NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
छात्रों के साथ खड़ा हुआ जेएनयू शिक्षक संघ; कुलपति और पुलिस कठघरे में
जेएनयू शिक्षक संघ ने कहा कि जेएनयू में हमला विश्वविद्यालय प्रशासन की मिलीभगत और पुलिस की निष्क्रियता के बिना संभव नहीं हो सकता था।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 Jan 2020
JNU

दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हमले के मामले में कुलपति अपने ही छात्रों के ख़िलाफ़ खड़े दिखाई दे रहे हैं, जबकि शिक्षकों ने छात्रों के साथ एकजुटता जाहिर की है। जेएनयू शिक्षक संघ ने बुधवार को कहा कि जेएनयू में हमला विश्वविद्यालय प्रशासन की मिलीभगत और पुलिस की निष्क्रियता के बिना संभव नहीं हो सकता था।

संघ ने कुलपति एम जगदीश कुमार के उस बयान पर भी हमला बोला, जिसमें उन्होंने छात्रों से “जो हुआ उसे भूलकर विश्वविद्यालय लौट आने“ की बात कही थी।

जेएनयू शिक्षक संघ ने कहा, ‘‘छात्र कैसे छात्रावासों और कक्षाओं में लौट सकते हैं, जबकि वे सुरक्षित महसूस नहीं करते? शिक्षक कैसे पढ़ाने आ सकते हैं, जब वे सुरक्षित महसूस नहीं करते?’’

संघ ने कहा कि छात्रों और संकाय से भूलने के लिए कहना और प्रशासनिक आतंक को सामान्य स्थिति मानने का निर्देश ‘‘जले पर नमक’’ है।

गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार रात लाठियों और लोहे की छड़ों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने परिसर में प्रवेश कर छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। बाद में प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी। इसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित कम से कम 35 लोग घायल हो गए थे। इस हमले में सीधा आरोप आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) पर आया है।

शिक्षक संघ ने कहा, ‘‘ भीड़ द्वारा हमला प्रशासन के सक्रिय सहयोग और दिल्ली पुलिस के निष्क्रियता के बिना संभव नहीं होता।’’

जेएनयू कुलपति एम जगदीश कुमार ने मंगलवार को छात्रों से कहा था कि वे बीती बातों को पीछे छोड़कर विश्वविद्यालय परिसर लौट आएं।

कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘सभी घायल छात्रों के प्रति मेरी संवेदना है। घटना (हिंसा) दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं छात्रों से कहना चाहूंगा कि जेएनयू परिसर एक सुरक्षित स्थान है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी छात्रों से आग्रह करता हूं कि वे परिसर लौट आयें। आइए हम बीती सभी बातों को पीछे छोड़ दें।’’

इस बीच कुलपति एम जगदीश कुमार पर केंद्र सरकार से जेएनयू परिसर को अस्थायी तौर पर बंद करने की सिफारिश का भी आरोप लगा है।

हालांकि कुलपति ने इससे इंकार करते हुए पीटीआई से कहा कि ऐसी कोई सिफारिश मानव संसाधन मंत्रालय से नहीं हुई है।

हालांकि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने जेएनयू के कुलपति से मुलाकात की है। मुलाकात का उद्देश्य विश्वविद्यालय परिसर में हालात सामान्य करने की दिशा में उठाए गए कदमों का जायजा लेनेा बताया जा रहा है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

JNU
JNUSU
JNUTA
Aishe Ghosh
Attack on JNU
JNU Protest
delhi police
M Jagadesh Kumar

Related Stories

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'

जहांगीरपुरी : दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता पर ही सवाल उठा दिए अदालत ने!

अदालत ने कहा जहांगीरपुरी हिंसा रोकने में दिल्ली पुलिस ‘पूरी तरह विफल’

जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!

मोदी-शाह राज में तीन राज्यों की पुलिस आपस मे भिड़ी!

पंजाब पुलिस ने भाजपा नेता तेजिंदर पाल बग्गा को गिरफ़्तार किया, हरियाणा में रोका गया क़ाफ़िला


बाकी खबरें

  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते
    29 May 2022
    उधर अमरीका में और इधर भारत में भी ऐसी घटनाएं होने का और बार बार होने का कारण एक ही है। वही कि लोगों का सिर फिरा दिया गया है। सिर फिरा दिया जाता है और फिर एक रंग, एक वर्ण या एक धर्म अपने को दूसरे से…
  • प्रेम कुमार
    बच्चे नहीं, शिक्षकों का मूल्यांकन करें तो पता चलेगा शिक्षा का स्तर
    29 May 2022
    शिक्षाविदों का यह भी मानना है कि आज शिक्षक और छात्र दोनों दबाव में हैं। दोनों पर पढ़ाने और पढ़ने का दबाव है। ऐसे में ज्ञान हासिल करने का मूल लक्ष्य भटकता नज़र आ रहा है और केवल अंक जुटाने की होड़ दिख…
  • राज कुमार
    कैसे पता लगाएं वेबसाइट भरोसेमंद है या फ़र्ज़ी?
    29 May 2022
    आप दिनभर अलग-अलग ज़रूरतों के लिए अनेक वेबसाइट पर जाते होंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे पता लगाएं कि वेबसाइट भरोसेमंद है या नहीं। यहां हम आपको कुछ तरीके बता रहें हैं जो इस मामले में आपकी मदद कर…
  • सोनिया यादव
    फ़िल्म: एक भारतीयता की पहचान वाले तथाकथित पैमानों पर ज़रूरी सवाल उठाती 'अनेक' 
    29 May 2022
    डायरेक्टर अनुभव सिन्हा और एक्टर आयुष्मान खुराना की लेटेस्ट फिल्म अनेक आज की राजनीति पर सवाल करने के साथ ही नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र के राजनीतिक संघर्ष और भारतीय होने के बावजूद ‘’भारतीय नहीं होने’’ के संकट…
  • राजेश कुमार
    किताब: यह कविता को बचाने का वक़्त है
    29 May 2022
    अजय सिंह की सारी कविताएं एक अलग मिज़ाज की हैं। फॉर्म से लेकर कंटेंट के स्तर पर कविता की पारंपरिक ज़मीन को जगह–जगह तोड़ती नज़र आती हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License