NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
कृषि
भारत
किसानों ने किया 26 मार्च को भारत बंद का ऐलान, ख़रीद पर एफ़सीआई के आदेश की निंदा की
26 मार्च को मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली की सरहदों पर बैठे किसानों के प्रदर्शन को 4 महीने पूरे हो जाएंगे।
रवि कौशल
18 Mar 2021
किसानों ने किया 26 मार्च को भारत बंद का ऐलान, ख़रीद पर एफ़सीआई के आदेश की निंदा की

बुधवार को किसान संगठनों ने 26 मार्च के भारत बंद की पुष्टि कर दी। इस दिन किसानों के दिल्ली में चल रहे प्रदर्शन को 4 महीने पूरे हो जाएंगे।

यह फ़ैसला सेंट्रल ट्रेड यूनियनों, छात्र और शिक्षक संगठन और महिलाओं के संगठनों सहित कुल 42 संगठनों के साथ दिन भर चली बैठक के बाद लिया गया। शुरूआत में कुछ संगठनों का कहना था कि होली की वजह से कार्यक्रम को आगे बढ़ा दिया जाए।

दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि बैठक में ट्रांसपोर्टरों और व्यापारियों का भारी समर्थन हासिल हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा को विश्वास दिलाया है कि बंद के दौरान सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक वाहनों और व्यापार को पूरी तरह से रोक दिया जाएगा। 

पाल ने यह भी बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा, जो सभी किसान संगठनों का सामूहिक संगठन है- ने फ़ैसला लिया था कि फ़ूड कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया(एफ़सीआई) के द्वारा लाये गए 2 हालिया आदेशों का बहिष्कार कर जिसमें उसने गेहूं की ख़रीद के नियमों में बदलाव किए हैं, और सरकारी मंडियों या बाज़ारों में बेचने के दस्तावेज़ दिखाने की बात कही है।

एफसीआई के अधिवक्ता और प्रबंध निदेशक संजीव कुमार की अध्यक्षता में एक समिति ने कहा कि गेहूं की ख़रीद तभी की जाएगी जब उपज में 12% नमी हो और विदेशी पदार्थ की मात्रा 0.50% से कम हो।

पाल ने सवाल किया, "नए आदेश अतिक्रमण कर रहे हैं क्योंकि कोई भी समझदार व्यक्ति यह कहेगा कि इतनी कम नमी वाला गेहूं स्थानीय मिल या चक्की पर भी आटा निकालने के लिए अच्छा नहीं है। इसका मतलब केवल यह है कि सरकार अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन करना चाहती है और अपना काम निजी खिलाड़ियों को देना चाहती है। दूसरे, जो ज़मीन बाप-दादाओं के नाम है, उसके भूमि रिकॉर्ड पेश कर पाना बहुत मुश्किल है। और अंत में, पंजाब में लगभग 40% भूमि बटाईदारों द्वारा ली गई है। उनके साथ क्या होगा?"

अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के उपाध्यक्ष कृष्ण प्रसाद ने कहा कि मोर्चा ने भारत बंद और आगामी कार्यक्रमों की तैयारी के लिए जन संगठनों के बीच आपसी तालमेल और जिला स्तर पर समन्वय बढ़ाने का भी फैसला किया। संसद के चल रहे सत्र में बिजली (संशोधन) विधेयक को पेश करने के बारे में रिपोर्ट देते हुए उन्होंने कहा: “जब हम जनवरी में विज्ञान भवन में कानूनों पर चर्चा कर रहे थे, यह केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि वे परिचय नहीं देंगे यह। अब वे अपने वादों से मुकर जा रहे हैं। यह एक धोखा है। इन बीमार चालों के बावजूद हमारी मूवमेंट केवल बढ़ती स्थानीय समर्थन के साथ मजबूती हासिल कर रही है।"

इसके अलावा, प्रेस मीट के मौक़े पर न्यूज़क्लिक से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मार्च 18 और 23 मार्च के बीच 'शहीद यादगर किसान मजदूर पदयात्रा' का आयोजन किया जाएगा। हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के लोगों से जुड़ने के लिए कई कार्यक्रम चल रहे हैं। 23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत को चिह्नित करते हुए शहीद दिवस कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। हरियाणा के हिसार में लाल सड़क हांसी से 18 मार्च को एक पदयात्रा शुरू होगी और टिकरी बार्डर तक पहुंचेगी। दूसरा जत्था खटकर कलां गांव से शुरू होगा और सिंघू बॉर्डर तक पहुंचने से पहले पानीपत से होकर गुज़रेगा। पलवल पहुंचने से पहले मथुरा में एक तीसरी पदयात्रा शुरू होगी।

ग़ौरतलब है कि खटकर कलां गाँव भगत सिंह का पुश्तैनी गाँव है।

एक बयान में किसान मोर्चा ने कहा, "कर्नाटक में 400 किलोमीटर की पदयात्रा गांवों में अच्छी भागीदारी के साथ आगे बढ़ रही है। 23 मार्च को बेलारी में यात्रा पूरी करने के बाद, गाँवों के रास्ते से एकत्र की जा रही मिट्टी को 6 अप्रैल को सिंघू बॉर्डर पर लाया जाएगा। यहाँ आंदोलन के शहीदों के लिए एक स्मारक की योजना बनाई जा रही है।"

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Farmers Give Bharat Bandh Call on March 26, Slam FCI’s Orders on Procurement

Farm Laws
Farmers Protests
Bharat Bandh
Samyukta Kisan Morcha
APMC MSP
AIKS

Related Stories

देशव्यापी हड़ताल: दिल्ली में भी देखने को मिला व्यापक असर

दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को मिला व्यापक जनसमर्थन, मज़दूरों के साथ किसान-छात्र-महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल का दूसरा दिन, जगह-जगह धरना-प्रदर्शन

मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ भारत बंद का दिखा दम !

क्यों मिला मजदूरों की हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन

कृषि बजट में कटौती करके, ‘किसान आंदोलन’ का बदला ले रही है सरकार: संयुक्त किसान मोर्चा

केंद्र सरकार को अपना वायदा याद दिलाने के लिए देशभर में सड़कों पर उतरे किसान

ख़बर भी-नज़र भी: किसानों ने कहा- गो बैक मोदी!

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License