NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
कोयला खदानों की नीलामी और मज़दूर विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ तीन दिन की हड़ताल का व्यापक असर
कोयला क्षेत्र के निजीकरण के ख़िलाफ़ 2 से 4 जुलाई की कोयला मज़दूरों के हड़ताल के समर्थन में झारखंड के सभी वामपंथी दलों व संगठनों ने 3 जुलाई को राजभवन के समक्ष संयुक्त प्रदर्शन किया।
अनिल अंशुमन
04 Jul 2020
कोयला क्षेत्र के निजीकरण के ख़िलाफ़

झारखंड प्रदेश के 41 कोयला खदानों की नीलामी समेत देश के सभी सार्वजनिक क्षेत्र को निजी कंपनियों के हवाले किये जाने समेत मोदी सरकार की मज़दूर विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ 2 से 4 जुलाई की कोयला हड़ताल असरदार रही है। इसके समर्थन में सभी केन्द्रीय मज़दूर संगठनों द्वारा 3 जुलाई को आहूत राष्ट्रव्यापी विरोध में देश के विभिन्न राज्यों के अनेक शहरों में आन्दोलनकारी सड़कों पर उतरे।

कोल इंडिया की अनुसंगी ईकाई सीसीएल व बीसीसीएल की झारखंड स्थित लगभग सभी कोलियरियों में कोयला मज़दूर यूनियनों के तीन दिवसीय प्रतिवाद हड़ताल को ज़ोरदार ढंग से सफल बनाने की ख़बर है। 

कोयला की राजधानी कहे जानेवाले धनबाद की मुगमा – कुमारधुबी समेत कई अन्य कोलियरियों में सुबह से ही कोयला मज़दूरों ने –‘ कंपनियों से यारी, मज़दूरों से गद्दारी नहीं चलेगी’ के नारे लगाते हुए सारे काम काज ठप्प कर कोलियरियों के गेट पर विरोध प्रदर्शन किया।

koyla 14.jpg

कोयलांचल के ही बोकारो जिला स्थित गोमिया – बेरमो के अलावे रामगढ़ – हजारीबाग जिलों के सीसीएल की आरा , कुजू , सिरका व गिद्दी कोलियरियों में व्यापक मज़दूरों हड़ताल पर रहे।

इलाके के चर्चित मज़दूर नेता कोल माइंस वर्कर्स यूनियन के बैजनाथ मिस्त्री ने केन्द्रीय कोयला मंत्री द्वारा कोयला खदान नीलामी को आत्मनिर्भर भारत के लिए नयी उम्मीद कहे जाने को देश के कोयला मज़दूरों की साथ साथ जनता के साथ खुली गद्दारी कहा। साथ ही यह भी बताया कि जिन कोयला मज़दूरों ने संसदीय चुनाव में मोदी जी की देशहित के जुमलों में फंसकर बढ़ चढ़ कर उन्हें वोट दिया था आज ठगा हुआ महसूस कर रहें हैं। पुराने समय के निजी कोलियरियों व उनके मालिकों के अमानवीय शोषण और गुलामी भरा जीवन आज भी यहाँ के लोगो को एक दु:स्वप्न की तरह याद है।

मोदी सरकार द्वारा कोयला उद्योग को घाटे से उबारकर व्यापक लोगों को रोज़गार देने की बात पूरी तरह से झूठ है क्योंकि अधिकांश कोलियारियाँ लगातार राष्ट्र को मुनाफ़ा दे रहीं हैं। ऐसे में इनका निजीकरण होने से काम धंधा छूट जाने और निजी खदान मालिकों की बन्धुवागिरी थोपे जाने से स्थिति से सभी काफी चिंतित हैं। इसलिए सारे कोयला मज़दूर मोदी सरकार से आर पार की लड़ाई का मन बना रहें हैं। कई कोलियरियों में इस बार उनसे ऊपर स्तर के कर्मचारियों के भी हडताली मज़दूरों को समर्थन देने की खबर है।

koyla 3.jpg

बरकाकाना स्थित केन्द्रीय वर्कशॉप के हड़ताली कोयला मज़दूर प्रतिनिधियों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्र के औद्योगिक विकास के नाम पर हमारे पुरखों से ज़मीनें छीनकर और हज़ारों–हज़ार आदिवासी – मूलवासी रैयत किसानों को विस्थापित कर कोलियरियाँ बनायी गयीं। अब उसे औने पौने दामों पर निजी कंपनियों के हवाले किया जाना, सरासर धोखा और विश्वासघात है।

