इक्वाडोर के ट्रेड यूनियन सेंटर यूनिट्री फ्रंट ऑफ़ वर्कर्स (एफयूटी) ने 29 जून को 16 जुलाई के लिए राष्ट्रीय स्तर पर लामबंदी का आह्वान किया है। राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो और COVID-19 महामारी को लेकर उनके प्रशासन के प्रबंधन की नवउदारवादी आर्थिक नीतियों को अस्वीकार करने के लिए ये लामबंदी की जाएगी।
एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में एफयूटी के अध्यक्ष मेसियस टाटामुएज़ ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के श्रमिकों की सामूहिक बर्ख़ास्तगी, उच्च शिक्षा क्षेत्र में बजट में कटौती, इक्वेडोरियन सोशल सिक्योरिटी इंस्टिच्यूट (आईईएसएस) में भ्रष्टाचार और सरकारी कंपनियों के निजीकरण की अस्वीकृति के लिए ये लामबंदी दिवस आयोजित किया जाएगा।
कॉन्फ्रेंस के बाद एफयूटी ने एक ट्वीट में लिखा "हेल्थ प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए हम सभी इक्वाडोरवासी को गुरुवार 16 जुलाई 2020 को रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ और आईईएसएस/ बीआईईएसएस के बचाव में लामबंदी के बड़े दिन के लिए आमंत्रित करते हैं।"
जनरल यूनियन ऑफ इक्वेडोरियन वर्कर्स (यूजीटीई) के अध्यक्ष जोसे विलाविसेंसियो ने घोषणा की है कि अगले कुछ दिनों में इस मानवतावादी क़ानून के ख़िलाफ़ सात असंवैधानिक मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।
हाल ही में मोरेनो सरकार द्वारा पारित ये मानवतावादी क़ानून मज़दूर-विरोधी क़ानून है। यह सरकार के साथ बड़ी कंपनियों के बीच संधि की पुष्टि करता है। ट्रेड यूनियनों का कहना है कि यह श्रमिकों के शोषण को बढ़ावा देता है और बड़ी कंपनियों का पक्षधर है। उन्होंने कहा कि यह नौकरी की असुरक्षा की क़ीमत पर काफी धन बनाएगा।
इसी तरह नेशनल यूनियन ऑफ एडुकेटर्स (यूएनई) के अध्यक्ष इसाबेल वर्गास ने बताया कि शिक्षक 2 जुलाई को राजधानी क्विटो में इंडिपेंडेंस प्लाजा पर "मिंगा फॉर लाइफ, हेल्थ, वर्क एंड एडुकेशन" के बैनर तले धरना देंगे।"
यूनियन के नेताओं ने राष्ट्रीय क्षेत्र में महामारी से निपटने में असमर्थता को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की भी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में स्वास्थ्य विभागों को नष्ट कर दिया गया है और लाखों लोग बिना सुरक्षा के हैं। इसलिए, उन्होंने लोगों से फेस मास्क पहनते हुए और सामाजिक दूरी के उपायों का सम्मान करते हुए विरोध में शामिल होने का आग्रह किया।
29 जून तक इक्वाडोर में कोरोनोवायरस संक्रमण के 55,665 मामले दर्ज किए गए वहीं 4,502 मौत के मामले सामने आए हैं।