NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
केन्या : पेट्रोलियम कंपनी ने यूनियन में शामिल हुए मज़दूरों को निकाला
केन्या पेट्रोलियम ऑयल वर्कर्स यूनियन को स्वीकार करने के कोर्ट के आदेश के बावजूद, कंपनी ने यूनियन में शामिल हुए 30 मज़दूरों को काम से निकाल दिया है। कंपनी ने उन पेट्रोल पंपों को भी आउटसोर्स कर दिया है जहाँ के ज़्यादातर कर्मचारी यूनियन में शामिल हुए थे।
पीपल्स डिस्पैच
24 Jan 2020
kenya

पेट्रो ऑयल केन्या लिमिटेड ने अपने 30 कर्मचारियों को काम से निकाल दिया है क्योंकि वे केन्या पेट्रोलियम ऑयल वर्कर्स यूनियन(केपीओडबल्यूयू), जो इंडस्ट्रियल ग्लोबल यूनियन से संबद्ध है, में शामिल हुए थे। केपीओडबल्यूयू कंपनी के ज़्यादातर कर्मचारियों का नेतृत्व करती है। इंडस्ट्रियल ने कंपनी द्वारा यूनियनों पर हो रहे इन हमलों की निंदा की है और कहा है कि वो मज़दूरों को केन्या के संविधान और आईएलए कन्वेन्शन के तहत मिले अधिकारों के हनन के ख़िलाफ़ लड़ती रहेगी।

केन्या के लेबर क़ानून कहते हैं कि मालिक की ज़िम्मेदारी है कि वो "अगर कोई ट्रेड यूनियन कर्मचारियों की मेजॉरिटी का नेतृत्व कर रही है, और उनके अधिकारों की बात कर रही है तो मालिक उस यूनियन को स्वीकार करे" लेकिन कंपनी केपीओडबल्यूयू की मेजॉरिटी वाले डीज़ल और पेट्रोल पंपों की आउटसोर्सिंग कर के क़ानून की अवहेलना कर रही है।

केपीओडबल्यूयू के महासचिव राफेल ओलाला ने कहा, "हम 30 कर्मचारियों को निकाले जाने, और कर्मचारियों के यूनियन में शामिल होते ही पंपों की आउटसोर्सिंग करने के मक़सद और समय को चुनौती दे रहे हैं। पेट्रो ऑयल केन्या ने यूनियन जॉइन करने की वजह से कर्मचारियों को परेशान, और उनका अप्राधिकरण करते हुए अनुबंध ख़त्म किए हैं। इसे रोकना होगा।"

पेट्रो ऑयल हमेशा से कर्मचारियों के संगठित होने के अधिकारों का हनन करता रहा है। पिछले साल यूनियन ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मोंबासा में देश में लेबर क़ानून के हनन के ख़िलाफ़ इम्प्लॉइमेंट एंड लेबर रिलेशन्स कोर्ट में भी शिकायत की थी।

13 दिसम्बर को कोर्ट को पेट्रो ऑयल को आदेश दिया था कि वो फ़ैसले के 30 दिन के अंदर केपीओडबल्यूयू को स्वीकार करे। इंडस्ट्रियल के महासचिन वाल्टर संचेस ने कंपनी को लिखे एक ख़त में कहा है, "यह बेहद हैरान करने वाला है कि एक कंपनी कोर्ट के फ़ैसले को नकार सकती है, जो फ़ैसला कंपनी के ख़िलाफ़ और यूनियनों के हक़ में है।"

साभार :पीपल्स डिस्पैच

kenya
Petroleum company
Kenya Petroleum Oil Workers Union
Petro Oil Kenya Limited
KPODW

Related Stories

केन्या : वेतन समझौता लागू करने में विफलता पर सरकारी विश्वविद्यालयों के प्रोफ़ेसरों की हड़ताल

संकीर्ण और अहंकारी राष्ट्रवाद से ग्रस्त भारतीय समाज और विदेशी मदद

केन्या के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने काम बंद किया; 7 दिसंबर से नर्से भी हैं हड़ताल पर

केन्या : पुलिस हिंसा और मासूम नागरिकों की हत्या के ख़िलाफ़ जनता का प्रदर्शन

केन्या के मेरु काउंटी में हेल्थकेयर श्रमिक 5 फरवरी के हड़ताल के लिए तैयार


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?
    25 May 2022
    मृत सिंगर के परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्होंने शुरुआत में जब पुलिस से मदद मांगी थी तो पुलिस ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया। परिवार का ये भी कहना है कि देश की राजधानी में उनकी…
  • sibal
    रवि शंकर दुबे
    ‘साइकिल’ पर सवार होकर राज्यसभा जाएंगे कपिल सिब्बल
    25 May 2022
    वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है और अब सपा के समर्थन से राज्यसभा के लिए नामांकन भी दाखिल कर दिया है।
  • varanasi
    विजय विनीत
    बनारस : गंगा में डूबती ज़िंदगियों का गुनहगार कौन, सिस्टम की नाकामी या डबल इंजन की सरकार?
    25 May 2022
    पिछले दो महीनों में गंगा में डूबने वाले 55 से अधिक लोगों के शव निकाले गए। सिर्फ़ एनडीआरएफ़ की टीम ने 60 दिनों में 35 शवों को गंगा से निकाला है।
  • Coal
    असद रिज़वी
    कोल संकट: राज्यों के बिजली घरों पर ‘कोयला आयात’ का दबाव डालती केंद्र सरकार
    25 May 2022
    विद्युत अभियंताओं का कहना है कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 11 के अनुसार भारत सरकार राज्यों को निर्देश नहीं दे सकती है।
  • kapil sibal
    भाषा
    कपिल सिब्बल ने छोड़ी कांग्रेस, सपा के समर्थन से दाखिल किया राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन
    25 May 2022
    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे कपिल सिब्बल ने बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। सिब्बल ने यह भी बताया कि वह पिछले 16 मई…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License