NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मुर्गा, बकरा या मछली के बजाय बीफ ज़्यादा खाओ : भाजपा मंत्री
पिछले हफ्ते ही मेघालय सरकार में पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री की शपथ लेने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता सनबोर शुलई ने बीफ ज़्यादा से ज़्यादा खाने की वकालत कर सबको चौंका दिया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
31 Jul 2021
सनबोर शुलई
फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

शिलांग: बीफ को लेकर एक नये कैबिनेट मंत्री के बयान से आश्वास्त हुआ जाए या इससे इस विषय पर बीजेपी की हिपोक्रेसी यानी पाखंड झलकता है। समझना थोड़ा मुश्किल है।

पिछले हफ्ते ही पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री की शपथ लेने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता सनबोर शुलई ने बीफ को लेकर जिस तरह का बयान दिया है अगर यह बात किसी और दल के नेता ने कही होती तो निश्चित ही अभी तक देश में बड़ा हंगामा हो चुका होता। और यह हंगामा कोई और नहीं खुद बीजेपी के नेता ही कर रहे होते।

मेघालय सरकार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्री सनबोर शुलई ने राज्य के लोगों को मुर्गे, भेड़ या बकरी का मांस या मछली खाने के बजाय बीफ ज्यादा खाने के लिए कहा और इस बात से इनकार किया कि उनकी पार्टी इसके खिलाफ है।

पिछले हफ्ते कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता शुलई ने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में हर कोई अपनी पसंद का खाना खाने के लिए स्वतंत्र है।

उन्होंने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं लोगों को मुर्गे, भेड़ या बकरी का मांस या मछली खाने के बजाय बीफ ज्यादा खाने के लिए प्रेरित करता हूं, यह धारणा कि भाजपा गोवध पर प्रतिबंध लगाएगी, यह दूर हो जाएगी।’’

पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री शुलई ने यह भी आश्वासन दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा से बात करेंगे कि पड़ोसी राज्य में नए अधिनियम से मेघालय में मवेशियों का परिवहन बाधित न हो।

मेघालय और असम के बीच सीमा विवाद पर तीन बार के विधायक ने कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य सीमा और अपने लोगों की रक्षा के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा, ‘‘अगर असम के लोग सीमावर्ती इलाकों में हमारे लोगों को प्रताड़ित करते रहते हैं तो वक्त आ गया है कि केवल बात न करें और चाय न पिए...हमें जवाब देना होगा, हमें मौके पर ही जवाब देना होगा।’’ हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह हिंसा के पक्ष में नहीं हैं।

Sanbor Shullai
BJP
Beef eating

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License