NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
राजद्रोह के मामले में पत्रकार विनोद दुआ की गिरफ़्तारी पर रोक, लेकिन जांच पर रोक से इंकार
शीर्ष अदालत ने कहा कि दुआ को जांच में शामिल होना पड़ेगा और हिमाचल प्रदेश पुलिस की ओर से चल रही जांच पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी।
भाषा
14 Jun 2020
विनोद दुआ
Image courtesy: Twitter

नयी दिल्ली: पत्रकार विनोद दुआ को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने रविवार को एक विशेष सुनवाई में आदेश दिया कि दुआ के यूट्यूब शो को लेकर हिमाचल प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले में राज्य पुलिस उन्हें छह जुलाई तक गिरफ्तार नहीं करेगी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि दुआ को जांच में शामिल होना पड़ेगा और हिमाचल प्रदेश पुलिस की ओर से चल रही जांच पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी। अदालत ने कहा कि दुआ को वीडियो कॉन्फ्रेंस या ऑनलाइन तरीके” से जैसा कि उन्होंने पेशकश की है, जांच में शामिल होना होगा।

न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायमूर्ति एम एम शांतनगौडर और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने राजद्रोह के मामले को रद्द करने की मांग वाली दुआ की याचिका पर केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार को नोटिस भेजे तथा दो सप्ताह में जवाब देने को कहा और मामले में सुनवाई की अगली तारीख छह जुलाई को तय की।

पीठ ने कहा, “अगले आदेश तक मौजूदा अपराध के सिलसिले में याचिकाकर्ता (दुआ) को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।”

न्यायालय ने कहा, “हालांकि याचिकाकर्ता (दुआ) जैसा कि उन्होंने 12 जून के अपने संवाद में पेशकश की है, वीडियो कॉन्फ्रेंस या ऑनलाइन माध्यम से जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे, हिमाचल प्रदेश पुलिस जांच करने और 24 घंटे पहले नोटिस देकर याचिकाकर्ता से उनके घर पर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए पूछताछ के लिये स्वतंत्र है।”

पीठ ने कहा कि संबंधित जांच अधिकारी को अदालत द्वारा खुले रूप से सुनवाई शुरू किये जाने के बाद व्यक्तिगत रूप से पेश होना होगा या फिर अदालत द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई किये जाने के दौरान भी उन्हें उपलब्ध रहना होगा।

पीठ ने इस बीच दुआ को निर्देश दिया कि वे अपनी याचिका में शिकायतकर्ता अजय श्याम को भी पक्ष बनाएं और भाजपा नेता को भी छह जुलाई के लिये नोटिस जारी किया।

शिमला में पुलिस ने एक स्थानीय भाजपा नेता की राजद्रोह की शिकायत पर पूछताछ के लिए दुआ को उपस्थित होने को कहा था।

भाजपा की महासू इकाई के अध्यक्ष अजय श्याम द्वारा पिछले महीने दाखिल शिकायत के आधार पर दुआ के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 124ए (राजद्रोह), 268 (सार्वजनिक अव्यवस्था से संबंधित), 501 (अपमानजनक समझी जाने वाली सामग्री का मुद्रण) और 505 (सार्वजनिक उपद्रव को भड़काने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

राष्ट्रीय राजधानी में दर्ज कराई गयी शिकायत की तरह ही शिमला में वरिष्ठ पत्रकार के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी भी इस साल दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों से जुड़े उनके यूट्यूब शो से संबंधित है।

शिकायत के अनुसार दुआ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वोट हासिल करने के लिए ‘मौतों और आतंकी हमलों’ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।

दुआ की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि राजद्रोह का मामला दर्ज करके पत्रकार के बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी के मौलिक अधिकार का हनन किया गया है।

सिंह ने कहा कि अगर लोगों के खिलाफ इस तरह के आरोप दर्ज होने लगे तो कई लोग राजद्रोह के आरोपों के दायरे में आ जाएंगे।

उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता अदालत को अपने शो की वीडियो क्लिप दिखाना चाहते हैं।

पीठ ने अंतरिम राहत देते हुए कहा कि वह मामले के विवरण में नहीं जा रही और जांच पर रोक भी नहीं लगाएगी।

केंद्र तथा राज्य सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने नोटिस को स्वीकार किया और कहा कि वह दो सप्ताह में जवाब दाखिल करेंगे।

दुआ की याचिका में छह मई को उनके खिलाफ हिमाचल प्रदेश में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गयी है और कहा गया है कि उन्हें ‘उत्पीड़न’ के लिए क्षतिपूर्ति दी जाए।

उन्होंने शीर्ष अदालत से यह निर्देश भी जारी करने की मांग की है कि ‘‘आगे से मीडिया से जुड़े कम से कम दस साल की प्रतिष्ठा रखने वाले लोगों के खिलाफ प्राथमिकी तब तक नहीं दर्ज की जाए जब तक राज्य सरकार द्वारा गठित समिति उसे मंजूरी नहीं दे। प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा गठित इस समिति में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा मनोनीत न्यायाधीश, विपक्ष के नेता और राज्य के गृह मंत्री होने चाहिए।’’

