NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कश्मीर : यूएपीए का इल्ज़ाम ख़ारिज, गुजरात जेल में 12 साल से क़ैद बशीर रिहा
हालांकि बशीर ने जेल में रहते अपने अब्बा को खो दिया और बेशुमार दुख भी झेले, लेकिन अब वे भविष्य की ओर उम्मीद से देखते हैं। जेल में रहते उन्होंने तीन-तीन विषयों में मास्टर डिग्रियां हासिल की हैं।
अनीस ज़रगर
01 Jul 2021
कश्मीर : यूएपीए का इल्ज़ाम ख़ारिज, गुजरात जेल में 12 साल से क़ैद बशीर रिहा
रिहाई के बाद श्रीनगर शहर के रैनावाड़ी मोहल्ले के अपने घर में अपनी अम्मा के साथ बशीर अहमद बाबा। फोटो: कमरान यूसूफ 

श्रीनगर : आतंक के मामले गुजरात की जेल में 12 साल की कैद के बाद बशीर अहमद बाबा (44)  रिहा कर दिए गए हैं। उन पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत लगाए गए सभी इल्जामात को अब खारिज कर दिया  गया है, जिसके बाद वे अपने परिवार के साथ घर लौट आए हैं। 

बशीर और उनका परिवार उनके “बेगुनाह” साबित हो जाने से काफी खुश हैं, हालांकि इसमें एक दशक से भी अधिक समय जाया हो गया है।

उनके जेल में रहने के दरम्यान ही, उनके परिवार के कई लोग गुजर गए, जिनमें उनके चाचा और उनके अब्बा गुलाम नबी बाबा भी शामिल हैं। बशीर के अब्बा ठेकेदार थे, जो तीन साल तक पेट के कैंसर से पीड़ित रहने के बाद आखिरकार 2017 में चल बसे थे। इस बारे में बशीर को कई रोज तक कोई खबर नहीं मिली थी। अदालत में उनकी पेशी पर ही अब्बा के इंतकाल के बारे में मालूम हुआ था। 

बशीर श्रीनगर शहर के रैनावारी मोहल्ले के अपने घर के पास ही एक कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र चलाते थे और एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) में सहायक परियोजना अधिकारी के पद पर काम करते थे, जहां उन्हें मेडिकल कैम्प लगाने, खास कर बच्चों के कटे-फटे होंठों के लिए चिकित्सा शिविरों के आयोजन का जिम्मा दिया गया था। 

फरवरी 2010 में, उन्होंने गुजरात में आयोजित एक कार्यशाला में प्रशिक्षण लेने के लिए कश्मीर छोड़ दिया था। लेकिन यहां से लौटने के एक रोज पहले उन्हें गुजरात के आणंद जिले के समरखा गांव के करीब आतंक निरोधी दस्ता (एटीएस) द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद, उन पर आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से ताल्लुकात रखने का इल्जाम चस्पां कर दिया गया। एटीएस ने आरोप लगाया कि वे युवकों को “आतंक के  प्रशिक्षण” के लिए एक नेटवर्क बना रहे थे। बशीर पर लगाए गए इस इल्जाम को उनके परिवार वालों ने तभी खारिज कर दिया था। 

गिरफ्तारी के पहले, बशीर कम्प्यूटर एपलिकेशन में डिप्लोमाधारक थे, लेकिन अब जेल से वे राजनीति विज्ञान, लोक प्रशासन और बौद्धिक परिसंपत्ति कानून जैसे तीन विषयों में मास्टर डिग्रियां हासिल कर लौटे हैं। 

बशीर ने न्यूजक्लिक से कहा, “जेल में मैं अपना ज्यादतर समय पढ़ाई में लगाता था। मैं मुतमईन था कि एक दिन मेरी बेगुनाही साबित हो ही जाएगी और मैं जेल से रिहा कर दिया जाऊंगा।” 

अब बशीर पहले से एक अलहदा हैसियत वाले कश्मीर में लौटे हैं, उन्होंने कहा, “फ्लाईओवर बने गए हैं, काफी मार्केट खुल गए हैं, सड़कों पर आवाजाही बढ़ गई है तो उदासी के मंजर भी बढ़ गए हैं।”

बशीर ने कहा, जब से लौटे हैं, तब से उन्हें कश्मीर में “बेरोजगारी, खुदकुशी और हिंसा” के मामले में इजाफे की खबरें सुनने को मिल रही हैं।

