NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कर्नाटक: मुख्यमंत्री येदियुरप्पा का इस्तीफ़ा
चार बार मुख्यमंत्री बनने के बावजूद येदियुरप्पा कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
भाषा
26 Jul 2021
कर्नाटक: मुख्यमंत्री येदियुरप्पा का इस्तीफ़ा

बेंगलुरु: बी एस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सोमवार को राज्यपाल थावरचंद गहलोत को सौंप दिया।

येदियुरप्पा ने राजभवन में गहलोत को इस्तीफा सौंपा। उन्होंने बताया कि उनका त्याग पत्र स्वीकार कर लिया गया है।

इससे कुछ ही घंटों पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 78 वर्षीय नेता ने कहा था कि वह मध्याह्न भोजन के बाद राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप देंगे।

येदियुरप्पा ने भावुक होते हुए एवं रुंधे गले से कहा था, ‘‘मेरी बात को अन्यथा मत लीजिएगा, आपकी अनुमति से... मैंने फैसला किया है कि मैं मध्याह्न भोजन के बाद राजभवन जाऊंगा और मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौपूंगा।’’

उन्होंने कहा था, ‘‘मैं दु:खी होकर नहीं, बल्कि खुशी से ऐसा कर रहा हूं।’’

येदियुरप्पा ने 75 साल से अधिक आयु होने के बावजूद उन्हें दो साल मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का धन्यवाद किया। भाजपा में 75 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को निर्वाचित कार्यालयों से बाहर रखने का अलिखित नियम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्रीय नेताओं की उम्मीदों के मुताबिक पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। येदियुरप्पा ने यहां विधान सौध में अपनी सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही।

येदियुरप्पा ने भाषण के दौरान कहा कि उन्होंने दो साल कठिन परिस्थितियों में राज्य सरकार का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि उन्हें शुरुआती दिनों में मंत्रिमंडल के बिना प्रशासन चलाना पड़ा और इसके बाद राज्य को विनाशकारी बाढ़ और कोरोना वायरस समेत कई समस्याएं झेलनी पड़ीं।

येदियुरप्पा बने ‘मोदी के सबसे ताजा शिकार’, ‘जबरन सेवानिवृत्ति क्लब’ में शामिल किए गए: कांग्रेस

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘जबरन सेवानिवृत्ति क्लब’ में शामिल किए गए येदियुरप्पा प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबसे ताजा शिकार’ हैं।

पार्टी महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि चेहरा बदलने से कर्नाटक में भाजपा का ‘भ्रष्ट चरित्र’ नहीं बदलने वाला है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सिर्फ चेहरा बदलने से भाजपा का भ्रष्ट चरित्र नहीं बदलने वाला है। सच्चाई यह है कि मोदी जी आदततन वरिष्ठ भाजपा नेताओं को अपमानित करते हैं और उन्हें इतिहास के कूड़ेदान में डाल देते हैं।’’

सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘मोदी जी का रिकॉर्ड है कि उन्होंने आडवाणी जी, मुरली मनोहर जोशी जी, केशूभाई पटेल जी, शांता कुमार जी, यशवंत सिन्हा जी और कई अन्य लोगों की जबरन सेवानिवृत्ति करवाई। मोदी जी के शिकार भाजपा नेताओं में सुमित्रा महाजन, सुषमा स्वराज, उमा भारती, सीपी ठाकुर , एके पटेल, हरेन पांड्या, हरीन पाठक और कल्याण सिंह भी हैं। इनमें सबसे ताजा नाम हर्षवर्धन, रविशंकर प्रसाद और सुशील मोदी का है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इस्तीफा देने के लिए आदेश देकर मोदी जी द्वारा येदियुरप्पा को अपमानित किया गया है। वह मोदी जी के सबसे ताजा शिकार हैं और ‘जबरन सेवानिवृत्ति क्लब’ के सदस्य बने हैं। हम जानते हैं कि अब भाजपा के विधायक नहीं, बल्कि दिल्ली का अधिनायकवाद मुख्यमंत्री का फैसला करता है।’’

