श्रीनगर और कश्मीर के अन्य हिस्सों में टैक्सी और टेम्पो स्टैंड ख़ाली पड़े हैं; हर रोज़ आते हैं और पर्यटकों का इंतज़ार करते हैं, मगर कोई नहीं आता। अगस्त 2019 के बाद से कश्मीर के पर्यटन उद्योग में लगातार कमी आई है। अनुच्छेद 370 और 35ए को ख़त्म करने और लॉकडाउन की वजह से उनकी ज़िंदगियों में संकट बढ़ गया है जो अपने जीवनयापन के लिए पर्यटन उद्योग पर निर्भर थे।