NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
कोलकाता मेट्रो ने 2500 से अधिक अस्थायी कर्मचारियों की छंटनी की
श्रमिकों ने 31 अगस्त को कोलकाता के रेल भवन के सामने विरोध प्रदर्शन की अपील की
संदीप चक्रवर्ती
27 Aug 2021
कोलकाता मेट्रो ने 2500 से अधिक अस्थायी कर्मचारियों की छंटनी की

कोलकाता: 44 वर्षीय गौर प्रमाणिक एक कुशल श्रमिक हैं, जो कोलकाता के मेट्रो रेल में काम करते हैं।  उनकी मां, दो बेटियां और उनकी पत्नी उनकी मजदूरी पर आश्रित हैं, जो प्रमाणिक मेट्रो रेल से कमा कर लाते हैं। बहरहाल, पिछले दो सप्ताहों से भारतीय रेल ने संविदा पर रखे गए मजदूरों की मजदूरी रोक रखी है। उन्होंने इसके लिए वजह महामारी बताई है।

न्यूजक्लिक से बात करते हुए प्रमाणिक ने कहा कि अब उन्हें आजीविका की जरूरतों को पूरी करने के लिए आसपास की जगहों में ग्राहकों की तलाश करनी होगी। मेट्रो रेलवे मेन्स यूनियन (एमआरएमयू) के तापस कुंडु ने न्यूजक्लिक से बात करते हुए कहा कि हालांकि उनके अनुबंध को समाप्त नहीं किया गया है, पर प्रभावी रूप से पटरी के रख-रखाव पर काम करने वाले गैंगमैन सहित सभी 2,500 कर्मचारियों और सभी अस्थायी कर्मचारियों की छंटनी कर दी गई है।

तापस कुंडु अखिल भारतीय रेल कर्मचारी संघ में कोलकाता के मेट्रो रेल के प्रतिनिधि भी हैं। उन्होंने कहा कि एमआरएमयू ने कोलकाता के मेट्रो रेल के प्रधान मुख्य इंजीनियर को कवि सुभाष -दक्षिणेश्वर रूट में रात्रिकालीन रख-रखाव में संविदा कर्मचारियों की कमी के बारे में पत्र भी लिखा है।

प्रशासन ने पटरी के रख-रखाव के लिए 100-150 ट्रैकमेन लगाए हैं, लेकिन पटरी के रखरखाव के लिए 30 स्थायी पदों को भरा जाना अभी भी बाकी है। पत्र में एमआरएमयू ने इसका उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि, ‘ अब प्रशासन लगभग 50 ट्रैकमेन के वर्तमान श्रमबल पर दबाव डालने पर विचार कर रहा है जो न केवल बेतुका है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के साथ समझौता करने की कोशिश भी है। हमने सुरक्षा वर्ग में रिक्तियों को भरने का मुद्वा उठाया था।

इससे पूर्व, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) के महासचिव देबंजन चक्रवर्ती ने केंद्रीय रेल मंत्री को यह बताते हुए कि ठेकेदार स्थानीय सत्तारूढ़ दल की मिलीभगत से ईपीएफ के अस्थायी कर्मचारियों को भी प्रभावित कर रहे हैं। उत्तरदायी प्राधिकारियों द्वारा इस मुद्वे का समाधान किया जाना अभी बाकी है। ये सारे कठोर कदम महामारी को बहाना बना कर उठाये जा रहे हैं।

कोलकाता मेट्रो भारत में पहली नियोजित और क्रियाशील रैपिड ट्रांजिट सिस्टम थी। सबसे पहली इसकी योजना 1920 के दशक में बनाई गई थी लेकिन निर्माण कार्य 1970 के दशक में आरंभ हुआ। पहला भूमिगत खंड भवानीपुर (अब नेताजी भवन) से एस्प्लेनेड था, जो 1984 में खुला। लाइन 2 या ईस्ट-वेस्ट कॉरीडोर 2020 में खुला। 2011-12 तक, रेल मंत्रालय ने पांच नई मेट्रो लाइनों के निर्माण तथा विद्यमान नार्थ-साउथ कॉरीडोर के विस्तार की योजना की घोषणा कर दी थी। ये थी-साल्ट लेक-हावड़ा मैदान (लाईन 2 या ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरीडोर), जोका-बीबीडी बाघ ( लाईन 3। बाद में एस्प्लेनेड तक संक्षिप्त कर दिया गया), नोआपारा-बारासात (लाईन 4, बरास्ते हवाई अड्डा), बारानगर-बैरकपुर (लाईन 5), न्यू गरिया-दमदम हवाई अड्डा (लाईन 6 )।

