NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
गुजरात उच्च न्यायालय ने धर्मांतरण विरोधी क़ानून की धारा 5 हटवाने वाली राज्य सरकार की अर्ज़ी खारिज़ की
गुजरात सरकार ने नए धर्मांतरण रोधी कानून की धारा पांच के क्रियान्वयन पर रोक के संबंध में अदालत के हालिया फैसले में संशोधन का अनुरोध करने वाली राज्य सरकार की अर्जी बृहस्पतिवार को खारिज कर दी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Aug 2021
गुजरात उच्च न्यायालय ने धर्मांतरण विरोधी क़ानून की धारा 5 हटवाने वाली राज्य सरकार की अर्ज़ी खारिज़ की

गुजरात सरकार ने नए धर्मांतरण रोधी कानून की धारा पांच के क्रियान्वयन पर रोक के संबंध में अदालत के हालिया फैसले में संशोधन का अनुरोध करने वाली राज्य सरकार की अर्जी बृहस्पतिवार को खारिज कर दी।

गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) कानून, 2021 की धारा-पांच के तहत पुजारी के लिए किसी व्यक्ति का धर्मांतरण कराने से पहले जिलाधिकारी की अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके साथ ही धर्मांतरण करने वाले व्यक्ति के लिए भी निर्धारित आवेदन भरकर अपनी सहमति के बारे में जिलाधिकारी को अवगत कराना आवश्यक है।

राज्य के महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने कहा, ‘‘हमें 19 अगस्त को हमारे द्वारा पारित आदेश में कोई बदलाव करने का कोई कारण नजर नहीं आता।’’

राज्य सरकार के वकील त्रिवेदी ने पीठ से कहा कि गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2021 की धारा पांच मूल कानून को 2003 में क्रियान्वित किए जाने के समय से लागू है और इसका विवाह से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने न्यायाधीशों को यह समझाने की कोशिश की कि धारा पांच पर रोक वास्तव में पूरे कानून के क्रियान्वयन पर ही रोक लगा देगी और धर्मांतरण से पहले कोई भी व्यक्ति अनुमति लेने के लिए अधिकारियों से संपर्क नहीं करेगा।

उल्लेखनीय है कि अदालत ने 19 अगस्त को दिए अपने आदेश में गुजरात धार्मिक आजादी (संशोधन) अधिनियम-2021 की धाराओं- तीन, चार, चार ए से लेकर चार सी तक, पांच, छह और छह ए पर सुनवाई लंबित रहने तक रोक लगा दी थी। पीठ ने कहा था, ‘‘हमारी यह राय है कि आगे की सुनवाई लंबित रहने तक धारा तीन, चार, चार ए से लेकर धारा चार सी, पांच, छह एवं छह ए को तब लागू नहीं किया जाएगा, यदि एक धर्म का व्यक्ति किसी दूसरे धर्म व्यक्ति के साथ बल प्रयोग किए बिना, कोई प्रलोभन दिए बिना या कपटपूर्ण साधनों का इस्तेमाल किए बिना विवाह करता है और ऐसे विवाहों को गैरकानूनी धर्मांतरण के उद्देश्य से किए गए विवाह करार नहीं दिया जा सकता।’
’
अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका की 19 अगस्त की सुनवाई में, मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की पीठ ने अधिनियम की धारा 3, 4, 4A से 4C, 5, 6 और 6A के संचालन पर रोक लगा दी थी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा था, “प्रारंभिक प्रस्तुतियाँ और अग्रिम दलीलें दर्ज करने के बाद, हमने निम्नानुसार निर्देश दिया है। इसलिए हमारी राय है कि आगे की सुनवाई तक, धारा 3, 4, 4A से 4C, 5, 6 और 6A की कठोरता केवल इसलिए संचालित नहीं होगी क्योंकि विवाह एक धर्म के व्यक्ति द्वारा दूसरे धर्म के साथ, बिना बल या बल के अनुष्ठापित किया जाता है। लुभाने या कपटपूर्ण तरीकों से और ऐसे विवाहों को गैरकानूनी धर्मांतरण के प्रयोजनों को विवाह नहीं कहा जा सकता है।"

त्रिवेदी ने अदालत से कहा कि धारा पांच में "विवाह" शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है और यह विवाह से पहले या बाद में या उन मामलों में भी धर्मांतरण के लिए जिलाधिकारी की अनुमति से संबंधित है, जिनमें धर्मांतरण का विवाह से संबंध नहीं है।

त्रिवेदी ने पीठ से अपने पिछले आदेश में सुधार करके धारा पांच पर लगी रोक हटाने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘चूंकि धारा पांच पर रोक है, तो कोई भी व्यक्ति अनुमति नहीं लेगा, भले ही यह बिना विवाह के स्वैच्छिक धर्मांतरण कर रहा हो। वे कहेंगे कि उच्च न्यायालय ने धारा पांच पर रोक लगा दी है। यह ऐसे प्रस्तावों के लिए है, जहां सब कुछ स्वेच्छा से किया जाता है। इस आदेश का मतलब है कि अब पूरे कानून पर रोक लग गई है।’’

