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भारत
राजनीति
फेक्ट चेक: बिहार में अपराध में गिरावट और आदर्श कानून व्यवस्था के बारे में बीजेपी के दावे की पड़ताल
भारतीय जनता पार्टी बिहार के ट्वीटर अकाउंट से एक वीडियो ट्वीट किया गया है। वीडियो के साथ ट्वीट में लिखा है “बिहार में कभी एकमात्र उद्योग अपहरण औऱ हत्या का हुआ करता था। एनडीए सरकार ने इस पूरे हालात और इमेज को बदल कर रख दिया है। कानून का राज मजबूत हुआ है। इसकी गवाही राष्ट्रीय आंकड़े भी देते हैं।”
राज कुमार
29 Aug 2020
Sushil Kumar Modi
फोटो साभार : Deccan Herald

भारतीय जनता पार्टी बिहार के ट्वीटर अकाउंट से एक वीडियो ट्वीट किया गया है। वीडियो में बिहार में अपराध में भारी गिरावट के दावे किए गये हैं। वीडियो के साथ ट्वीट में लिखा है “बिहार में कभी एकमात्र उद्योग अपहरण औऱ हत्या का हुआ करता था। एनडीए सरकार ने इस पूरे हालात और इमेज को बदल कर रख दिया है। कानून का राज मजबूत हुआ है। इसकी गवाही राष्ट्रीय आंकड़े भी देते हैं। देखिये...”

बिहार में कभी एकमात्र उद्योग अपहरण और हत्या का हुआ करता था। एनडीए सरकार ने इस पूरे हालात और इमेज को बदलकर रख दिया है। कानून का राज मजबूत हुआ है। इसकी गवाही राष्ट्रीय आंकड़े भी देते है।
देखिए...#TransformingBihar pic.twitter.com/jcag5lLUiq

— BJP Bihar (@BJP4Bihar) August 29, 2020

पहले एक बार उन दावों पर नज़र डालते हैं जो वीडियो में किये गये हैं, उसके बाद उनकी पड़ताल करते है।

भाजपा बिहार के दावेः

1. बीते पंद्रह सालों में बिहार में कानून के आंकड़ों में करिश्माई बदलाव आए हैं। एनडीए सरकार आने के बाद अपराधिक घटनाओं में 34 प्रतिशत कमी आई है।

2. बिहार जुर्म के मामले में देश में 23वें नंबर पर है। जो कभी टॉप 3 में हुआ करता था।

3. बिहार की कानून व्यवस्था की गवाही राष्ट्रीय आंकड़े दे रहे हैं। देश में प्रति एक लाख व्यक्ति पर 383 लोगों को अपराध का शिकार होना पड़ता है वहीं बिहार में ये आंकड़ा 222 व्यक्ति प्रति लाख है।

4. अपहरण और दिन-दहाड़े हत्या भी अब पुरानी बात हो गई है।

5. सालों पहले जिस प्रदेश की पहचान कानून के मामले में एक पिछड़े प्रदेश के तौर पर थी, वहां की कानून व्यवस्था आज उदाहरण योग्य है।

आइये अब इन दावों की पड़ताल करते हैं।

दावा नंबर 1

क्या सचमुच पिछले पंद्रह सालों में बिहार में कानून के आंकड़ों में करिश्माई बदलाव आए हैं? एनसीआरबी की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अगर हम पिछले तीन सालों पर ही नज़र डालेंगे तो इसे देख सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 में 1,64,183 घटनाएं, वर्ष 2017 में 1,80,573 और वर्ष 2018 में अपराध का आंकड़ा बढकर 1,96,911 हो गया। मतलब आपराधिक घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है बल्कि बढ़ोतरी हुई है। दावा फ़र्ज़ी है।

दावा नंबर 2

क्या सचमुच बिहार अपराध के मामले में देश में 23वें नंबर पर है?

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की वर्ष 2018 की रिपोर्ट पर एक नज़र डालते हैं। जिसके अनुसार बिहार अपराध के मामले में देश में चौथे नंबर पर है। पहले नंबर पर महाराष्ट्र (कुल अपराध 346291) दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश (कुल अपराध 342355) तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश (कुल अपराध 248354) और चौथे नंबर पर बिहार है। बिहार में वर्ष 2018 में कुल 1,96,911 अपराधिक मामले दर्ज़ किए गए हैं। स्पष्ट है कि बिहार अपराध के मामले में देश में 23वें नहीं बल्कि चौथे स्थान पर है। वीडियो में बीजेपी द्वारा किया गया दावा फ़र्ज़ी है।

दावा नंबर 3

क्या सचमुच बिहार में अपराध में प्रति लाख औसत में कुछ कमी आई है?

ऐसा नहीं है। एनसीआरबी की रिपोर्ट और बिहार स्टेट क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट दोनों ही अपराध के बढे हुए आंकड़ें दिखा रही हैं।

दावा नंबर 4

क्या सचमुच बिहार में अपहरण और दिन-दहाड़े हत्या अब पुरानी बात हो गई है? एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में बिहार में 2,934 हत्याएं हुई हैं। बिहार हत्या के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है। पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश है जहां वर्ष 2018 में 4,018 हत्याएं हुई हैं। बिहार में अपहरण के कुल 9,935 मामले दर्ज़ किये गये। अपहरण के मामले में बिहार देश में तीसरे स्थान पर है। पहले पर उत्तर प्रदेश और दूसरे पर महाराष्ट्र है।

फिरौती के लिए अपहरण के मामले में बिहार देश में तीसरे नंबर पर हैं। इसके अलावा जबरन शादी के लिए महिला का अपहरण के मामले में भी बिहार देश में दूसरे नंबर पर है। बिहार में इस तरह के कुल 6671 मामले दर्ज़ किए गए हैं।

हत्या और अपहरण बिहार में अब पुरानी बात हो गई है, ये दावा झूठा है।

दावा नंबर 5

क्या सचमुच बिहार की कानून व्यवस्था उदाहरण योग्य है? कानून व्यवस्था को मापने का पैमाना राज्य में अपराध की घटनाओं के आंकड़ें से देखा जाना चाहिये। तो इसे समझने के लिए बिहार के कुछ और आंकड़ों पर नज़र डालते हैं।

  • ·वाहन चोरी के मामले में बिहार देश में चौथे नंबर पर है। वर्ष 2018 में इस तरह के कुल 18,657 मामले दर्ज़ किए गये हैं।
  • ·इसी प्रकार चोरी के मामले में भी बिहार चौथे नंबर पर है। चोरी के कुल 12,259 मामले दर्ज़ किए गये हैं।
  • ·डेबिट-क्रेडिट कार्ट फ्राड के मामले में देश में छठे स्थान पर है।
  • ·धोखाधड़ी के अपराध में देश में तीसरे स्थान पर है।
  • ·दहेज के मामले में दूसरे स्थान पर है।
  • ·बाल विवाह के मामले में चौथे स्थान पर है।
  • ·हिंसात्मक अपराध के मामलों में बिहार तीसरे नंबर पर है।
  • ·बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध में बिहार चौथे नंबर पर है।
  • ·दलित और आदिवासियों पर होने वाले अपराध के मामले में देश में दूसरे नंबर पर है।

निष्कर्ष

जब बिहार भाजपा द्वारा बिहार में अपराध के आंकड़ों संबंधी दावों की पड़ताल की गई तो सभी दावे फ़र्ज़ी पाए गये। वीडियो में ‘राष्ट्रीय आंकड़ों’ का हवाला दिया गया था। बीजेपी के दावों को जब नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के साथ देखा गया तो सभी दावे झूठे साबित हुए।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते रहते हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

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