NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
जम्मू-कश्मीर: बीएसएफ़, सीआइएसएफ़ अभ्यर्थियों का प्रदर्शन 60वें दिन पार, भाजपा के मंत्री पर झूठा आश्वासन देने का आरोप
इन नौकरियों के लिए निर्धारित सभी राउंड पास करने वाले युवा अभ्यर्थी जम्मू में भाजपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये प्रदर्शनकारी भाजपा पर उन्हें धोखा देने का आरोप लगा रहे हैं जिसने पदों की संख्या बढ़ाये जाने का झूठा आश्वासन दिया था।
सागरिका किस्सू
31 Mar 2021
Kashmir
Kashmir Pen

अर्धसैनिक बलों में नौकरी की मांग को लेकर बीएसएफ और सीआइएसएफ के अभ्यर्थी पिछले दो महीनों से जम्मू के त्रिकुटा नगर में स्थित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शनकारी युवाओं ने नौकरी पाने के सभी राउंड के लिए तय अर्हताओं को पार कर लिया है। अब वे भाजपा पर झूठे आश्वासनों के जरिये उन्हें “धोखा” देने का आरोप लगा रहे हैं। 

न्यूजक्लिक से बातचीत करते हुए उन प्रदर्शनकारी युवाओं में से एक करमजीत वर्मा ने कहा, “चुनाव के दौरान वे केवल रोजगार देने की बात करते हैं, कहां है रोजगार अब? हमारे प्रदर्शन के दो महीने हो गये, आज तक भाजपा कार्यालय से हमारी अपेक्षाओं के बारे में पूछने के लिए कोई नहीं आया।” करमजीत जम्मू के कठुआ जिले के निवासी हैं।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सदस्य जीतेन्द्र कुमार पर गंभीर आरोप लगाया, जिन्होंने पिछले साल जिला विकास परिषद के चुनाव के दौरान रिक्तियों की तादाद बढ़ाने और अधिक से अधिक रोजगार देने का वादा किया था। इसी के फलस्वरूप उन सभी युवाओं ने भाजपा को वोट दिया था।

दोहा जिले के नीरज ने बताया, “हम रिक्तियों में इजाफा करने की मांग इसलिए कर रहे थे क्योंकि वैकेंसी के आये दो साल पूरे हो गए और इनके पदों पर चयन की कई सारी औपचारिकताओं को पूरी करते-कराते कई छात्रों की उम्र भी पार कर गई है। लिहाजा, हम लोग इस बाबत केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह से मिले थे तो उन्होंने शर्त रखी कि अगर हम युवाओं ने भाजपा को वोट दिये तो 2,000 हजार और नई रिक्तियां मौजूदा रिक्तियों में जोड़ दी जाएंगी।”

बीएसएफ और सीआइएसएफ के 1,356 कांस्टेबलों के लिए 2018 में वैकेंसी निकली थी, जिसके लिए जम्मू और कश्मीर के लाखों युवाओं ने आवेदन किया था। इस बीच, पदों की तादाद में बढ़ोतरी की मांग उठाई गई। इस पर केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने इसके लिए आश्वासन भी दिया था। हालांकि फरवरी 2021 में जब अंतिम रूप से सफल अभ्यर्थियों की जो सूची जारी की गई उनमें बजाय 2,000 के मात्र 1,356 अभ्यर्थियों के ही नाम थे। इसने सूची के बाहर रह गये ऐसे छात्रों को, जिन्होंने फाइनल रांउड भी सफलतापूर्वक पार कर लिया था, उन्हें भाजपा दफ्तर के आगे प्रदर्शन करने पर मजबूर कर दिया। उनका प्रदर्शन आज भी जारी है।

नीरज ने कहा, “हम सभी इस चयन प्रक्रिया का पिछले तीन सालों से इंतजार कर रहे हैं, जिसको पूरा होने में छह महीने से ज्यादा समय लग गया है और अब हमलोग तो उस सूची में भी नहीं आ पाए हैं, जबकि हमने फाइनल रांउड भी पार कर लिया है।” 

इन प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को योग्यता की ऊंची दर करने का भी आरोप लगाया। राजौरी के एक युवक प्रदर्शनकारी ने अपना नाम न जाहिर करने के अनुरोध के साथ कहा,“यह एक कांस्टेबल का पद है और इसके चयन के मानदंड आपने इतने ऊंचे कर दिये हैं ताकि युवा इन्हें छोड़ कर चला जाए। इस पूरी प्रक्रिया में पूरे तीन साल लगे हैं, अपनी बढ़ती उम्र के कारण हम लोग अगली चयन प्रक्रिया में भी शामिल होने लायक नहीं रह गये हैं। हमें हुई इस क्षति की भरपाई कौन करेगा?”