याचिका में कहा गया है ‘‘शीर्ष अदालत राज्यों में सत्तारूढ़ पार्टी से पुलिस के दूरी बनाकर रखने पर जोर दे रही है, लेकिन अनेक राज्यों में सत्तारूढ़ कोई भी बड़ा राजनीतिक दल पुलिस पर से नियंत्रण छोड़ने को तैयार नहीं है।’’

इसमें दावा किया गया है, ‘‘मीडिया के खिलाफ हाल ही में प्रवृत्ति देखने को मिली है कि राज्य सरकारें जब किसी विशेष प्रसारण को अपनी राजनीतिक विचारधाराओं से तालमेल वाला नहीं पातीं तो मीडिया के लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाती हैं और ऐसा प्रमुख रूप से उनका उत्पीड़न करने और उन्हें धमकाने के लिए किया जाता है ताकि वे सरकार के अनुसार चलें या पुलिस की कार्रवाई का सामना करें।’’

इसमें दलील दी गयी है कि दुआ के खिलाफ प्राथमिकी और ऐसे कदम उनके मौलिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।

इसमें शीर्ष अदालत से मीडिया से जुड़े लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने के लिए दिशा-निर्देश तय करने के लिए निर्देश देने की मांग की गयी है।

याचिका में दावा किया गया है कि प्राधिकारों की ओर से मीडिया को चुप करने के लिए समन्वित प्रयास हो रहे हैं, जो उन्हें शोभा नहीं देता।

इसमें आरोप लगाया गया है कि दुआ के खिलाफ प्राथमिकी राजनीति से प्रेरित हैं और महज कोविड-19 के मौजूदा समय में केंद्र सरकार के कामकाज के आलोचनात्मक मूल्यांकन से ध्यान हटाने के लिए दायर की गयी है।

याचिका में कहा गया है कि दुआ वरिष्ठ नागरिक हैं जिन्हें उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियां हैं और अगर पुलिस उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर कार्रवाई करती है तो यह कोविड-19 के समय उनकी जान को गंभीर रूप से खतरे में डालना होगा।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले ही दुआ के खिलाफ एक अन्य प्रकरण में जांच पर रोक लगा दी थी। वह मामला भी यूट्यूब पर उनके शो से जुड़ा था।

दुआ को बृहस्पतिवार को नोटिस भेजकर शिमला पुलिस के समक्ष पेश होने को कहा गया था। हिमाचल प्रदेश पुलिस के अधिकारी शुक्रवार सुबह नोटिस थमाने उनके दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचे।

नोटिस के जवाब में दुआ ने कहा कि वह सेहत, उम्र और यात्रा संबंधी कोविड-19 के प्रोटोकॉल की वजह से कुमारसाईं थाने नहीं जा सकते।

भाजपा नेता अजय श्याम ने शिकायत की थी कि दुआ ने 30 मार्च को अपने 15 मिनट के यूट्यूब शो में अजीबोगरीब आरोप लगाये थे।

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि दुआ ने झूठी और दुर्भावनापूर्ण खबरें प्रसारित करके सरकार तथा प्रधानमंत्री के खिलाफ हिंसा को उकसाया।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भाजपा प्रवक्ता नवीन कुमार द्वारा दर्ज ऐसी ही एक शिकायत के मामले में जांच पर बुधवार को 23 जून तक रोक लगा दी थी।

अदालत ने कहा था कि शिकायत दाखिल करने में करीब तीन महीने की देरी हुई जिसकी कोई वजह नहीं बताई गयी।

vinod dua
Journalist Vinod Dua
Treason case
journalist
Media

Related Stories

डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा

राज्यसभा सांसद बनने के लिए मीडिया टाइकून बन रहे हैं मोहरा!

आर्यन खान मामले में मीडिया ट्रायल का ज़िम्मेदार कौन?

विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी

धनकुबेरों के हाथों में अख़बार और टीवी चैनल, वैकल्पिक मीडिया का गला घोंटती सरकार! 

नागरिकों से बदले पर उतारू सरकार, बलिया-पत्रकार एकता दिखाती राह

बलिया पेपर लीक मामला: ज़मानत पर रिहा पत्रकारों का जगह-जगह स्वागत, लेकिन लड़ाई अभी बाक़ी है

जीत गया बलिया के पत्रकारों का 'संघर्ष', संगीन धाराएं हटाई गई, सभी ज़मानत पर छूटे

बलिया: पत्रकारों की रिहाई के लिए आंदोलन तेज़, कलेक्ट्रेट घेरने आज़मगढ़-बनारस तक से पहुंचे पत्रकार व समाजसेवी

पत्रकारों के समर्थन में बलिया में ऐतिहासिक बंद, पूरे ज़िले में जुलूस-प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License