NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
विरोध के बीच लेबनान की संसद में हसन दियाब ने विश्वास मत जीता
उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में साद हरीरी के इस्तीफे के बाद पिछले महीने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
पीपल्स डिस्पैच
12 Feb 2020
no trust

 लेबनान की संसद ने मंगलवार 11 फरवरी को विश्वास मत में प्रधानमंत्री हसन दियाब के अधीन गठित नई कैबिनेट को मंजूरी दे दी है। उनकी नई कैबिनेट को 63 वोट मिले जबकि उनकी सरकार के खिलाफ 20 सांसदों ने वोट किया। लेबनान की संसद में 120 सांसद हैं।

हिजबुल्ला, अमल और फ्री पैट्रियटिक मूवमेंट वाली पार्टी की सरकार के पक्ष में मतदान किया जबकि पूर्व प्रधानमंत्री साद हरीरी के फ्यूचर मूवमेंट और उसके सहयोगियों ने सरकार के खिलाफ मतदान किया।

बड़ी संख्या में सांसद प्रदर्शनकारियों द्वारा रोके जाने के कारण संसद में नहीं जा सके। देश की आर्थिक समस्याओं से निपटने के लिए पिछली सरकारों की विफलता के चलते पिछले साल अक्टूबर से लेबनान में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। 29 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन के कुछ हफ्तों के बाद साद हरीरी को इस्तीफा देना पड़ा।

सुरक्षा बलों ने संसद भवन के पास से प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग किया जिसमें लगभग 350 लोग घायल हो गए।

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और पूर्व शिक्षा मंत्री हसन दियाब को पिछले साल दिसंबर में नई सरकार का मुखिया चुना गया था। उन्होंने 21 जनवरी को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

मतदान से पहले संसद को संबोधित करते हुए हसन दियाब ने आश्वासन दिया कि उनकी प्राथमिकता देश की आर्थिक समस्याओं से निपटने की होगी। उन्होंने जोर दिया कि लेबनान को आयात के प्रवाह को जारी रखने के लिए आवश्यक विदेशी मुद्रा को संरक्षित करने की आवश्यकता है। लेबनान में बैंकों ने पिछले कुछ महीनों से विदेशी मुद्रा, विशेषकर अमेरिकी डॉलर की निकासी पर सख्त नियम बनाए हैं।

लेबनान में उच्च सार्वजनिक ऋण, खराब सेवा और बढ़ती गरीबी और बेरोजगारी है। प्रदर्शनकारियों ने इन समस्याओं के मुख्य कारणों में से एक के रूप में   भ्रष्टाचार और राजनीतिक विशिष्ट वर्ग की अक्षमता को दोषी ठहराया है और टेक्नोक्रेटिक सरकार के अधीन व्यापक प्रणालीगत बदलावों की मांग की है।

विरोध प्रदर्शनों की कुछ प्रमुख मांगों पर चर्चा करते हुए दियाब ने महत्वपूर्ण वित्तीय और प्रशासनिक सुधारों, भ्रष्टाचार से निपटारा और लेबनानी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को सुरक्षित करने का वादा किया।

Hasan Diab
vote of confidence
Lebanese parliament
Free Patriotic Movement

Related Stories

बेरूत : भयंकर धमाकों में 100 की मौत, हज़ारों घायल


बाकी खबरें

  • maliyana
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल
    23 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह न्यूज़क्लिक की टीम के साथ पहुंची उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के मलियाना इलाके में, जहां 35 साल पहले 72 से अधिक मुसलमानों को पीएसी और दंगाइयों ने मार डाला…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    बनारस : गंगा में नाव पलटने से छह लोग डूबे, दो लापता, दो लोगों को बचाया गया
    23 May 2022
    अचानक नाव में छेद हो गया और उसमें पानी भरने लगा। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते नाव अनियंत्रित होकर गंगा में पलट गई। नाविक ने किसी सैलानी को लाइफ जैकेट नहीं पहनाया था।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी अपडेटः जिला जज ने सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा अपना फैसला, हिन्दू पक्ष देखना चाहता है वीडियो फुटेज
    23 May 2022
    सोमवार को अपराह्न दो बजे जनपद न्यायाधीश अजय विश्वेसा की कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली। हिंदू और मुस्लिम पक्ष की चार याचिकाओं पर जिला जज ने दलीलें सुनी और फैसला सुरक्षित रख लिया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?
    23 May 2022
    2019 के बाद से जो प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं, उनसे ना तो कश्मीरियों को फ़ायदा हो रहा है ना ही पंडित समुदाय को, इससे सिर्फ़ बीजेपी को लाभ मिल रहा है। बल्कि अब तो पंडित समुदाय भी बेहद कठोर ढंग से…
  • राज वाल्मीकि
    सीवर कर्मचारियों के जीवन में सुधार के लिए ज़रूरी है ठेकेदारी प्रथा का ख़ात्मा
    23 May 2022
    सीवर, संघर्ष और आजीविक सीवर कर्मचारियों के मुद्दे पर कन्वेन्शन के इस नाम से एक कार्यक्रम 21 मई 2022 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया मे हुआ।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License