त्रिवेदी ने कहा, ‘‘जिन अन्य धाराओं पर रोक लगाई गई है, वे विवाह से संबंधित हैं, जबकि धारा पांच कानूनी रूप से स्वैच्छिक धर्मांतरण के लिए है। उस धारा के तहत, यदि कोई पुजारी के पास जाता है, तो पुजारी को अनुमति लेनी पड़ती है। यह वैध धर्मांतरण से संबंधित है। वैध धर्मांतरण संबंधी धारा पर रोक लगाने की आवश्यकता क्यों है?’’

पीठ ने त्रिवेदी से कहा कि यह उनकी (त्रिवेदी की) अपनी व्याख्या है कि अदालत ने सभी प्रकार के धर्मांतरण के लिए पूर्व अनुमति वाले हिस्से पर रोक लगा दी है।

मुख्य न्यायाधीश नाथ ने राज्य सरकार की अर्जी खारिज करते हुए कहा, ‘‘अगर कोई अविवाहित व्यक्ति धर्म परिवर्तन करना चाहता है, तो उसे उस अनुमति की आवश्यकता होगी। हमने इस पर रोक नहीं लगाई है। हमने केवल विवाह के माध्यम से धर्मांतरण पर रोक लगाई है। हमने आदेश में यही कहा है।’’

विवाह के माध्यम से जबरन या धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन के लिए दंडित करने वाले गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2021 को राज्य सरकार ने 15 जून को अधिसूचित किया गया था। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी भाजपा सरकारों ने इसी तरह के कानून बनाए हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद की गुजरात शाखा ने पिछले महीने दाखिल एक याचिका में कहा था कि कानून की कुछ संशोधित धाराएं असंवैधानिक हैं।

इस संबंध में सबरंगइंडिया के सह-संगठन सिटीजन फॉर जस्टिहवाला देते हुए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों द्वारा पारित धर्मांतरण विरोधी कानूनों को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। 

Gujarat High Court
Anti-conversion law

Related Stories

विसनगर दंगा मामले में अदालत पहुँचे हार्दिक पटेल, दोषसिद्धि पर रोक की माँग

गुजरात: नगर निगमों ने मांसाहारी खाद्य पदार्थ बेचने वाले ठेलों को प्रतिबंधित किया, हॉकर्स पहुंचे हाई कोर्ट

गुजरात: धर्म-परिवर्तन क़ानून को लेकर हाईकोर्ट और सरकार के बीच क्या विवाद है?

गुजरात का 'काल कोठरी मॉडल'

गुजरात उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता और मंत्री चूडसामा का चुनाव किया ख़ारिज

आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या का मामला : पूर्व भाजपा सांसद, छह अन्य को उम्रकैद

नरोदा पाटिया मामला : 3 तथ्य और 5 सवाल


बाकी खबरें

  • maliyana
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल
    23 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह न्यूज़क्लिक की टीम के साथ पहुंची उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के मलियाना इलाके में, जहां 35 साल पहले 72 से अधिक मुसलमानों को पीएसी और दंगाइयों ने मार डाला…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    बनारस : गंगा में नाव पलटने से छह लोग डूबे, दो लापता, दो लोगों को बचाया गया
    23 May 2022
    अचानक नाव में छेद हो गया और उसमें पानी भरने लगा। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते नाव अनियंत्रित होकर गंगा में पलट गई। नाविक ने किसी सैलानी को लाइफ जैकेट नहीं पहनाया था।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी अपडेटः जिला जज ने सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा अपना फैसला, हिन्दू पक्ष देखना चाहता है वीडियो फुटेज
    23 May 2022
    सोमवार को अपराह्न दो बजे जनपद न्यायाधीश अजय विश्वेसा की कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली। हिंदू और मुस्लिम पक्ष की चार याचिकाओं पर जिला जज ने दलीलें सुनी और फैसला सुरक्षित रख लिया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?
    23 May 2022
    2019 के बाद से जो प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं, उनसे ना तो कश्मीरियों को फ़ायदा हो रहा है ना ही पंडित समुदाय को, इससे सिर्फ़ बीजेपी को लाभ मिल रहा है। बल्कि अब तो पंडित समुदाय भी बेहद कठोर ढंग से…
  • राज वाल्मीकि
    सीवर कर्मचारियों के जीवन में सुधार के लिए ज़रूरी है ठेकेदारी प्रथा का ख़ात्मा
    23 May 2022
    सीवर, संघर्ष और आजीविक सीवर कर्मचारियों के मुद्दे पर कन्वेन्शन के इस नाम से एक कार्यक्रम 21 मई 2022 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया मे हुआ।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License