NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
चिराग पासवान के खिलाफ एकजुट हुए लोजपा सांसद, पारस को चुना लोकसभा में दल का नेता
हाजीपुर से सांसद पारस ने कहा, ‘‘ मैंने पार्टी को तोड़ा नहीं, बल्कि बचाया है।’’ उन्होंने कहा कि लोजपा के 99 प्रतिशत कार्यकर्ता पासवान के नेतृत्व में बिहार 2020 विधानसभा चुनाव में जद (यू) के खिलाफ पार्टी के लड़ने और खराब प्रदर्शन से नाखुश हैं।
भाषा
14 Jun 2021
चिराग पासवान

नयी दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के छह लोकसभा सदस्यों में से पांच ने, दल के मुखिया चिराग पासवान को संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता के पद से हटाने के लिए हाथ मिला लिया है और उनकी जगह उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को इस पद के लिए चुन लिया है।

वहीं, पारस ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए उन्हें एक अच्छा नेता तथा ‘‘विकास पुरुष’’ बताया और इसके साथ ही पार्टी में एक बड़ी दरार उजागर हो गई क्योंकि पारस के भतीजे चिराग पासवान जद (यू) अध्यक्ष के धुर आलोचक रहे हैं।

हाजीपुर से सांसद पारस ने कहा, ‘‘ मैंने पार्टी को तोड़ा नहीं, बल्कि बचाया है।’’ उन्होंने कहा कि लोजपा के 99 प्रतिशत कार्यकर्ता पासवान के नेतृत्व में बिहार 2020 विधानसभा चुनाव में जद (यू) के खिलाफ पार्टी के लड़ने और खराब प्रदर्शन से नाखुश हैं।

पारस ने कहा कि उनका गुट भाजपा नीत राजग सरकार का हिस्सा बना रहेगा और पासवान भी संगठन का हिस्सा बने रह सकते हैं।

चिराग पासवान के खिलाफ हाथ मिलाने वाले पांच सांसदों के समूह ने पारस को सदन में लोजपा का नेता चुनने के अपने फैसले से लोकसभा अध्यक्ष को अवगत करा दिया है। हालांकि पारस ने इस संदर्भ में कोई टिप्पणी नहीं की।

पारस के पत्रकारों से बात करने के बाद चिराग पासवान राष्ट्रीय राजधानी स्थित उनके चाचा के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे। पासवान के रिश्ते के भाई एवं सांसद प्रिंस राज भी इसी आवास में रहते हैं।

पारस और प्रिंस के आवास पर करीब 90 मिनट तक रुकने के बाद पासवान वहां से मीडिया से बात किए बिना ही चले गए। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों असंतुष्ट सांसदों में से उनसे किसी ने मुलाकात नहीं की। एक घरेलू सहायक ने बताया कि पासवान जब आए तब दोनों सांसद घर पर मौजूद नहीं थे।

सूत्रों ने बताया कि असंतुष्ट लोजपा सांसदों में प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीना देवी और महबूब अली कैसर शामिल हैं, जो चिराग के काम करने के तरीके से नाखुश हैं। 2020 में पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा का कार्यभार संभालने वाले चिराग अब पार्टी में अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं।

उनके करीबी सूत्रों ने जनता दल (यूनाइटेड) को इस विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पार्टी लंबे समय से लोजपा अध्यक्ष को अलग-थलग करने की कोशिश कर रही थी क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जाने के चिराग के फैसले से सत्ताधारी पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा था।

चिराग पासवान ने जो बोया था, वही काटा है : जदयू

पटना: लोजपा में उत्पन्न संकट के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने सोमवार को कहा कि चिराग पासवान वही काट रहे हैं, जो उन्होंने बोया था।

जदयू को पिछले साल विधानसभा चुनाव में लोजपा प्रमुख चिराग के विरोध के कारण नुकसान उठाना पड़ा था।

लोजपा संस्थापक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में पार्टी में विद्रोह के बारे में पूछे जाने पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा, ‘‘एक मशहूर कहावत है कि जैसा आप बोते हैं, वैसा ही काटते हैं। चिराग पासवान एक ऐसी पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे जो राजग के साथ थी। फिर भी उन्होंने ऐसा रुख अपनाया जिसने विधानसभा चुनाव में इसे नुकसान पहुंचाया। इससे उनकी अपनी पार्टी के भीतर बेचैनी की भावना पैदा हुई।’’

रामविलास के पुत्र एवं जमुई से सांसद चिराग पासवान ने पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और जदयू के सभी उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे जिनमें से कई भाजपा के बागी थे।

हालांकि, विधानसभा चुनाव में सहयोगी पार्टी भाजपा से कम सीट जीतने के बावजूद नीतीश के नेतृत्व में राज्य में जदयू की ही सरकार बनी थी।

रामविलास की पुरानी संसदीय सीट हाजीपुर का प्रतिनिधित्व करने वाले पशुपति कुमार पारस द्वारा नीतीश की प्रशंसा किए जाने संबंधी सवाल पर जदयू अध्यक्ष ने कहा, ‘‘वह संसद के लिए चुने जाने तक राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री थे। हम लोगों के बीच अत्यंत सौहार्दपूर्ण संबंध था।’’

जदयू प्रमुख ने चिराग पर नकारात्मक राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि इसीलिए वह अपनी पार्टी के भीतर ही हाशिए पर पहुंच गए।

लोजपा के बागी सांसदों के जदयू में शामिल होने संबंधी अटकलों पर सिंह ने कहा, ‘‘कई औपचारिकताएं पूरी की जानी हैं। बगावत करने वाले पांच सांसदों को लोकसभा अध्यक्ष द्वारा एक स्वतंत्र समूह के रूप में अधिसूचित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने पहले ही कहा है कि वे राजग में बने रहेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में राजग में सिर्फ भाजपा और हमारी पार्टी है। वे जिस भी पार्टी में शामिल होंगे, वे हमारे साथ रहेंगे।’’

सिंह ने एक या एक इससे अधिक बागी लोजपा सांसदों को जदयू कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने संबंधी अटकलों पर टिप्पणी से इनकार किया और कहा कि सभी राजग सहयोगियों को ‘‘सम्मानजनक’’ हिस्सा मिलना चाहिए।

लोजपा के अकेले विधायक राजकुमार सिंह के बिहार विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव में राजग उम्मीदवार महेश्वर हजारी के पक्ष में मतदान करने के बाद जदयू में शामिल होने के बमुश्किल तीन महीने बाद में केंद्रीय स्तर पर इस दल में यह घटनाक्रम सामने आया है।

Chirag Paswan
Lok Janshakti Party

Related Stories

क्या बिहार उपचुनाव के बाद फिर जाग सकती है नीतीश कुमार की 'अंतरात्मा'!

कार्टून क्लिक : फिर आया कुर्ते बदलने का मौसम

क्षणिक सफलता नहीं: लोजपा का बंटवारा बिहार में दलित राजनीति को बना या बिगाड़ सकता है

अगले चुनावी साल से पहले भाजपा को सता रही हैं पिछली गलतियां

एलजेपी में टूट : रफ़्तार के बाद आये सामाजिक ठहराव को थामे रखने की सियासी कोशिश!

विपक्ष के बहिष्कार के बीच नीतीश कुमार ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ

कार्टून क्लिक : बिहार में 'चिराग़' की रोशनी से जगमगाया बीजेपी का चेहरा!

बिहार चुनाव: मतगणना के रुझान और ज़मीनी हक़ीक़त

बिहार चुनाव: कांटे की टक्कर?

यूपी-बिहार में दलित-राजनीति की दुर्गति!


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License