NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
सोशल मीडिया
भारत
राजनीति
मोदी जी के 'मन की बात' को लाखों की संख्या में लोग कर रहे हैं नापसंद,क्या है वजह?
सोशल मीडिया के महारथी कहे जाने वाले मोदी जी के लिए और उनकी पार्टी के लिए ये नया अनुभव है। क्योंकि इससे पहले ‘मन की बात’ या किसी भी बात को लेकर शायद ही कभी लोगों का रवैया इतना नेगेटिव रहा हो ।
मुकुंद झा
31 Aug 2020
मन की बात
फोटो साभार : डीडी न्यूज़

मोदी जी के 'मन की बात' आम जनता से कितनी दूर है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया  जा सकता है कि मन की बात के वीडियो जिस भी यूट्यूब चैनल से डाले गए वहां उसे पसंद से कई गुना नापसंद किया गया। यह वीडियो भारतीय जनता पार्टी, प्रधानमंत्री कार्यालय,पीआईबी इण्डिया और नरेंद्र मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 30 अगस्त को अपलोड किए गए। सभी जगह मन की बात के वीडियो पर लोगों ने पसंद कम किया और नापसंद अधिक किया और कमेंट कर भी सरकार की आलोचना की।

सोशल मीडिया के महारथी कहे जाने वाले मोदी जी के लिए और उनकी पार्टी के लिए ये नया अनुभव है। क्योंकि इससे पहले ‘मन की बात’ या किसी भी बात को लेकर शायद ही कभी लोगों का रवैया इतना नेगेटिव रहा हो।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है ‘मन की बात’, जिसके जरिए वह हर महीने देशवासियों को संबोधित करते हैं और अपने मन की बात साझा करते हैं। रविवार, 30 अगस्त को यह उनका 68वां कार्यक्रम था। ये कार्यक्रम आकाशवाणी और दूरदर्शन के समूचे नेटवर्क पर प्रसारित किया जाता है। इसके साथ ही यह अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से भी प्रसारित किया जाता है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 जुलाई को मन की बात कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित किया था।

BJP के यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो को आज सोमवार, दोपहर, ख़बर लिखे जाने तक 1 .6 मिलियन लोगों ने यानी 16 लाख लोगों ने देखा है और इसे मात्र 66 हज़ार लोगों ने पसंद किया है, जबकि 4 लाख 55 हज़ार लोगों ने इस नापसंद किया है।

BJP.PNG

नरेंद्र मोदी नाम के यूट्यूब चैनल में वीडियो को 8 लाख से अधिक लोगों ने देखा परन्तु पसंद केवल 45 हज़ार लोगों ने किया, जबकि एक लाख से अधिक लोगों ने नापसन्द किया है। 

N MODI PAGE.PNG

PMO इंडिया पर इस वीडियो को भी 8 लाख से अधिक लोगों ने देखा, लेकिन मात्र 37 हज़ार लोगों ने इसे पसंद किया जबकि 71 हज़ार ने यहां भी इसे नापसन्द किया।

PMO INDIA.PNG

इसके साथ ही पीआईबी इण्डिया के चैनल पर भी मन की बात का हश्र ऐसा ही हुआ। वहां भी मात्र 4 हज़ार लोगों ने इस वीडियो को पसंद किया जबकि 10 हज़ार से अधिक लोगों ने इसे नापसन्द किया। इन आकड़ों में लगातार बदलाव हो रहा है।

PIB INDIA.PNG

हाल के सालों में पहला मौका है जब प्रधानमंत्री की सोशल मीडिया पर इतनी किरकिरी हुई और उनका आईटी सेल भी उन्हें इससे बचा न पाया हो। ये सर्वविदित है कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी का आईटी सेल कितना बड़ा है और तेज़ भी, लेकिन इसबार ऐसा लग रहा है मोदी जी को अकेला छोड़ वो भी छुट्टी पर चला गया है। क्योंकि हमने वीडियो के कमेंट सेक्शन में जाकर सैकड़ों कमेंट पढ़े लेकिन कोई भी सरकार या मोदी जी का पक्ष लेता हुए नहीं दिखा। तो अब सवाल उठता है कि क्या इस कोरोना और बेरोज़गारी के काल में सरकार की गलत नीतियों ने लोगों के संयम को तोड़ दिया है? हालांकि मोदी जी अपने ‘मन की बात’ में लोगों के संयम की तारीफ़ की थी। परन्तु जिस तरह की प्रतिक्रिया आई है उससे लग रहा है लोग मोदी जी के 'भाषण ही मेरा शासन' की थ्योरी से परेशान हो चुके हैं और अब वो रोजगार,शिक्षा और अर्थव्यवस्था पर कुछ ठोस चाहते हैं, जो मोदी सरकार उन्हें नहीं दे पा रही है।

लेकिन इसबार उन्होंने ऐसा क्या कहा, जिसे इस क़दर नापसंद किया गया? यह जानने-समझने के लिए हमने पूरा वीडियो देखा-सुना और नीचे के सैकड़ों कमेंट पढ़े। पीएम ने इस बार ओणम त्योहार की बात की और भारतीय उद्यमियों को खिलौनों के कारोबार में संभावनाएं तलाशने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा, "ग्लोबल टॉय इंडस्ट्री 7 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की है लेकिन इतने बड़े कारोबार में भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है। "

मोदी जी ने डिवेलपर्स को भारत में कंप्यूटर गेम्स बनाने का भी आग्रह किया उन्होंने कहा, " अब सभी के लिए लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने का वक़्त आ गया है।"

