प्रतियोगिता का दौर चल रहा है… कि कैसे खुद को दूसरे से बड़ा देशभक्त साबित किया जाए, लेकिन खुद को साबित करने की जुगत में एक तबका देशभक्त तो नहीं बन सका… 'भक्त' जरूर बन गया। किसका भक्त? इतना तो सब समझते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर भी ऐसे भक्तों का खूब दबदबा है, अरे भाई गाली-गलौज करने वालों से कौन नहीं डरता?
ऐसे ही भक्तों के चंगुल में फंसकर कुछ दिनों पहले ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर की बेटी ट्रोल हो गई थीं… जिससे परेशान होकर उन्हें अपना ट्वीटर अकाउंट डिलीट करना पड़ा गया था, लिड्डर की बेटी का गुनाह सिर्फ इतना था कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी और उन्हें उत्तर प्रदेश में फैल रही अराजकताओं की ओर ध्यान देने के लिए कहा था, बस फिर क्या था, ट्रोल्स के रूप में भक्तों की पूरी टोली ने अपने नेता को दूध का धुला बताने के लिए लिड्डर की 17 साल की बेटी को अनाप-शनाप बोलना शुरू कर दिया।
दरअसल लखीमपुर हिंसा के बाद मचे बवाल के बीच जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वहां जा रही थीं, तब उन्हें सीतापुर में हाउस अरेस्ट कर लिया गया था। इस दौरान उनकी झाड़ू लगाते हुए एक वीडियो वायरल हुई थी, जिसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि- जनता ने प्रियंका को इसी लायक छोड़ा है। इसके बाद ब्रिगेडियर लिड्डर की बेटी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि-
“विपक्ष को अनदेखा करते योगी आदित्यनाथ को देखते हुए उठी. मैं समझ गई हूं. ये राजनीति है. लेकिन बहुत घटिया और ये कहना सही नहीं कि वो(प्रियंका गांधी) 'केवल फर्श साफ करने लायक हैं’, मेरा मतलब, कमाल है. दम नहीं है, लेकिन डींग मारना नहीं छोड़ा. योगी, पहले यूपी में मचे उत्पात को कम करिए।”
बस फिर क्या था, मुख्यमंत्री को आइना दिखाने वाला ये ट्वीट उनके भक्तों को ना-गवार गुजरा, और उन्होंने ब्रिगेडियर की बेटी पर धावा बोल दिया, वो भी तब जब वो अपने पिता ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर के अंतिम संस्कार के बाद परिवार के साथ खुद को संभालने में जुटी थीं।
हालांकि ब्रिगेडियर की बेटी पर भक्तों की भीड़ का सोशल हमला होता देख लोग उनके समर्थन में उतर आए और ट्रोल्स को जमकर लताड़ लगाई… शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा कि-
“17 वर्षीय लड़की, जो इस दुख में भी हिम्मत रखे हुए है, ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया है, जो कि एक शानदार आर्मी ऑफिसर थे। उसे अपने विचारों को लेकर ट्रोल किया जा रहा है। इस कारण उसे अपना अकाउंट डिलीट करना पड़ा। आप कितना नीचे गिरेंगे।”
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम ने भी आशना लिड्डर का समर्थन किया और कहा-
“झूठे ‘देशभक्तों और राष्ट्रवादियों’ पर धिक्कार है, जिन्होंने एक युवा शिक्षित और विचारशील लड़की को ट्विटर से हटने को मजबूर कर दिया।”
कांग्रेस नेता गौरव पांधी ने लिखा-
''योगी आदित्यनाथ और भाजपा विरोधी विचारों के लिए शातिर मोदी भक्तों ने शहीद ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर की साहसी बेटी आशना को ट्रोल किया और गाली दी। इसके बाद आशना ने अपना अकाउंट डिएक्टिवेट कर दिया। ये सब उस समय हो रहा था जब उनके पिता का अंतिम संस्कार हो रहा था। ये आरएसएस का फर्जी राष्ट्रवाद है।’’
भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने ट्वीट कर कहा-
''हम दो भारत में रहते हैं। एक वो जहां 17 वर्षीय साहसी आशना लिड्डर को ट्विटर अकाउंट डिलीट करने पर मजबूर किया जाता है और भाजपा-विरोध विचार रखने पर भाजपा के ट्रोल्स द्वारा राष्ट्रविरोधी कहा जाता है। और दूसरा वो जहां सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा इन ट्रोल्स को राष्ट्रभक्त कहा जाता है।’’
खैर... जिस तरह से ब्रिगेडियर की बेटी को ट्रोल किया गया उनके लिए अपशब्दों का प्रयोग किया गया… ये शर्मनाक है, लेकिन अगर ऐसे लोग खुद को देशभक्त कहने लगेंगे, तो फिर देश के लिए मर मिटने वालों का सम्मान कैसे होगा, क्योंकि आशना के पिता एल एस लिड्डर अपनी पूरी जिंदगी देश लिए जिए हैं, और आखिर वक्त में भी अपनी ड्यूटी ही कर रहे थे। आपको बता दें कि तमिलनाडु के कन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर भी शामिल थे। ब्रिगेडियर लिड्डर, जनरल बिपिन रावत के सुरक्षा सलाहकार भी थे जिनकी मौत पर पूरे देश की आंखे नम हो गयीं थीं।
वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि जिस तरह की हरकत ब्रिगेडियर की बेटी के साथ की गई है, ये योगी सरकार की तानाशाही का नमूना मात्र है, जबकि बड़ा सवाल ये है कि अब तक उन ट्रोल्स पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?