NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
बलूचिस्तान के मारवाड़ में चार कोयला खनिकों की अपहरण के बाद हत्या
ये लक्षित हमला कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने किया था जिन्होंने दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान में मारवाड़ कोयला क्षेत्र के अंदर कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या कर दी।
पीपल्स डिस्पैच
26 Aug 2021
बलूचिस्तान के मारवाड़ में चार कोयला खनिकों की अपहरण के बाद हत्या

24 अगस्त को बलूचिस्तान प्रांत में कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने करीब चार कोयला खनिकों की हत्या कर दी। हत्यारे मारवाड़ कोलफील्ड क्षेत्र के अंदर घुस गए और कर्मचारियों का अपहरण कर लिया और बाद में उनकी हत्या कर दी।

मृतक खनिकों की पहचान हिदायत-उर-रहमान, अब्दुल वकील और गुल हकीम के रूप में की गई जो निजी कोयला कंपनियों नेशनल कोल कंपनी और दीनार कोल माइंस के लिए काम करते थे। चौथे पीड़ित की शिनाख्त अभी नहीं हो पाई है।

हन्ना पुलिस स्टेशन और सिविल अस्पताल के अधिकारियों ने पुष्टि की कि कई गोली लगने से कोयला खनिकों की मौके पर ही मौत हो गई। उनमें से दो खैबर पख्तूनखा के स्वात से थे जबकि दूसरा क्वेटा का है, जो मारवाड़ कोयला क्षेत्र से लगभग 75 किलोमीटर दूर है।

हालांकि ये हमलावर खनिकों पर गोली चलाने के बाद मौके से भागने में सफल रहे। कोयला खनिकों पर लक्षित हमला कई वर्षों से हो रहा है, जिससे यूनियनों को देश में कोयला खनिकों की सुरक्षा के लिए कई विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इस बार किसी भी चरमपंथी संगठन ने खनिकों पर हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है।

इससे पहले जनवरी में बलूचिस्तान के माच इलाके में कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने लगभग इसी तरह 11 कोयला खनिकों की हत्या कर दी थी जिन्होंने बंदूक की नोक पर कर्मचारियों का अपहरण कर लिया था और बाद में उन्हें पास के क्षेत्र में मार डाला था।

कोयला खनिकों के नरसंहार के बाद हजारा समुदाय और स्थानीय लोगों ने कई विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया जिन्होंने इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करने की मांग करते हुए कई दिनों तक शवों को दफनाने से इनकार कर दिया था।

साल 2020 में बलूचिस्तान में 72 अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 102 कोयला खनिक मारे गए। जनवरी से मार्च के बीच इस प्रांत में कम से कम 43 खनिकों ने अपनी जान गंवाई है।

वर्तमान में बलूचिस्तान के सात अलग-अलग जिलों में 2,800 से अधिक कोयला खदानें हैं, जहां 70,000 से अधिक लोग काम करते हैं। कई कार्यकर्ता समूहों ने बार-बार शिकायत की है कि कैसे हजारों खनिकों के लिए पाकिस्तानी खदानों की स्थिति असुरक्षित है। पाकिस्तान माइंस लेबर फेडरेशन के अनुसार खनन में मुख्य संकट का कारण "संस्थागत उदासीनता और अनुबंध प्रणाली" माना जाता है।

BALOCHISTAN
Marwar
Coal Miners

Related Stories


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License