बशीर ने यह भी कहा कि वे अपने वकील जावेद खान के बहुत शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने उनके कैद में रहने के दौरान काफी मदद की थी। बशीर ने याद करते हुए हमें बताया कि, “जब उन्हें मेरे मामले के बारे में मालूमात हुआ और मेरे परिवार के खस्ता हालात को देखा-जाना तो उन्होंने अपनी फीस लेने से मना कर दिया।” 

हालांकि जावेद खान का बशीर की बेगुनाही पर अदालत की मुहर लगने के चंद रोज ही पहले का इंतकाल हो गया, और वे उन्हें रिहा होते नहीं देख सके। 

बशीर उन सैकड़ों कश्मीरियों में शामिल हैं, जो कश्मीर सहित देश की विभिन्न जेलों में पिछले तीन दशकों से कैद हैं। उनमें से कई लोग भारत के विभिन्न शहरों में बम विस्फोटों की साजिश करने तथा “आतंक” से संबंधित  गतिविधियों में हिस्सा लेने की दफाओं में गिरफ्तार किए गए हैं। बीते सालों में, इनमें से कई लोग देश की अदालत द्वारा बेगुनाह साबित हुए हैं और बाइज्जत बरी भी हुए हैं। 

बशीर की अम्मी मोख्त ने न्यूजक्लिक से कहा कि वे अपने बेटे की रिहाई के लिए रोज दुआ करती थीं। “उनकी गिरफ्तारी से बाद से हमारे परिवार ने बहुत दुख झेला है। मेरे शौहर को पेट के कैंसर का निदान हुआ और घर में दो-दो बेटियां अनब्याही थीं। हमारी शिकस्ती को सिर्फ अल्लाह ही जानते हैं।”

अब बशीर की दोनों बहनों की शादी हो चुकी है और उनका भाई नाज़िर अहमद अपने परिवार की सहायता के लिए सेल्समैन का काम करते हैं। उनकी शादी अभी नहीं हुई है। 

नाज़िर ने कहा, “मेरे अब्बा के इंतकाल के बाद सब कुछ बदल गया है। ….मुझे बस अपने भाई की रिहाई का इंतजार था। मैं जानता था कि वे बेगुनाह हैं और एक रोज उनकी रिहाई हो जाएगी, इसको लेकर अल्लाह की रहमत पर हमारा पुख्ता यकीन था।” 

अब अपने भाई के लौट आने के बाद वे दोनों एक साथ ही शादी की योजना बना रहे हैं। 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें।

Kashmir: UAPA Charges Cleared, Man Returns after 12 Years in Gujarat Jail

Bashir Ahmad Baba
Jammu and Kashmir
UAPA
political prisoner
Gujarat ATS
Terrorism

Related Stories

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 

यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा

विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी

आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद

जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती


बाकी खबरें

  • sedition
    भाषा
    सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह मामलों की कार्यवाही पर लगाई रोक, नई FIR दर्ज नहीं करने का आदेश
    11 May 2022
    पीठ ने कहा कि राजद्रोह के आरोप से संबंधित सभी लंबित मामले, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाना चाहिए। अदालतों द्वारा आरोपियों को दी गई राहत जारी रहेगी। उसने आगे कहा कि प्रावधान की वैधता को चुनौती…
  • बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    एम.ओबैद
    बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    11 May 2022
    "ख़ासकर बिहार में बड़ी संख्या में वैसे बच्चे जाते हैं जिनके घरों में खाना उपलब्ध नहीं होता है। उनके लिए कम से कम एक वक्त के खाने का स्कूल ही आसरा है। लेकिन उन्हें ये भी न मिलना बिहार सरकार की विफलता…
  • मार्को फ़र्नांडीज़
    लैटिन अमेरिका को क्यों एक नई विश्व व्यवस्था की ज़रूरत है?
    11 May 2022
    दुनिया यूक्रेन में युद्ध का अंत देखना चाहती है। हालाँकि, नाटो देश यूक्रेन को हथियारों की खेप बढ़ाकर युद्ध को लम्बा खींचना चाहते हैं और इस घोषणा के साथ कि वे "रूस को कमजोर" बनाना चाहते हैं। यूक्रेन
  • assad
    एम. के. भद्रकुमार
    असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की
    11 May 2022
    राष्ट्रपति बशर अल-असद का यह तेहरान दौरा इस बात का संकेत है कि ईरान, सीरिया की भविष्य की रणनीति का मुख्य आधार बना हुआ है।
  • रवि शंकर दुबे
    इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा यूपी में: कबीर और भारतेंदु से लेकर बिस्मिल्लाह तक के आंगन से इकट्ठा की मिट्टी
    11 May 2022
    इप्टा की ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में गीतों, नाटकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन किया जा रहा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License