येदियुरप्पा का राजनीतिक सफ़र

बेंगलुरू: चार बार मुख्यमंत्री बनने के बावजूद येदियुरप्पा कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।

यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि राज्य में दशकों से पार्टी का प्रमुख चेहरा रहे 78 वर्षीय लिंगायत नेता की राजनीतिक पारी समाप्त हो गई है। सरकारी लिपिक से हार्डवेयर स्टोर के मालिक और चार बार के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने राजनीति की कठिर डगर को नापा है। दो वर्ष पहले कानूनी लड़ाई और हफ्तों चले राजनीतिक ड्रामे के बाद वह सत्ता में आए थे और वर्तमान कार्यकाल समाप्त होने के दो वर्ष के पहले ही उन्हें पद छोड़ना पड़ा है।

दक्षिण भारत में भाजपा की पहली सरकार बनाने के मुख्य कर्ता-धर्ता येदियुरप्पा को प्रथमदृष्ट्या उम्र के कारण शीर्ष पद से हटना पड़ा। भाजपा में एक अलिखित नियम है कि 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को चुनाव की राजनीति से अलग कर दिया जाता है और आलाकमान ने भी 2023 में होने वाले चुनाव से पहले नये नेतृत्व के लिए रास्ता साफ किया है।

उनके पद से हटने के अन्य कारणों में पार्टी के अंदर असंतोष भी है और उनके कामकाज के कथित ‘‘अधिनायकवादी’’ रवैये की शिकायत होती रही है। साथ ही प्रशासन में उनके छोटे बेटे और भाजपा उपाध्यक्ष बी वाई विजयेन्द्र के कथित हस्तक्षेप और भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं।

येदियुरप्पा नवंबर 2007 में पहले कार्यकाल में सात दिनों तक मुख्यमंत्री रहे, मई 2008 से तीन वर्ष दो महीने के लिए मुख्यमंत्री बने, मई 2018 में तीन दिनों के लिए वह मुख्यमंत्री बने और फिर 26 जुलाई 2019 से दो वर्षों तक मुख्यमंत्री का उनका चौथा कार्यकाल रहा।

आरएसएस के स्वयंसेवक रहे बूकनकेरे सिद्धलिंगप्पा येदियुरप्पा का जन्म 27 फरवरी 1943 को मांड्या जिले के के. आर. पेट तालुका के बूकनकेरे में हुआ था।

अपने अनुयायियों में ‘‘राजा हुली’’ के नाम से विख्यात येदियुरप्पा महज 15 वर्ष की उम्र में आरएसएस से जुड़ गए और जनसंघ के साथ शिवमोगा जिले में गृह नगर शिकारीपुरा से राजनीतिक पारी की शुरुआत की। वह 1970 के दशक की शुरुआत में जनसंघ के, शिकारीपुरा तालुका के प्रमुख बने।

येदियुरप्पा ने शिकारीपुरा में पुरसभा अध्यक्ष के तौर पर अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत की, 1983 में ही शिकारीपुरा से वह विधानसभा में पहली बार चुने गए और फिर वहां से आठ बार विधायक बने।

कर्नाटक में भाजपा के विकास का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है। वह पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष रहे, विधानसभा में विपक्ष के नेता बने, विधान परिषद् के सदस्य बने और फिर संसद के लिए भी चुने गए।

कला में स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले येदियुरप्पा आपातकाल के दौरान जेल गए, समाज कल्याण विकास विभाग में लिपिक के पद पर काम किया, शिकारीपुरा की चावल मिल में भी लिपिक रहे और फिर शिवमोगा में उन्होंने अपनी हार्डवेयर की दुकान खोल ली।

उनकी शादी मैत्रादेवी से पांच मार्च 1967 को हुई जो उस चावल मिल मालिक की बेटी थीं जहां येदियुरप्पा काम करते थे। येदियुरप्पा के दो बेटे और तीन बेटियां हैं।

उनके बड़े बेटे बी.वाई. राघवेंद्र शिवमोगा लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं।

karnataka
B. S. Yediyurappa
B. S. Yediyurappa resigns
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License