दिल्ली के कोचिंग हब या आईएएस फैक्ट्री कहे जाने वाले मुखर्जी नगर में आजकल एक अलग तरह की अफरा तफरी है। अधिकतर पीजी, लाइब्रेरी और कोचिंग सेंटर बंद हैं। दूसरे राज्यों से आये छात्र वापस अपने गृह नगर जा रहे हैं। जो रास्ते और चौक छात्रों और लोगों से भरे होते थे, वहां एक अलग सी शांति या कहें सन्नाटा है। इसके पीछे की वजह एक कथित पुलिस आदेश है, जिसमें पुलिस द्वारा पीजी, हॉस्टल, इंस्टीट्यूट और कोचिंग सेंटर्स को 24 दिसंबर से 2 जनवरी तक बंद करने और इलाका खाली करने फरमान यानी नोटिस जारी किया गया था। बाद में ये नोटिस वायरल हो गया और मैसज की शक्ल में हर छात्र और कोचिंग मालिकों के पास पहुंच गया। जिसके चलते सभी के बीच डर का माहौल बन गया है

हालांकि पुलिस ने बुधवार, 25 दिसंबर को इस मैसज व वीडियो को फेक करार देते हुए इसे अफ़वाह बताया। इस पूरी स्थति को लेकर न्यूज़क्लिक की टीम ने मुखर्जी नगर का दौरा किया और इस खबर की सच्चाई जानने की कोशिश की। क्या वाकई में यह महज़ एक अफ़वाह हैं या पुलिस द्वारा जारी फ़रमान, जिसे अब पुलिस खारिज कर रही है।
हमने अपनी पड़ताल के दौरन कई छात्रों, स्थानीय दुकानदारों, पुलिस और कोचिंग के संचालकों से बात की है। छात्रों, स्थानीय दुकानदारों और कोचिंग मालिकों ने मुखर्जी नगर पुलिस के दावों पर सवाल उठाए। कई लोगों ने बताया कि पुलिस के लोगों ने खुद ही कोचिंग को बंद कराने के साथ पीजी भी खाली करवाया है। कई लोगों ने तो यह भी कहा कि एक शिक्षक ने अपनी कोचिंग को बंद करने से मना किया तो उन्हें पुलिस अपने साथ भी ले गई थी।
क्या है पहले पूरा घटनाक्रम?
सबसे पहले पीजी खाली करने का मैसेज़ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। एक वीडियो में एक कथित पुलिसकर्मी छात्रों से मुखर्जी नगर को खाली करने के लिए कह रहा है। वीडियो में पुलिसकर्मी कह रहा है कि पूरी दिल्ली में धारा 144 लगी है। कानून व्यवस्था का सवाल है इसलिए सभी लोग पीजी खाली करें और कोचिंग को भी बंद करें। इसके साथ ही पुलिस का एक लेटर भी वायरल हो रहा है, जिसमें पीजी मालिकों से 24 दिसंबर से 2 जनवरी तक हॉस्टल बंद करने का आदेश दिया गया है।
कई लोगों ने कहा कि सीएए और एनआरसी को लेकर दिल्ली में चल रहे विरोध प्रदर्शनों में मुखर्जी नगर से भी छात्र भारी संख्या में शामिल हो रहे हैं। इसलिए एहतियातन पुलिस ने यह कदम उठाया हैं।
न्यूज़क्लिक से मुखर्जी नगर थाने के एक सिपाही ने फोन पर बातचीत में साफ कहा कि पुलिस ने किसी भी तरह का कोई भी ऐसा आदेश नहीं दिया। जो लेटर वायरल हो रहा है वो साफ तौर पर फर्जी है क्योंकि उसमें मुहर नहीं है। इसके साथ ही जितने वीडियो चल रहे हैं वो भी फेक हैं।
वीडियो में क्या है?
वीडियो में एक कथित पुलिस अधिकारी कह रहा है कि 24 तारीख से सब के सब कोचिंग सेंटर और पीजी बंद हो जाएंगे। सब लोग अपने टिकट करा लो, अपने घर चले जाओ। 2 तारीख को वापस आइए, इसे विंटर वेकेशन समझ लो। लॉ एंड ऑर्डर हालात काफी नाजुक हो रखी है। धारा 144 लगी हुई है पूरी दिल्ली में। करियर मत खराब होने देना अपना। अपने घर जाओ। 24 की शाम को निकल जाना और 2 तारीख को वापस आना। हम सबकुछ बंद करा रहे हैं। कोई किसी भी तरह का प्रोटेस्ट नहीं करेगा। रात में शोर मचाते हो, अगर एक भी फुटेज मिल गई तो हम बंद कर देंगे। कैमरे लगे हुए हैं सबके पीजी में। हम लोग बिल्कुल अलर्ट हैं, बिल्कुल नहीं बख्शेंगे। आपको आगाह कर रहे हैं।
इस पर हमने जब छात्रों से बात कि तो सभी ने वीडियो को सही कहा। कहा की यह वीडियो इंद्रा विहार के पास का है। गुजरात से आए छात्र गौतम, जो मुखर्जी नगर में सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की, इसके साथ ही कई अन्य छात्रों ने भी इसको सही बताया।