डीडीसी चुनाव के मेनिफेस्टो में भाजपा ने 70,000 नौकरियां देने का वादा किया था और वे सभी की सभी स्थानीय नागरिकों को देने का वादा किया था। इसके साथ ही भाजपा ने निजी क्षेत्रों में भी रोजगार देने, उद्योग-मित्र नीति बनाने तथा जम्मू-कश्मीर में स्वच्छ, पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन देने का भी वादा किया था।

“कहां है वे नौकरियां? हम भाजपा के दफ्तर के आगे प्रदर्शन कर रहे हैं और इसका उन पर अभी तक कोई असर नहीं पड़ा है। क्या यह केवल डीडीसी चुनाव तक ही था?” प्रदर्शनकारियों में से एक पूछता है। 

पिछले महीने पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले  लिया था। उन्हें तभी छोड़ा गया जब बाकी प्रदर्शनकारियों में से अनेक ने उन्हें खदेड़े जाने के प्रयास के बावजूद वहां डटे रहे थे। प्रदर्शनकारियों के हिरासत में लिये जाने की विपक्षी दलों पर तीखी प्रतिक्रिया हुई। उन्होंने सरकार पर “युवा विरोधी” नीतियां अख्तियार करने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने न्यूज क्लिक को बताया कि उन पर आरोप लगाया जाता है कि वे विरोधी दलों से धन ले कर भाजपा की छवि खराब कराने के काम में लगे हैं। 

नीरज ने कहा, “हमने इस नौकरी के लिए तय सभी राउंड की परीक्षाएं पास कर ली हैं। हमने भाजपा को वोट दिया है। हमने वह सब कुछ किया है, जो वे हमसे चाहते थे और अब वे हम पर विपक्षियों से पैसे ले कर प्रदर्शन करने का आरोप लगा रहे हैं? आप जरा हमारी हालत पर एक नजर डालें, हम लोग फटी चटाइयों पर बैठ कर प्रदर्शन कर रहे हैं। हम यहां नौकरी पाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।” 

हालांकि प्रदर्शन के 60 दिन बीत गए हैं, लेकिन अभ्यर्थी अपनी मांगें पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रखने पर आमादा हैं।

करमजीत ने कहा, “या तो जितेन्द्र सिंह को यहां जनता के सामने आना चाहिए और कहना चाहिए कि उन्होंने वोट पाने के लिए वैकेंसी की तादाद बढ़ाने का झूठ बोला था। इससे उनका असल चेहरा सबके सामने आ जाएगा। अन्यथा उन्हें बाकी अन्य सभी अभ्यर्थियों को नियुक्त करने का प्रबंध करना चाहिए जिन्होंने सारी परीक्षाएं पास कर ली हैं। वे आखिरकार जनता का सेवक हैं, वे हमसे मिलने क्यों नहीं आते? क्या वे उन युवाओं से खौफजदा हैं जो राष्ट्र की सेवा करना चाहते हैं?”

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें ।

J&K-BSF-CISF-Aspirants-Protest-Crosses-60-Days-BJP-Minister-False-Assurances

Jammu and Kashmir
BSF
CISF
BJP
Jobs Crisis

Related Stories

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?

NEP भारत में सार्वजनिक शिक्षा को नष्ट करने के लिए भाजपा का बुलडोजर: वृंदा करात

नौजवान आत्मघात नहीं, रोज़गार और लोकतंत्र के लिए संयुक्त संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ें


बाकी खबरें

  • MGNREGA
    सरोजिनी बिष्ट
    ग्राउंड रिपोर्ट: जल के अभाव में खुद प्यासे दिखे- ‘आदर्श तालाब’
    27 Apr 2022
    मनरेगा में बनाये गए तलाबों की स्थिति का जायजा लेने के लिए जब हम लखनऊ से सटे कुछ गाँवों में पहुँचे तो ‘आदर्श’ के नाम पर तालाबों की स्थिति कुछ और ही बयाँ कर रही थी।
  • kashmir
    सुहैल भट्ट
    कश्मीर में ज़मीनी स्तर पर राजनीतिक कार्यकर्ता सुरक्षा और मानदेय के लिए संघर्ष कर रहे हैं
    27 Apr 2022
    सरपंचों का आरोप है कि उग्रवादी हमलों ने पंचायती सिस्टम को अपंग कर दिया है क्योंकि वे ग्राम सभाएं करने में लाचार हो गए हैं, जो कि जमीनी स्तर पर लोगों की लोकतंत्र में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए…
  • THUMBNAIL
    विजय विनीत
    बीएचयू: अंबेडकर जयंती मनाने वाले छात्रों पर लगातार हमले, लेकिन पुलिस और कुलपति ख़ामोश!
    27 Apr 2022
    "जाति-पात तोड़ने का नारा दे रहे जनवादी प्रगतिशील छात्रों पर मनुवादियों का हमला इस बात की पुष्टि कर रहा है कि समाज को विशेष ध्यान देने और मज़बूती के साथ लामबंद होने की ज़रूरत है।"
  • सातवें साल भी लगातार बढ़ा वैश्विक सैन्य ख़र्च: SIPRI रिपोर्ट
    पीपल्स डिस्पैच
    सातवें साल भी लगातार बढ़ा वैश्विक सैन्य ख़र्च: SIPRI रिपोर्ट
    27 Apr 2022
    रक्षा पर सबसे ज़्यादा ख़र्च करने वाले 10 देशों में से 4 नाटो के सदस्य हैं। 2021 में उन्होंने कुल वैश्विक खर्च का लगभग आधा हिस्सा खर्च किया।
  • picture
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अर्जेंटीना ने लिया 45 अरब डॉलर का कर्ज
    27 Apr 2022
    अर्जेंटीना की सरकार ने अपने देश की डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) के साथ 45 अरब डॉलर की डील पर समझौता किया। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License