NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
मिस्र की संसद ने यौन अपराधों से महिलाओं की पहचान की रक्षा के लिए क़ानून पारित किया
देश भर में महिलाओं द्वारा अपने अधिकारों और सुरक्षा के लिए चलाए गए एक बड़े अभियान के बाद ये क़ानून पारित किया गया था।
पीपल्स डिस्पैच
17 Aug 2020
मिस्र

मिस्र की संसद ने रविवार 17 अगस्त को यौन उत्पीड़न, यौन हमला और बलात्कार के मामलों में महिलाओं और लड़कियों को स्वत: अधिकार प्रदान करने वाला एक क़ानून पारित किया। इस विधेयक को पहली बार जुलाई की शुरुआत में कैबिनेट द्वारा मंज़ूर किया गया था और फिर मंज़ूरी के लिए संसद में प्रस्तुत किया गया था। ये नया क़ानून महिलाओं और लड़कियों की पहचान की रक्षा करने वाला क़ानून है जो यौन अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए महिलाओं और लड़कियों को प्रोत्साहित करने की उम्मीद के साथ साथ अधिकारियों के पास यौन हिंसा के मामलों की रिपोर्ट करने के लिए आगे आती हैं।

ये नया क़ानून ऐसे समय में आया है जब देश में धनी परिवार के यूनिवर्सिटी के छात्र दावारा कई महिलाओं के बलात्कार और धोखाधड़ी करने के हाइप्रोफाइल मामले पर काफी बहस हो रही है और महीनों से हंगामा चल रहा है। इसको लेकर बहस सोशल मीडिया पर भी जारी है। आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है और जांच जारी है। इस मामले को लेकर व्यापक निंदा की गई और अधिकारियों के प्रति लोगों का गुस्सा भड़क गया और आलोचना की गई और साथ ही देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए अक्षम और अपर्याप्त क़ानूनों की कमी को लेकर बहस चली। कई लोगों ने इसे मिस्र के #MeToo आंदोलन के रूप में बताया है।

मिस्र की सैकड़ों महिलाएं और लड़कियां जो खुद बलात्कार और यौन हमले की शिकार थीं उन्होंने अपने साथ हुई घटनाओं को सोशल मीडिया पर साझा करने लगीं। बलात्कार के आरोपी विश्वविद्यालय के धनी छात्रों के समाचार सामने आने के बाद महिलाओं के खिलाफ हिंसा की 400 से अधिक शिकायतें राष्ट्रीय महिला परिषद ने भी प्राप्त कीं।

यह मुद्दा तब और भी गंभीर और चिंताजनक हो गया जब पिछले महीने एक सोशल मीडिया साइट पर कथित सामूहिक बलात्कार का वीडियो सामने आया। चौंकाने वाले इस मामले में मिस्र के काफी धनी और शक्तिशाली परिवारों के छह पुरुषों के शामिल होने की बात सामने आई है।

मिस्र के सांसद घाडा घरीब ने इस नए क़ानून का स्वागत करते हुए कहा कि यह "महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित करने वाले नियमों को जारी करने की एक लंबी सड़क में एक क़दम था।" सरकार ने पाया था कि महिलाओं के यौन हमले के मामलों की रिपोर्ट करने में सक्षम होने के बावजूद उनमें तेज़ी से गिरावट आई थी क्योंकि उन्हें सामाजिक कलंक का डर था।” उन्होंने कहा कि उन्हें नए क़ानून के पारित होने के बाद आने वाले हफ्तों और महीनों में यौन हिंसा और बलात्कार की रिपोर्ट में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है।

चार साल पहले 2013 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा लिए गए साक्षात्कारों से पता चला कि मिस्र में 99% महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का शिकार होने के बारे में जानकारी दी थी।

egypt
Egyptian parliament
sexual offenses
International news

Related Stories

दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना

अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमला, गर्भपात अधिकार छीनने की तैयारी, उधर Energy War में घिरी दुनिया

रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार

दुनिया भर की: सोमालिया पर मानवीय संवेदनाओं की अकाल मौत

सूडान: सैन्य तख़्तापलट के ख़िलाफ़ 18वें देश्वयापी आंदोलन में 2 की मौत, 172 घायल

कोविड -19 के टीके का उत्पादन, निर्यात और मुनाफ़ा

दुनिया भर की: जर्मनी में ‘ट्रैफिक लाइट गठबंधन’ के हाथों में शासन की कमान

इजिप्ट : राजनीतिक क़ैदियों के समर्थन में मशहूर हस्तियों ने किया भूख हड़ताल का ऐलान

इजिप्ट की संसद ने आतंकवादी समूहों से कथित संबंधों वाले सरकारी कर्मचारियों को बर्ख़ास्त करने के लिए क़ानून पारित किया

इतिहासकार की हिरासत को लेकर व्यापक आलोचना के बाद इजिप्ट ने ज़मानत पर रिहा किया


बाकी खबरें

  • general strike
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्यों है 28-29 मार्च को पूरे देश में हड़ताल?
    27 Mar 2022
    भारत के औद्योगिक श्रमिक, कर्मचारी, किसान और खेतिहर मज़दूर ‘लोग बचाओ, देश बचाओ’ के नारे के साथ 28-29 मार्च 2022 को दो दिवसीय आम हड़ताल करेंगे। इसका मतलब यह है कि न सिर्फ देश के विशाल विनिर्माण क्षेत्र…
  • Bhagat Singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    शहीद भगत सिंह के इतिहास पर एस. इरफ़ान हबीब
    27 Mar 2022
    'इतिहास के पन्ने मेरी नज़र से' के इस एपिसोड में नीलांजन ने बात की है इतिहासकार एस. इरफ़ान हबीब से भगत सिंह के इतिहास पर।
  • Raghav Chadha
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: पंजाब में राघव चड्ढा की भूमिका से लेकर सोनिया गांधी की चुनौतियों तक..
    27 Mar 2022
    हर हफ़्ते की प्रमुख ख़बरों को लेकर एकबार फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • jaunpur violence against dalits
    विजय विनीत
    उत्तर प्रदेश: योगी के "रामराज्य" में पुलिस पर थाने में दलित औरतों और बच्चियों को निर्वस्त्र कर पीटेने का आरोप
    27 Mar 2022
    आरोप है कि बदलापुर थाने में औरतों और बच्चियों को पीटने से पहले सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए गए। पहले उनके कपड़े उतरवाए गए और फिर बेरहमी से पीटा गया। औरतों और लड़कियों ने पुलिस पर यह भी आरोप लगाया कि वे…
  • सोनिया यादव
    अपने ही देश में नस्लभेद अपनों को पराया बना देता है!
    27 Mar 2022
    भारत का संविधान सभी को धर्म, जाति, भाषा, वेशभूषा से परे बिना किसी भेदभाव के एक समान होने की बात करता है, लेकिन नस्लीय भेद इस अनेकता में एकता की भावना को कलंकित करता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License