गौतम ने कहा कि उन्हें भी यह वायरल मैसज मिला कि पुलिस ने सभी को पीजी खाली करने को कहा है। इसके बाद वो एकदम से हैरान हो गए वायरल मैसेज की कॉपी लेकर थाने गए और उनसे पूछा कि क्या यह उन लोगों ने जारी किया है?
गौतम ने कहा कि इस पर थाने में मौजूद पुलिस अधिकारी ने उनसे कहा कि यह उन्होंने ही जारी किया है, इस पर उन्होंने कहा कि वो इतनी दूर से आए हैं ऐसे कैसे चले जाएं।
इसके अलावा इलाके की अधिकतर लाइब्रेरी बंद हैं। हम करीब चार लाइब्रेरी में गए, सभी में ताले लगे थे। हम कई प्रसिद्ध कोचिंग संस्थानों में गए, अधिकतर बंद थे। जो खुले थे उनमे भी क्लास बंद थी, केवल ऑफिस खुले थे। हमने कई संस्थानों के मैनेजिंग डायरेक्टर से बात की उनसे घटना के बारे में पूछा, सभी ने पुलिस के फैसले पर खुलकर बातचीत की। लेकिन अधिकतर ने नाम न छापने की शर्त रखी।
उनके मुताबिक, पुलिस ने 24 घंटे में अपना बयान बदला है। मंगलवार को चलती क्लासेज के समय भी हमारे सेंटर में पुलिस पहुंची थी। उसने साफ किया कि कल यानी 25 दिंसबर से सभी क्लास बंद रहेगी। पुलिस ने तब भी कहा था कि लॉ एंड ऑर्डर की वजह से जैसा निर्देश हुआ है उसका पालन करें और आप लोग कल से इसे बंद रखें।
यही कारण है कि सभी कोचिंग संस्थानों के अधिकतर सेंटर बुधवार से ही बंद हैं।
एक कोचिंग के मार्केटिंग करने वाले नौजवान ने कहा कि दो तीन दिन से रोज पुलिस उनके सेंटर आ रही थी। यहां तक मुखर्जी नगर के ही एक नामी इंस्टिट्यूट के सेंटर टीचर को पुलिस थाने भी ले गई। क्योंकि उन्होंने अपनी कोचिंग को बंद करने से मना किया था।
मनोज आईएस एकेडमी में काउंसलर आरती ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि बाहर के लोगों से पुलिस ने कहा कि आप अपनी कोचिंग 2 तारीख तक बंद रखे। इससे पहले पीजी खाली कराए गए, जिससे बच्चे चले गए और जब बच्चे नहीं तो क्लास कैसे चलेगी?

आगे उन्होंने यह भी कहा कि इससे बच्चों का भारी नुकसान भी हो रहा है। मार्च में एग्जाम है लेकिन अभी क्लासेस बंद करा दी गई हैं।
कई लोगों ने हमें ऑन रिकॉर्ड कहा कि पुलिस ने उनके सामने कई कोचिंग्स को बंद कराया और साफ निर्देश दिए कि 2 तारीख तक सब बंद रहेंगे।
इस पूरी घटना से छात्रों का तो नुकसान हुआ ही है लेकिन हमने कई स्थानीय दुकानदारों से बात की। उनका भी कहना है कि बच्चों से ही उनका काम होता था लेकिन बच्चों के जाने से उनका काम ठप पड़ गया है। फोटो स्टेट की दुकान चलाने वाले विनय ने कहा कि काम बहुत कम हो गया है।

मुखर्जी नगर खाली कराने का असली कारण
दिल्ली सहित पूरे देश में CAA/NRC का जोरदार विरोध हो रहा है। इन विरोध प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में छात्र और नौजवान हिस्सा ले रहे हैं। इसलिए पुलिस ने कई जगहों से छात्रों को हटाया भी है, पहले भी हमने एएमयू में ऐसा ही देखा है। कई लोगों का मानना है कि मुखर्जी नगर में भी ऐसा हो सकता है।
इस पूरी घटना के संबंध में जब न्यूज़क्लिक ने लोगों से बात की तो पता चला कि आरडब्ल्यूए ने 21 दिसंबर को डीसीपी और मुखर्जी नगर थाने की पुलिस को लेटर लिखा था। जिसमें न्यू ईयर की रात मुखर्जी नगर में होने वाले हुड़दंग व छेड़छाड़ की घटनाओं का हवाला दिया गया था।

बता दें कि 31 दिंसबर 2017 को एक घटना हुई थी जो बाद में छात्र बनाम स्थानीय लोग का झगड़ा बन गया था। इस तरह की घटना न हो इसलिए पिछले साल भी न्यू ईयर से दो दिन पहले कोचिंग बंद किये गए थे। इस बार भी कई लोगों ने कहा कि यह भी एक वजह हो सकती है कि मुखर्जी नगर से छात्रों को हटाया जा रहा हो।
लेकिन इसको लेकर सभी सवाल कर रहे थे कि हफ़्ते भर के लिए बंद करना कितना उचित है। हालांकि पुलिस कह रही है कि उसने इस तरह का कोई फ़रमान नहीं दिया।
इसको लेकर एक शिक्षक ने कहा कि पुलिस ने इस पूरे मामले में सेफ गेम खेला है। एक ऐसा आदेश निकला जिसमें मुहर और हस्ताक्षर नहीं दिए और पूरे इलाके में फैला दिया। अब जब मामला मीडिया में आ गया तो पुलिस आसानी से कह रही है कि सब फेक है, जबकि सच्चाई यह है कि पुलिस ने खुद जा जाकर कोचिंग, पीजी और लाइब्रेरी बंद करवाए हैं।