते नहीं ले पा रही हूँ। यहाँ तक कि मेरे कई दोस्तों के बच्चों का एडमिशन फीस न भर पाने के कारण नहीं हो पाया है।”

एक युवती रेनू रानी भी इस प्रदर्शन में शामिल थीं, जिन्होंने 2019 में ईडीएमसी में बतौर शिक्षिका ज्वाइन किया था। रेनू दक्षिणी दिल्ली से आती हैं। उन्होंने हमें बताया कि, “मैं 50-60 किलोमीटर दूर से आती हूँ और अगर मेट्रो छूट जाती है, तो कैब से आना पड़ता है। हमने बच्चों को लॉकडाउन में अपने पैसों से स्टडी मैटेरियल प्रिंट करा कर दिए थे। ये सब खर्च देना तो दूर, निगम हमें हमारा वेतन नहीं दे रही है। सरकार कहती है कि हम प्राइवेट स्कूलों के बराबर का रिज़ल्ट दें। जब आप सुविधा देंगे नहीं, तब पढाई कैसे होगी? आज स्कूलों में ठीक से साफ़ सफाई नहीं है। शिक्षकों की भी भारी कमी है।

लगभग 90 वर्षीय गिरजा रावत भी भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए थे। वो लंम्बे समय तक शिक्षक संघ के नेता रहे हैं। उन्होंने कहा, "आज हमारी पेंशन छह महीने से नहीं आई है। ऐसे में अकेले रहने वाले बुज़ुर्गों के लिए मुश्किल समय है। क्योंकि इस उम्र में हमें दवाई और डॉक्टर की ज़रूरत पड़ती है।"

शिक्षक संघ की मांग है कि पांच महीने का वेतन तुरंत जारी किया जाए। इसके साथ ही 2019 में अध्यापकों की परीक्षा काल पूर्ण होने के उपरांत उनकी लम्बित फाइलों को तत्काल बहाल किया जाए। विभाग द्वारा सभी अध्यापकों का एसेसमेन्ट किसी एनजीओ द्वारा कराया जा रहा है जिसे तुरन्त निरस्त किया जाए।

इसे भी पढ़े : दिल्ली नागरिक निकायों में वेतन में देरी, क़रीब 1 लाख कर्मचारी हड़ताल पर

शिक्षकों के वेतन का मामला दिल्ली हाई कोर्ट भी पहुंच चुका है। समाजिक कार्यकर्ता और वरिष्ठ वकील अशोक अग्रवाल ने एक याचिका दायर कर न्यायालय से मांग की है कि अगर निगम स्कूल चलाने में सक्षम नहीं है, तो उसे अपने सभी स्कूलों का संचालन दिल्ली सरकार के हाथों में सौंपने का आदेश दे । हालांकि इस याचिका पर आज सुनवाई होनी थी, परन्तु अब अगली सुनवाई कल 10 मई को होगी। 

अशोक अग्रवाल के माध्यम से याचिकाकर्ता सतेंद्र कुमार नागर, सुनील कुमार, दीपक मंगला, दिनेश कुमार और विरेंद्र पाल सिंह ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि ईडीएमसी द्वारा 365 स्कूल संचालित किए जाते हैं, लेकिन याचिकाकर्ता समेत पांच हजार शिक्षकों को दिसंबर 2021 से वेतन नहीं दिया गया है। पांच महीने से वेतन नहीं जारी होने के कारण उनका परिवार गंभीर आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है। याचिका में इसे शिक्षकों के मौलिक अधिकारों का हनन बताया है।

आपको बता दें कि दिल्ली के नगर निगम में पिछले कई सालों से भाजपा काबिज़ है। परन्तु जब से दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में बांटा गया है, तब से नगर निगमों की स्थिति और भी बदतर हुई है। बहुत लोग कहते हैं कि नगर निगम के कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा हैं, उससे अधिक कुछ भी नहीं। 

शिक्षकों का कहना है कि अब तीनों निगम एक किए जा रहे हैं। ऐसे में उन्हें अगर बकाया नहीं मिला, तो हो सकता है एक बार फिर ये कहेंगे कि ये पुराना हिसाब है। और जब इस एकीकरण की प्रक्रिया के दौरान ठेकेदारों का भुगतान किया जा रहा है, तो शिक्षकों को वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा है?

