दक्षिणपंथी, अति रूढ़िवादी और कट्टर फिलिस्तीनी विरोधी इजरायली नेता नफ्ताली बेनेट ने रविवार 30 मई को इजरायल की अगली सरकार बनाने के लिए येश एटिड पार्टी के नेता यायिर लापिड के साथ हाथ मिलाने के अपने फैसले की घोषणा की। बेनेट की इस घोषणा से दो साल से थोड़ा अधिक समय में लगातार पांचवां चुनाव होने से इजरायल बच सकता है।
इस गठबंधन की घोषणा से वर्तमान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का विवादास्पद, भ्रष्टाचार से ग्रस्त और अत्यंत कठोर शासन समाप्त हो जाएगा जो देश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले प्रधानमंत्री हैं।
इस गठबंधन के अंतिम विवरण की घोषणा अभी तक नहीं की गई है लेकिन इसमें राजनीतिक परिदृ्श्य से कई पार्टियों के शामिल होने की उम्मीद है जिसमें दक्षिणपंथी, वामपंथी और सेंटर पार्टियों के साथ-साथ पहली बार फिलिस्तीनी ज्वाइंट अरब लिस्ट शामिल होंगे। इज़रायल में किसी भी गठबंधन को 120 सीटों वाली संसद में बहुमत हासिल करने के लिए केसेट (इजरायल की संसद) के 61 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होती है।
नेतन्याहू-विरोधी गठबंधन के पास सरकार बनाने के लिए एक समझौते पर सहमत होने के लिए बुधवार आधी रात तक का समय है जिसके विफल होने पर इजरायल में एक बार फिर आम चुनाव कराने होंगे। हालांकि रिपोर्टों में कहा गया है कि बेनेट और लापिड पहले से ही एक समझौते पर सहमत हो गए हैं जिसमें दोनों बारी-बारी से प्रधानमंत्री के रूप में पद संभालेंगे। बेनेट पहले दो वर्षों तक पद पर रहेंगे।
लिकुड पार्टी के नेता और वर्तमान प्रधानमंत्री नेतन्याहू को सरकार बनाने के लिए दी गई 28 दिनों की समय सीमा के समाप्त होने के बाद लापिड को 6 मई को इजरायल के राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन ने सरकार बनाने के लिए कहा था। लेकिन कुछ ही दिनों बाद 10 मई को नेतन्याहू ने गाजा पर अपना क्रूर हमला शुरू कर दिया जिसके बाद सरकार गठन की बातचीत को रोक दिया गया।
इस बीच बेनेट के संभावित रूप से इजरायल के प्रधानमंत्री के रूप में पद संभालने की खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पैलेस्टाइन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) के एक अधिकारी ने कहा कि उनकी सरकार भी "अत्यंत दक्षिणपंथी" होगी और नेतन्याहू से कोई अलग नहीं होगी।