इसके साथ ही उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वो देसी नस्ल के कुत्तों को पालें, आर्मी में भी देसी नस्ल के कुत्तों को पालने पर ज़ोर दिया, आने वाले शिक्षक दिवस का ज़िक्र किया, सितंबर को पोषण माह बनाने की घोषणा की। परन्तु उन्होंने अपने पूरे एक तरफ़ा भाषण में कहीं भी देश के सबसे ज्वलंत मुद्दे बेरोजगारी, डूबती अर्थव्यवस्था या फिर बढ़ते कोरोना के मामले के बीच NEET और JEE की परीक्षा के आयोजन पर कुछ भी नहीं कहा। इसी बात को लेकर अधिकतर लोगों में भारी गुस्सा दिखा। सबसे अधिक लोग सरकार द्वारा इस महामारी के बीच परीक्षा के आयोजन कराने के निर्णय के ख़िलाफ़ दिखे।

इसके अलावा ट्विटर पर भी हैशटैग 'स्टूडंट्स डिस्लाइक पीएम मोदी अभियान चल रहा है सोमवार दोपहर तक इस हैशटैग के साथ करीब 2,79,000 ट्वीट किए जा चुके थे। अधिकतर ट्वीट में लोग 'नीट' को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं।

'नीट' भारत में चिकित्सा और दंत-चिकित्सा के कॉलेजों में दाखिला लेने की एक सेंट्रल परीक्षा है, जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित किया जाता है। इस साल ये परीक्षा 13 सितंबर को होनी है। हालांकि इसका भारी विरोध हो रहा है परन्तु सरकार ने दलील दी कि परीक्षा स्थगित नहीं होनी चाहिए क्योंकि सभी प्रत्याशी महीनों से तैयारी कर रहे हैं और परीक्षा के स्थगित होने से उनका पूरा एक साल बर्बाद हो जाएगा। लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप में सरकार के नाकाफ़ी इंतज़ाम और दलीलों से छात्रों का गुस्सा और ज़्यादा बढ़ रहा है।

Narendra modi
mann ki baat
youtube
Disliking Mann ki Baat
twitter
BJP
PMO
JEE-NEET

Related Stories

बीजेपी के चुनावी अभियान में नियमों को अनदेखा कर जमकर हुआ फेसबुक का इस्तेमाल

फ़ेसबुक पर 23 अज्ञात विज्ञापनदाताओं ने बीजेपी को प्रोत्साहित करने के लिए जमा किये 5 करोड़ रुपये

चुनाव के रंग: कहीं विधायक ने दी धमकी तो कहीं लगाई उठक-बैठक, कई जगह मतदान का बहिष्कार

पंजाब विधानसभा चुनाव: प्रचार का नया हथियार बना सोशल मीडिया, अख़बार हुए पीछे

अफ़्रीका : तानाशाह सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए कर रहे हैं

‘बुल्ली बाई’: महिलाओं ने ‘ट्रोल’ करने के ख़िलाफ़ खोला मोर्चा

मुख्यमंत्री पर टिप्पणी पड़ी शहीद ब्रिगेडियर की बेटी को भारी, भक्तों ने किया ट्रोल

सांप्रदायिक घटनाओं में हालिया उछाल के पीछे कौन?

हेट स्पीच और भ्रामक सूचनाओं पर फेसबुक कार्रवाई क्यों नहीं करता?

वे कौन लोग हैं जो गोडसे की ज़िंदाबाद करते हैं?


बाकी खबरें

  • रवि शंकर दुबे
    ‘’मुसलमानों के लिए 1857 और 1947 से भी मुश्किल आज के हालात’’
    05 Apr 2022
    ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव रहमानी ने आज के दौर को 1857 और 1947 के दौर से ज़्यादा घातक बताया है।
  • भाषा
    ईडी ने शिवसेना सांसद संजय राउत से संबंधित संपत्ति कुर्क की
    05 Apr 2022
    यह कुर्की मुंबई में एक 'चॉल' के पुनर्विकास से संबंधित 1,034 करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन की जांच से संबंधित है। 
  • सोनया एंजेलिका डिएन
    क्या वैश्वीकरण अपने चरम को पार कर चुका है?
    05 Apr 2022
    पहले कोरोना वायरस ने एक-दूसरे पर हमारी आर्थिक निर्भरता में मौजूद खामियों को उधेड़कर सामने रखा। अब यूक्रेन में जारी युद्ध ने वस्तु बाज़ार को छिन्न-भिन्न कर दिया है। यह भूमंडलीकरण/वैश्वीकरण के खात्मे…
  • भाषा
    श्रीलंका के नए वित्त मंत्री ने नियुक्ति के एक दिन बाद इस्तीफ़ा दिया
    05 Apr 2022
    श्रीलंका के नए वित्त मंत्री अली साबरी ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। एक दिन पहले राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अपने भाई बेसिल राजपक्षे को बर्खास्त करने के बाद उन्हें नियुक्त किया था।
  • भाषा
    हरियाणा के मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ मामले पर विधानसभा में पेश किया प्रस्ताव
    05 Apr 2022
    हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मनोहर लाल द्वारा पेश प्रस्ताव के अनुसार, ‘‘यह सदन पंजाब विधानसभा में एक अप्रैल 2022 को पारित प्रस्ताव पर चिंता व्यक्त करता है, जिसमें सिफारिश की गई है कि…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License