हालांकि, शिक्षकों को वेतन और पेंशन नहीं मिलने के लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल पहले ही दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। उनके मुताबिक यदि दिल्ली सरकार निगम का बकाया पैसा दे दे तो हम अपने कर्मचारियों को वेतन समय पर दे सकेंगे।

इसे भी पढ़े : दिल्ली में मज़दूरों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के ख़िलाफ़ हड़ताल की

ये कोई नई बात भी नहीं है। हर बार की तरह इस बार भी निगम फंड की कमी का हवाला दे रहा है। जब भी कर्मचारी अपना वेतन मांगते हैं तो निगम के अधिकारी दिल्ली सरकार से फंड रिलीज़ नहीं होने की बात कहते हैं। जबकि दिल्ली सरकार साफतौर पर कह रही है कि निगम का उसने कोई भी फंड नहीं रोका है। सरकार और निगम को चाहिए की इस समस्या का कोई स्थायी समाधान ढूंढे। जिससे कर्मचारियों को दिक्क्त का सामना न करना पड़े।

teachers protest
delhi teacher's
salary Issue
EDMC
MCD
Delhi
BJP
AAP

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

दिल्ली : फ़िलिस्तीनी पत्रकार शिरीन की हत्या के ख़िलाफ़ ऑल इंडिया पीस एंड सॉलिडेरिटी ऑर्गेनाइज़ेशन का प्रदर्शन

दिल्ली : पांच महीने से वेतन न मिलने से नाराज़ EDMC के शिक्षकों का प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • आज का कार्टून
    ‘तेलंगाना की जनता बदलाव चाहती है’… हिंसा नहीं
    26 May 2022
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेलंगाना के दौरे पर हैं, यहां पहुंचकर उन्होंने कहा कि तेलंगाना की जनता बदलाव चाहती है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: दलित प्रोफेसर मामले में SC आयोग का आदेश, DU रजिस्ट्रार व दौलत राम के प्राचार्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज
    26 May 2022
    दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दौलत राम कॉलेज की प्रिंसिपल सविता रॉय तथा दिल्ली यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 
  • भरत डोगरा
    भारत को राजमार्ग विस्तार की मानवीय और पारिस्थितिक लागतों का हिसाब लगाना चाहिए
    26 May 2022
    राजमार्ग इलाक़ों को जोड़ते हैं और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाते हैं, लेकिन जिस अंधाधुंध तरीके से यह निर्माण कार्य चल रहा है, वह मानवीय, पर्यावरणीय और सामाजिक लागत के हिसाब से इतना ख़तरनाक़ है कि इसे…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा
    26 May 2022
    केरल में दो महीने बाद कोरोना के 700 से ज़्यादा 747 मामले दर्ज़ किए गए हैं,वहीं महाराष्ट्र में भी करीब ढ़ाई महीने बाद कोरोना के 400 से ज़्यादा 470 मामले दर्ज़ किए गए हैं। 
  • लाल बहादुर सिंह
    जन-संगठनों और नागरिक समाज का उभरता प्रतिरोध लोकतन्त्र के लिये शुभ है
    26 May 2022
    जब तक जनता के रोजी-रोटी-स्वास्थ्य-शिक्षा के एजेंडे के साथ एक नई जनपक्षीय अर्थनीति, साम्राज्यवादी वित्तीय पूँजी  से आज़ाद प्रगतिशील आर्थिक राष्ट्रवाद तथा संवैधानिक अधिकारों व सुसंगत सामाजिक न्याय की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License