कोयला क्षेत्र के निजीकरण के ख़िलाफ़ 2 से 4 जुलाई की कोयला मज़दूरों के हड़ताल के समर्थन में झारखंड के सभी वामपंथी दलों व संगठनों ने 3 जुलाई को राजभवन के समक्ष संयुक्त प्रदर्शन किया। अभियान का नेतृत्व कर रहे वाम पार्टियों के नेताओं ने मोदी शासन पर आरोप लगाया कि लॉकडाउन बंदी और कोरोना महामारी से उपजी भूख – बेकारी – महंगाई की आफत से निजात दिलाने की बजाय वह इसका नाजायज़ फायदा उठाने में ही जुटी हुई है। इस प्रतिवाद में प्रदेश के बैंक व अन्य सेक्टरों की यूनियनों के प्रतिनिधि मज़दूर– कर्मचारी भी शामिल हुए।

3 जुलाई को ही रांची स्थित कोल इंडिया के क्षेत्रीय मुख्यालय दरभंगा हाउस के समक्ष संयुक्त ट्रेड यूनियनों द्वारा विरोध प्रदर्शित कर कॉमर्शियल माईनिंग के नाम पर कोयला उद्योग की नीलामी का कड़ा विरोध किया गया।

wirodh i.jpg

राजधानी स्थित देश के भारी उद्योग संस्थान एचईसी मुख्यायल के समक्ष हटिया मज़दूर यूनियन के तत्वावधान में मज़दूरों ने मोदी सरकार द्वारा सभी सार्वजनिक उपक्रमों को बेचे जाने व कोल माइनिंग की नीलामी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया।

ख़बरों के अनुसार 3 जुलाई को ही दिल्ली , यूपी , पश्चिम बंगाल , ओड़िसा , पंजाब और छत्तीसगढ़ समेत देश के कई राज्यों में संयुक्त केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों ने कोयला मज़दूरों की हड़ताल के सक्रिय समर्थन में सड़कों पर विरोध प्रदर्शित किया। साथ ही मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों व मज़दूर अधिकारों पर किये जा रहे हमलों के ख़िलाफ़ राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस मनाया।

बनारस में गोश्त कारोबारी , दर्जी समाज , ऑटो – रिक्शा चालक व घरेलू कामगार महिलाओं ने भी राष्ट्रव्यापी विरोध में अपनी भागीदारी निभाई।  

koyla 1.jpg

बिहार की राजधानी पटना सहित कई जिलों में इस अभियान के तहत सभी संयुक्त ट्रेड यूनियनों द्वारा  ‘ मोदी – नीतीश सरकार होश में आओ – सभी श्रम कानूनों पर से रोक हटाओ , काम के घंटे बढ़ाना बंद करो , आशा वर्करों को धमकी नहीं पूरा वेतन और सरकारी कर्मचारियों का दर्जा दो कि मांगों के साथ प्रदर्शन किया गया।

आन्दोलनकारियों ने मोदी सरकार पर खुला आरोप लगाया कि कोरोना आपदा से बढ़ते संकट की घड़ी में भी वह देश को आर्थिक संकट से उबारने के नाम पर तमाम प्राकृतिक – खनिज संसाधनों और देश को मुनाफ़ा दे रहे सभी सरकारी उपक्रमों को कॉर्पोरेट – निजी कंपनियों के हाथों बेचने पर आमादा है। निजी कंपनियों द्वारा मज़दूरों कि जान खतरे में डालकर मुनाफा कारोबार नहीं चलने दिया जाएगा।

कोरोना महामारी चिकित्सा कार्य में लगे सभी डाक्टरों और चिकित्साकर्मियों अविलम्ब सुरक्षा किट उपलब्ध कराने कि मांग करते हुए अधिक वेतन – भत्ता देने की भी मांग की गयी।

‘ रेल, कोयला, टेलीकॉम, बैंक–बीमा सेक्टरों में निजी कंपनियों को लूट की छूट बंद करो ! निजीकरण – कौर्पोरेटीकरण धोखा है , धक्का मारो मौक़ा है ! के नारों के साथ विरोध प्रदर्शित कर रहे आन्दोलनकारियों के साथ कई स्थानों पर पुलिस से छिटपुट झड़प की भी सूचना है।

खबर यह भी है कि कोयला और रेलवे के बाद रक्षा क्षेत्र के कर्मचारी भी सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा से सीधे जुड़े इस संवेदनशील उपक्रम के निजीकरण के ख़िलाफ़ आन्दोलन कि तैयारी में हैं।..... जो ये दिखला रहा है कि देश भर के मज़दूर वर्तमान सरकार की चीन विवाद – युद्धोन्माद की आड़ में देश की अर्थ व्यवस्था के निजीकरण के ख़िलाफ़ ज़ोरदार आवाज़ उठाने को कमर कस रहें हैं !

Jharkhand
coal mines
Coal workers
workers protest
Privatization of coal sector
CCL
BCCL
Coal India
AICCTU
CITU

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन

मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

#Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान

जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License