NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जिस तरीके से मीडिया रिया की छवि पेश कर रही है वह शर्मनाक और आपराधिक कृत्य : ऐपवा
“सुशांत सिंह की मृत्यु के लिए रिया चक्रवर्ती दोषी है या नहीं यह अदालत को तय करने दिया जाए। इस मामले में जिस तरीके से मीडिया रिया की छवि पेश कर रही है वह शर्मनाक और आपराधिक कृत्य है।”
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 Sep 2020
Rhea Chakraborty
प्रतीकात्मक तस्वीर। चित्रांकन : मीर सुहैल। साभार : सोशल मीडिया

अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने एक वक्तव्य जारी कर अभिनेता सुशांत-रिया केस में मीडिया की भूमिका की आलोचना की है और अपील की है कि एक महिला का ऐसा शर्मनाक मीडिया ट्रायल तुरंत बंद कर क़ानून को अपना काम करने दिया जाए।

ऐपवा की अध्यक्ष रति राव, महासचिव मीना तिवारी और सचिव कविता कृष्णन की ओर से जारी इस बयान में कहा गया है कि सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु से हर संवेदनशील व्यक्ति मर्माहत है और सुशांत व उसके परिवार को न्याय मिले यह हर बिहारवासी चाहेगा, देश के आम प्रगतिशील लोग चाहेंगे। लेकिन सुशांत सिंह की मृत्यु के लिए रिया चक्रवर्ती दोषी है या नहीं यह अदालत को तय करने दिया जाए। इस मामले में जिस तरीके से मीडिया रिया की छवि पेश कर रही है वह शर्मनाक और आपराधिक कृत्य है। जिस तरीके से रिया के साथ मीडिया कर्मियों ने धक्का मुक्की की, उसकी जितनी भी भर्त्सना की जाए कम है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

बयान में कहा गया है कि ऐपवा की ओर से मीडिया से भी हम अपील करना चाहते हैं कि कानून व्यवस्था को अपना काम करने दें। हम समाज के आमलोगों से भी अपील करना चाहते हैं कि मीडिया के कुछ लोग जो आज सरकार के चारण बने हुए हैं उनकी मंशा को समझें। देश में बढ़ रही बेरोज़गारी, आर्थिक तंगहाली, बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार के प्रवासी मज़दूरों, किसानों की बदहाली, बिहार में अपराधियों का बढ़ता मनोबल, महिलाओं पर बलात्कार, अत्याचार आदि मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस मुद्दे को इस्तेमाल करने की कोशिश हो रही है। हमें इस बात पर भी ग़ौर करना चाहिए कि कल ही बिहार भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ ने सुशांत सिंह मामले को बिहार विधानसभा चुनाव का मुद्दा बनाने की बात की है। हमें इस बात पर भी गौर करना चाहिए कि जो ताकतें पद्मावत फिल्म के समय सुशांत सिंह की दुश्मन बनी हुई थीं वह आज सुशांत की हितैषी नहीं हो सकतीं बल्कि वह इस मुद्दे पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने में लगी हैं।

किसी महिला को अगर वह दोषी है तब भी अपनी बात कहने का मौका दिया जाना चाहिए और जांच एजेंसियों को निष्पक्ष तरीके से काम करना चाहिए। हम अदालत, राष्ट्रीय महिला आयोग, और न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी से भी अपील करते हैं कि मीडिया जिस तरह महिला विरोधी भाषा और सोच के साथ रिया के बारे में प्रसारण कर रही है उसे सख्ती से रोका जाए।

सुशांत जिस प्रगतिशील विचार का होनहार नौजवान था शायद उसे भी यह पसंद नहीं होता कि बिना दोष सिद्ध हुए किसी महिला को सार्वजनिक रूप से इस तरह जलील किया जाए। इसलिए हम सुशांत के प्रति सम्मान रखने वाले हर व्यक्ति से अपील करते हैं कि वे मीडिया के इस रवैये के प्रति अपनी असहमति जताएं।

AIPWA
Rhea Chakraborty
Indian media
TV media
Godi Media
Sushant Singh

Related Stories

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

ज़ोरों से हांफ रहा है भारतीय मीडिया। वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में पहुंचा 150वें नंबर पर

डराये-धमकाये जा रहे मीडिया संगठन, लेकिन पलटकर लड़ने की ज़रूरत

कैसे चुनावी निरंकुश शासकों के वैश्विक समूह का हिस्सा बन गए हैं मोदी और भाजपा

बिहार: 6 दलित बच्चियों के ज़हर खाने का मुद्दा ऐपवा ने उठाया, अंबेडकर जयंती पर राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया

आर्थिक मोर्चे पर फ़ेल भाजपा को बार-बार क्यों मिल रहे हैं वोट? 

‘दिशा-निर्देश 2022’: पत्रकारों की स्वतंत्र आवाज़ को दबाने का नया हथियार!

क्या आपको पता है कि ₹23 हजार करोड़ जैसे बैंक फ्रॉड भी महंगाई के लिए जिम्मेदार है? 

यूपी चुनावः कॉरपोरेट मीडिया के वर्चस्व को तोड़ रहा है न्यू मीडिया!

सिर्फ साम्प्रदायिक उन्माद से प्रचार होगा बीजेपी?


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License