सीटू की पश्चिम बंगाल राज्य समिति के अध्यक्ष सुभाष मुखर्जी के अनुसार,  31 अगस्त को कोलकाता के रेल भवन के सामने अस्थायी मजदूरों द्वारा एक विशाल प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध करने के लिए बैंकिंग क्षेत्र, बीमा क्षेत्र और बंदरगाह तथा डौक मजदूर यूनियन के कर्मचारी प्रदर्शन में भाग लेंगे।

मुखर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य की संपत्तियों को निजी हाथों में दे रही है। उन्होंने बताया कि यह भारत-विरोधी साजिश है। इसकी वजह से सभी सेक्टरों में अस्थायी मजदूरों की छंटनी की नौबत आ गई है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ वर्षों में लगभग 45 सरकारी परियोजनाओं को निजी क्षेत्र को सुपुर्द कर दिया गया है और 31 अगस्त को मजदूर भी इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।

अंग्रेजी में मूल रूप से प्रकाशित लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

Kolkata Metro Lays Off Over 2500 Casual Employees

Kolkata Metro
Metro Railway
indian railways
Casual Workers
Workers' Protest
CITU

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

तमिलनाडु: छोटे बागानों के श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी और कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है

सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी

झारखंड: केंद्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों और निजीकरण के ख़िलाफ़ मज़दूर-कर्मचारी सड़कों पर उतरे!

दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को मिला व्यापक जनसमर्थन, मज़दूरों के साथ किसान-छात्र-महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल का दूसरा दिन, जगह-जगह धरना-प्रदर्शन

पूर्वांचल में ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बीच सड़कों पर उतरे मज़दूर

देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर में दिखा व्यापक असर

दिल्ली: सीटू के नेतृत्व वाली आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन ने आप सरकार पर बातचीत के लिए दबाव बनाया


बाकी खबरें

  • एजाज़ अशरफ़
    दलितों में वे भी शामिल हैं जो जाति के बावजूद असमानता का विरोध करते हैं : मार्टिन मैकवान
    12 May 2022
    जाने-माने एक्टिविस्ट बताते हैं कि कैसे वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि किसी दलित को जाति से नहीं बल्कि उसके कर्म और आस्था से परिभाषित किया जाना चाहिए।
  • न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,827 नए मामले, 24 मरीज़ों की मौत
    12 May 2022
    देश की राजधानी दिल्ली में आज कोरोना के एक हज़ार से कम यानी 970 नए मामले दर्ज किए गए है, जबकि इस दौरान 1,230 लोगों की ठीक किया जा चूका है |
  • सबरंग इंडिया
    सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल
    12 May 2022
    सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ एमपी के आदिवासी सड़कों पर उतर आए और कलेक्टर कार्यालय के घेराव के साथ निर्णायक आंदोलन का आगाज करते हुए, आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाए जाने की मांग की।
  • Buldozer
    महेश कुमार
    बागपत: भड़ल गांव में दलितों की चमड़ा इकाइयों पर चला बुलडोज़र, मुआवज़ा और कार्रवाई की मांग
    11 May 2022
    जब दलित समुदाय के लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई से इलाके के दलित समुदाय में गुस्सा है।
  • Professor Ravikant
    न्यूज़क्लिक टीम
    संघियों के निशाने पर प्रोफेसर: वजह बता रहे हैं स्वयं डा. रविकांत
    11 May 2022
    लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ आरएसएस से सम्बद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता हाथ धोकर क्यों पड़े हैं? विश्वविद्यालय परिसरों, मीडिया और समाज में लोगों की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License