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युद्ध विराम की सहमति से पहले वायु व समुद्री नाकेबंदी हटाने की हौथी की मांग
हौथी के नाम से चर्चित अंसार अल्ला ने युद्ध विराम और साना हवाई अड्डा व होदेदा बंदरगाह खोलने के सऊदी के प्रस्ताव को "महत्वहीन" बताया।
पीपल्स डिस्पैच
23 Mar 2021
यमन

सऊदी विदेश मंत्री फैसल बिन फरहाद अल सऊद के युद्ध विराम के प्रस्ताव का जवाब देते हुए अंसार अल्ला के मुख्य वार्ताकार मोहम्मद अब्दुलसलाम ने सोमवार 22 मार्च को कहा कि यदि वे शांति वार्ता के प्रति वास्तव में गंभीर हैं तो "दबाव बनाने वाले उपकरण" के रूप में "मानवीय अधिकार" को दोहराने के बजाय सउदी को यमन की वायु और समुद्री नाकेबंदी को हटाना चाहिए।

सोमवार को सऊदी ने संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में देशव्यापी युद्ध विराम सहित "शांति पहल" का प्रस्ताव दिया और सऊदी समर्थित हादी सरकार के साथ राजस्व साझा करने के साथ सीमित स्थानों के लिए साना हवाई अड्डे और होदेदा बंदरगाह को खोलने का प्रस्ताव दिया।

इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए हौथी ने किसी भी तरह की गंभीर शांति वार्ता से पहले वायु और समुद्री नाकेबंदी को पूरी तरह से हटाने की मांग की है जो कि देश में खाद्य और चिकित्सा की कमी के लिए ज़िम्मेदार है। इसे संयुक्त राष्ट्र ने "दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संकट" कहा है।

यमन में युद्ध के चलते अब तक 2,30,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और लाखों लोग भुखमरी और चिकित्सा सुविधाओं की कमी से मौत के कगार पर हैं। सऊदी के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने उत्तरी यमन की ओर खाद्य और आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाली कई जहाजों को जब्त कर लिया है।

नागरिक बुनियादी ढांचे पर सऊदी गठबंधन के हवाई हमलों ने देश की अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया है जिससे लोगों की मौत के अलावा बुनियादी सुविधाओं में कमी और गरीबी में भारी वृद्धि हो गई। हौथी ने देश के दक्षिण और पूर्वी क्षेत्रों में सऊदी हवाई हमलों और इसके सैन्य कब्जे को समाप्त करने की मांग की है।

अधिकांश यमनी लोगों की आबादी वाले देश के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र और राजधानी साना पर हौथी के नियंत्रण करने के बाद साल 2015 से यूएस और अन्य पश्चिमी सहयोगियों की सहायता से सऊदी के नेतृत्व वाली गठबंधन ने यमन के खिलाफ युद्ध छेड़ रखी है। हौथी के नियंत्रण ने तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दरबू मंसूर अल हादी को पहले अदन और फिर सऊदी अरब भागने के लिए मजबूर किया।

सउदी और इसके क्षेत्रीय व पश्चिमी सहयोगियों ने हौथी पर ईरान का नुमाइंदा होने का आरोप लगाया है और देश की सरकार के रुप में हादी के नेतृत्व वाले प्रशासन को समर्थन देता है। ईरान और हौथी दोनों ने सऊदी आरोपों को खारिज कर दिया है। हौथी का दावा है कि हादी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ उनकी लड़ाई यमनी संप्रभुता के लिए और उनके शासनकाल में व्यापक भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई है।

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