NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इक्वाडोर ट्रेड यूनियन ने सरकार के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय लामबंदी का आह्वान किया
ये आह्वान श्रमिक वर्ग की रक्षा को लेकर किया गया है और साथ ही सामूहिक बर्ख़ास्तगी, बजट में कटौती और सरकारी कंपनियों के निजीकरण को ख़ारिज करने को लेकर किया गया है।
पीपल्स डिस्पैच
30 Jun 2020
इक्वाडोर ट्रेड यूनियन

इक्वाडोर के ट्रेड यूनियन सेंटर यूनिट्री फ्रंट ऑफ़ वर्कर्स (एफयूटी) ने 29 जून को 16 जुलाई के लिए राष्ट्रीय स्तर पर लामबंदी का आह्वान किया है। राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो और COVID-19 महामारी को लेकर उनके प्रशासन के प्रबंधन की नवउदारवादी आर्थिक नीतियों को अस्वीकार करने के लिए ये लामबंदी की जाएगी।

एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में एफयूटी के अध्यक्ष मेसियस टाटामुएज़ ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के श्रमिकों की सामूहिक बर्ख़ास्तगी, उच्च शिक्षा क्षेत्र में बजट में कटौती, इक्वेडोरियन सोशल सिक्योरिटी इंस्टिच्यूट (आईईएसएस) में भ्रष्टाचार और सरकारी कंपनियों के निजीकरण की अस्वीकृति के लिए ये लामबंदी दिवस आयोजित किया जाएगा।

कॉन्फ्रेंस के बाद एफयूटी ने एक ट्वीट में लिखा "हेल्थ प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए हम सभी इक्वाडोरवासी को गुरुवार 16 जुलाई 2020 को रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ और आईईएसएस/ बीआईईएसएस के बचाव में लामबंदी के बड़े दिन के लिए आमंत्रित करते हैं।"

जनरल यूनियन ऑफ इक्वेडोरियन वर्कर्स (यूजीटीई) के अध्यक्ष जोसे विलाविसेंसियो ने घोषणा की है कि अगले कुछ दिनों में इस मानवतावादी क़ानून के ख़िलाफ़ सात असंवैधानिक मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।

हाल ही में मोरेनो सरकार द्वारा पारित ये मानवतावादी क़ानून मज़दूर-विरोधी क़ानून है। यह सरकार के साथ बड़ी कंपनियों के बीच संधि की पुष्टि करता है। ट्रेड यूनियनों का कहना है कि यह श्रमिकों के शोषण को बढ़ावा देता है और बड़ी कंपनियों का पक्षधर है। उन्होंने कहा कि यह नौकरी की असुरक्षा की क़ीमत पर काफी धन बनाएगा।

इसी तरह नेशनल यूनियन ऑफ एडुकेटर्स (यूएनई) के अध्यक्ष इसाबेल वर्गास ने बताया कि शिक्षक 2 जुलाई को राजधानी क्विटो में इंडिपेंडेंस प्लाजा पर "मिंगा फॉर लाइफ, हेल्थ, वर्क एंड एडुकेशन" के बैनर तले धरना देंगे।"

यूनियन के नेताओं ने राष्ट्रीय क्षेत्र में महामारी से निपटने में असमर्थता को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की भी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में स्वास्थ्य विभागों को नष्ट कर दिया गया है और लाखों लोग बिना सुरक्षा के हैं। इसलिए, उन्होंने लोगों से फेस मास्क पहनते हुए और सामाजिक दूरी के उपायों का सम्मान करते हुए विरोध में शामिल होने का आग्रह किया।

29 जून तक इक्वाडोर में कोरोनोवायरस संक्रमण के 55,665 मामले दर्ज किए गए वहीं 4,502 मौत के मामले सामने आए हैं।

Ecuador
Trade Union Center Unitary Front of Workers
FUT
Lenin Moreno
COVID-19

Related Stories

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक

महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 

जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप

कोरोना अपडेट: देश में एक हफ्ते बाद कोरोना के तीन हज़ार से कम मामले दर्ज किए गए

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

WHO और भारत सरकार की कोरोना रिपोर्ट में अंतर क्य़ों?


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License