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इज़रायली सैनिकों ने वेस्ट बैंक में एक फ़िलिस्तीनी को मारी गोली, कई लोगों को किया गिरफ़्तार

अगवा हुए लोगों में दो किशोर लड़के थे जिन्हें इज़रायली सैनिकों ने क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में फ़िलिस्तीनी गांवों को अलग करने वाली अवैध अपार्थेड वाल के पास से उठाया था।
पीपल्स डिस्पैच
01 Sep 2021
/Israeli-soldiers-shot-a-Palestinian-in-the-West-Bank-many-people-arrested

इजरायली सुरक्षा बलों ने बुधवार की सुबह 1 सितंबर को और मंगलवार 31 अगस्त की रात से पहले कई छापेमारी में फिलिस्तीनी राजधानी रामल्ला के पश्चिम में बेत उर अल-तहता गांव के पश्चिमी प्रवेश द्वार पर एक सैन्य चौकी पर एक फिलिस्तीनी व्यक्ति को मार डाला वहीं दो नाबालिग लड़कों सहित कई अन्य फिलिस्तीनियों को उठा लिया।

मारे गए फिलीस्तीनी व्यक्ति की पहचान 39 वर्षीय राईद युसूफ रशीद जदल्ला के रूप में हुई है। उस पर इजरायली सैनिकों द्वारा उस समय हमला किया गया जब वह और अन्य फिलिस्तीनी कर्मचारी जो इजरायल में काम करते थे वह इजरायल की अपार्थेड वाल (apartheid wall) को पार करने और अपने-अपने गांवों में घर वापस जाने की कोशिश कर रहे थे।

रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि जदल्ला जिसे पांच गोली मारी गई थी और खून बहता हुआ जमीन पर छोड़ दिया गया था उसके पास से एक येरूसेलम आईडी कार्ड पाया गया था।

घटनास्थल पर मौजूद फिलीस्तीनी चिकित्सक उसके शव को अपने कब्जे में लिया और रामल्ला में एक फिलिस्तीनी अस्पताल ले गए। रामल्ला के पश्चिम में निलिन गांव के मुख्य प्रवेश द्वार पर एक सैन्य चौकी के पास इसी तरह की घटना में एक अन्य फिलिस्तीनी को इजरायली सैनिकों द्वारा कथित तौर पर गोली मार दी गई थी। यह अभी भी पता नहीं है कि सैनिकों द्वारा मारा गया व्यक्ति जिंदा है या उसकी मौत हो गई।

इजरायली बलों ने आज सुबह और कल रात कब्जे वाले वेस्ट बैंक में छापेमारी की, जिसमें 18 साल से कम उम्र के दो युवा सहित कुल पांच फिलिस्तीनियों का अपहरण किया गया।

इज़रायली सैनिकों ने रामल्ला के उत्तर में बिरज़ित शहर पर भी छापा मारा और शहर के फ़िलिस्तीनी निवासियों पर गैस बम, हथगोले और गोलियों का इस्तेमाल करके हमला किया। इसको लेकर प्रदर्शन हुआ और निहत्थे फिलिस्तीनियों से संघर्ष हुआ।

इजरायली सेना कब्जे वाले वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशेलम में नियमित रूप से इस प्रकार के हिंसक, दमनकारी आक्रमण और छापेमारी करती है ताकि फिलीस्तीनियों को अधीनता और डर के माहौल में अपने अधीन रखा जा सके और उन्हें इजरायली कब्जा के खिलाफ राजनीतिक और प्रतिरोधी गतिविधियों में भाग लेने से रोका जा सके। इन छापेमारी में हमले के परिणामस्वरूप हज़ारों फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं, कई हज़ार अन्य लोग घायल हुए हैं। इस छापेमारी से फ़लस्तीनी संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान का हुआ है साथ ही उनके घरों की अवैध रूप से तलाशी भी ली गई है और तोड़फोड़ की गई है।

Israeli
Palestinian
Israeli soldiers

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