NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
मानवाधिकार संगठनों ने ग्वाटेमाला में सरकार-विरोधी प्रदर्शनों पर पुलिस कार्रवाई की निंदा की
ग्वाटेमाला की पुलिस ने 21 नवंबर को राष्ट्रपति अलेजांद्रो जियामतेई के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण प्रदर्शन का क्रूरतापूर्वक दमन किया था।
पीपल्स डिस्पैच
23 Nov 2020
Violencia-Policial

विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने 21 नवंबर को राजधानी ग्वाटेमाला सिटी में सरकार-विरोधी प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ ग्वाटेमाला स्टेट सिक्योरिटी फोर्स द्वारा अत्यधिक बल के प्रयोग को खारिज किया।

इंटर-अमेरिकन कमीशन ऑन ह्यूमन राइट्स (आईएसीएचआर) ने 22 नवंबर को कई ट्वीट के माध्यम से शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर हिंसक पुलिस दमन की निंदा की और कांग्रेस से बर्बरता की कार्रवाई को लेकर जांच की मांग की।

द फैमिली एसोसिएशन ऑफ द डिटेंड डिसएपियर्ड ऑफ ग्वाटेमाला (एफएएमडीईजीयूए), इम्प्यूनिटी वॉच ग्वाटेमाला, पूर्व ग्वाटेमाला अटॉर्नी जनरल क्लाउडिया पाज़ और मानवाधिकार लोकपाल जोर्डन रोडास ने भी प्रदर्शन के दौरान क्रूरता को खारिज कर दिया।

21 नवंबर को 5,00,000 से अधिक ग्वाटेमालावासियों ने भ्रष्टाचार और अतिदक्षिणपंथी सरकार के राष्ट्रपति अलेजांद्रो जियामतेई के ख़िलाफ़ विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे। राजधानी में कंस्टिच्यूशनल प्लाजा के पास हिंसक तत्वों के एक समूह ने कांग्रेस मुख्यालय में प्रवेश किया और आग लगा दी जबकि सैकड़ों हज़ारों लोगों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया।

इस घटना के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ हिंसक दमन किया। पुलिस अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले जमीन पर दागने के बजाय सीधे लोगों पर दागे जिससे सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। साथ ही 30 से अधिक छात्रों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया।

18 नवंबर को कांग्रेस द्वारा अनुमोदित 2021 के विवादास्पद आम बजट को खारिज करने के लिए सोशल मीडिया नेटवर्क पर विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा प्रदर्शन के लिए आह्वान किया गया था। विधायिका के सदस्यों द्वारा जो अनुमोदित किया गया उसके अनुसार सरकार के संचालन के लिए बजट का 65% विभिन्न मंत्रालयों को आवंटित किया जाएगा, निवेश के लिए 20% और ऋण के भुगतान के लिए 15% है। नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से इस बजट को अस्वीकार कर दिया क्योंकि यह COVID-19 महामारी के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र से फंड की कटौती करता है और विभिन्न अन्य सामाजिक क्षेत्रों के लिए बजट में कटौती करता है।

Central America
Guatemala
Guatemala Police
International Human Rights Organizations
FAMDEGUA

Related Stories

क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति

पुतिन को ‘दुष्ट' ठहराने के पश्चिमी दुराग्रह से किसी का भला नहीं होगा

दुनिया भर की: मध्य अमेरिका में एक और कास्त्रो का उदय

मिस्र में मानवाधिकार उल्लंघन के रिकॉर्ड को देख अधिकार संगठनों का अमरीका से उसकी सैन्य सहायता रोकने का आह्वान

महामारी के दौरान समाज को एकजुट रखतीं प्रवासी महिलाएं

ईजिप्ट की मशहूर कार्यकर्ता सना सैफ़ को 18 महीने जेल की सज़ा सुनाई गई

अमेरिका को लिखे पत्र में मानवाधिकार समूहों ने बहरीन में मानवाधिकारों के हनन पर कार्रवाई की मांग की

यूएस जा रहे होंडुरास के प्रवासी कारवां पर ग्वाटेमाला के सुरक्षा बलों की कार्रवाई


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License