NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कर्नाटक: केएसआरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल के छठे दिन ‘थालियां बजायी गयीं’
चार राज्य के स्वामित्व वाले सड़क परिवहन निगम के 1.37 लाख कर्मचारियों में से ज़्यादातर कर्मचारी छठे वेतन आयोग की सिफ़ारिशों के मुताबिक़ वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।
पृथ्वीराज रूपावत
13 Apr 2021
कर्नाटक: केएसआरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल के छठे दिन ‘थालियां बजायी गयीं’

नई दिल्ली: सोमवार को वेतन में संशोधन की मांग कर रहे कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का छठा दिन था।कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन श्रमिकों के परिवार के लाखों लोगों ने "सरकारी असंवेदनशीलता" के विरोध में तहसीलदारों और डिप्टी कमिश्नरों के दफ़्तरों के बाहर थालियां(प्लेटें) बजायीं। हालांकि, राज्य सरकार ने इस हड़ताल को "अवैध" घोषित कर दिया है और श्रमिकों को उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

7 अप्रैल को हड़ताल शुरू होने के बाद भाजपा की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने आम लोगों की परिवहन ज़रूरतों को पूरा करने के लिए निजी परिवहन के सभी साधनों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी थी। हालांकि,स्थानीय समाचार रिपोर्टों के मुताबिक़, सार्वजनिक परिवहन सुविधायें नहीं मिलने और भाड़े में बढ़ोत्तरी के चलते नागरिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

चार राज्यों के स्वामित्व वाले सड़क परिवहन निगमों-कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC), उत्तर-पूर्व कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (NEKRTC), उत्तर पश्चिम सड़क परिवहन निगम (NWRTC) और बेंगलुरु महानगर परिवहन निगम (BMTC) के 1.37 लाख कर्मचारियों में से ज़्यातर कर्मचारी छठे वेतन आयोग (जनवरी 2020 से शुरू) के मुताबिक़ वेतन में संशोधन की मांग करते हुए हड़ताल में भाग ले रहे हैं।

राज्य सरकार और केएसआरटीसी प्रबंधन अपने इस रुख पर अड़े रहे हैं कि वेतन को संशोधित नहीं किया जायेगा। मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने कथित तौर पर कहा, “हमें मालूम हैं कि स्थिति का सामना कैसे करना है। कोई समझौता नहीं होगा। हड़ताल पर गये कर्मचारियों के वेतन जारी नहीं किये जायेंगे। सरकार उन कर्मचारियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने के लिए आगे बढ़ेगी, जो काम पर नहीं लौटते हैं और वे अपनी दुर्दशा के लिए ख़ुद ही दोषी होंगे।"

इन चार एसटीसी के प्रबंधन ने इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने और इसे आयोजित करने को लेकर 350 प्रशिक्षुओं और कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। प्रबंधन ने उन कर्मचारियों के वेतन को भी रोक दिया है,जो काम पर नहीं आये थे।

भारतीय व्यापार संघ (CITU) की राज्य इकाई के नेता के.प्रकाश ने कहा, “श्रमिकों और सरकार के बीच गतिरोध बातचीत के ज़रिये ही ख़त्म होगा। वे श्रमिकों को महज़ धमकी नहीं दे सकते,उन्हें समस्या का हल करना होगा।”

राज्य भर में विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले यूनियन-केएसआरटीसी लीग के मुताबिक़, सोमवार को श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों ने तहसीलदारों और ज़िला आयुक्तों के दफ़्तरों के सामने विरोध प्रदर्शन किया और अपनी मांगों का विवरण देते हुए ज्ञापन सौंपे।

इस बीच,कांग्रेस और वामपंथी दलों सहित विपक्षी दल भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गये हैं।

जयनगर से कांग्रेस विधायक सौम्या रेड्डी ने कहा कि चल रही हड़ताल पिछले छह महीनों में कर्मचारियों की दूसरी हड़ताल है।उन्होंने प्रेस में जारी अपने बयान में कहा,“इस हड़ताल के चलते लोग ऑटो, टैक्सी या कैब जैसे परिवहन के अन्य साधनों पर निर्भर हैं, जो कि कोविड के मामलों में हो रही वृद्धि को देखते हुए ख़तरनाक है। सरकार इस संवेदनशील मुद्दे का जोखिम नहीं उठा सकती।  

ईएसएमए (आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम) का लागू किया जाना कर्मचारियों की समस्याओं का हल तो बिल्कुल नहीं है। यह उनके अधिकारों को पूरा करने का समय है।”

इन चार निगमों के बेड़े में 26,000 बसें हैं। प्रबंधन की तरफ़ से दंडात्मक उपायों की धमकी देने के बाद सोमवार को 2,663 बसों ने परिचालन शुरू कर दिया है,क्योंकि कुछ कर्मचारी काम पर लौट आये हैं।

इन निगमों ने हड़ताली कर्मचारियों को यह चेतावनी भी दी है कि अगर वे काम पर नहीं लौटते हैं,तो अंतर-निगम स्थानांतरण के अनुरोध भी रोक दिए जायेंगे। प्रकाश ने कहा,"सरकार और अफ़सर उनकी लंबे समय से लंबित मांगों को हल करने के बजाय हड़ताल कर रहे प्रदर्शनकारियों को धमकी देने के लिए उन्हें पीड़ित किये जाने का सहारा ले रहे हैं।"

हिंसा की घटनायें

स्थानीय रिपोर्टों के मुताबिक़,हिंसा की घटनायें भी सामने आयी हैं,क्योंकि प्रदर्शनकारियों और अज्ञात लोगों ने सोलह बसों को नुकसान पहुंचाया है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Karnataka: ‘Thaalis Banged’ on Sixth Day of KSRTC Workers Strike

KSRTC
Road Transport Workers
BMTC
CITU
Bengaluru
BJP
workers union
KSRTC strike
Pay Revision

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License